जिले में नहीं लग रहा साइबर क्राइम पर ब्रेक बढ़ते साइबर अपराध से निपटना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती
-बढ़ते साइबर अपराध से निपटना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती -गया में साइबर क्राइम का

जिले में साइबर अपराधों का ग्राफ लगातार बढ़ता जा रहा है। यह पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती बन चुका है। हाल के दिनों में दर्जनों लोगों को साइबर ठगों ने अपना शिकार बनाया। बैंक खातों की रकम पर साइबर अपराधियों की नजर है। फर्जी कॉल्स, सिम स्वाप और ऑनलाइन ठगी के मामले तेजी से बढ़े हैं, जिससे लोग अपनी मेहनत की कमाई गंवा रहे हैं। साइबर अपराधियों ने बैंक खातों की जानकारी हासिल करने के लिए विभिन्न चालाकी से काम करना शुरू कर दिया है, जिनमें बैंक के फर्जी प्रतिनिधि बनकर फोन करना और नकली लिंक्स भेजना शामिल है। पुलिस प्रशासन द्वारा साइबर अपराधियों पर लगाम लगाने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं, लेकिन अपराधी तकनीकी रूप से अधिक विकसित होते जा रहे हैं, जिससे जांच में समस्या उत्पन्न हो रही है। जिला पुलिस को इस चुनौती से निपटने के लिए जागरूकता अभियान चलाने के साथ साइबर सेल की क्षमता को बढ़ाने की आवश्यकता है। लोग भी अपनी सुरक्षा को लेकर सतर्क रहें और अनजान कॉल्स, लिंक्स से दूर रहें, ताकि साइबर अपराध से बचा जा सके।
जनवरी से अब तक एक करोड़ से ज्यादा की ठगी
जनवरी 2025 से अब तक साइबर अपराधियों ने 20 लोगों को अलग-अलग पैंतरे से ठगी का शिकार बनाया और 1 करोड़ 8 लाख 41 हजार 464 रुपये बैंक खातों से उड़ा ले गए। प्रलोभन में आकर अच्छे अच्छे लोग भी साइबर ठगों के झूठे झांसे में आकर ठगी का शिकार हो रहे है। साइबर अपराधी लोगों को कुछ मिनटों में लोन दिलाने के नाम पर, शेयर बजार में पूंजी निवेश करने के नाम पर और कई तरह के निवेश में मुनाफे के नाम पर चूना लगा रहे हैं। बदलते समय के साथ साइबर फ्रॉड के नए-नए पैंतरे भी अपना रहे हैं। इस तरह से लोगों को अपने जाल में फंसाते हैं कि उन्हें समझ में भी नहीं आता कि आखिर उनके साथ क्या हो रहा है। साइबर ठगी के मामले जिस रफ्तार से बढ़ रहे हैं, उसके मुकाबले बरामदगी और शातिरों की गिरफ्तारी काफी कम है। साइबर अपराधियों द्वारा की गई ठगी के मामले बेहद चौंकाने वाले हैं। साल 2025 में कई लोग साइबर ठगी का शिकार हुए, जिसमें कई लोगों की जिंदगीभर की कमाई लुट गई है। इसी साल 11 मार्च को जयप्रकाश नगर के रहने वाले अशोक कुमार सिन्हा से 50.93 लाख रुपये की ठगी कर ली गई।
2024 में साइबर अपराधियों का रहा खौफ
साल 2024 में साइबर अपराधियों ने कई बड़ी ठगी के वारदात का अंजाम देकर लोगों में डर बना दिया। चार जून को बोधगया के एक बौद्ध भिक्षु के खाते से पुलिस का डर दिखाकर 8 लाख, 50 हजार का चूना लगाया। 15 अप्रैल को साइबर ठगों ने शेयर बाजार में पूंजी निवेश के नाम पर एक व्यक्ति 21 लाख रुपये का ठग लिया। आठ अगस्त को बोधगया के एक व्यक्ति से 28 लाख रुपये एक दिन में साफ कर दिए। 22 अगस्त गया के एक नामचीन चिकित्सक के खाते 4 करोड़ 40 लाख रुपये उड़ाकर हड़कंप मचा दिया। 27 दिसंबर को विष्णुपद थाना क्षेत्र के पंतनगर कॉलोनी मोहल्ले के रहने वाले एक व्यक्ति से 11 लाख 92 हजार ठगी की। इस साल 2025 में 1 जनवरी को रेलवे इंजीनियर से 12.57 लाख रुपये की ठगी का मामला सामने आया। इसी माह 14 जनवरी को पंजाबी कॉलोनी में रहने वाले एक व्यवसायी से शातिरों ने स्मार्ट मीटर रिचार्ज करवाने और बिजली काटने का डर दिखाकर 15.50 लाख रुपये ठगी कर ली। इस मामले में पीड़ित ने साइबर थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी है। हाल में वर्क फ्रॉम होम के नाम पर बोधगया के युवक से 30.84 लाख की ठगी कर ली।
साइबर ठगों का ठगने का नया तरीका
ऑनलाइन ठगी के शिकार प्रतिदिन लोग हो रहे हैं। ऐसा मामला अधिकतर जागरूकता के अभाव में होता है। साइबर अपराधियों ने लोगों को ठगने का नया-नया तरीका अपनाते हैं। ये अपराधी ज्यादातर व्हाट्सएप पर कॉल कर ठग रहे हैं। ये शातिर पुलिस की वर्दी पहनकर खुद को अधिकारी बताते हैं। कॉल करके परिजनों को बताते हैं कि उनका भाई, बेटा, पति करीबी रिश्तेदार उनके कब्जे में है। उसे संगीन आपराधिक मामले में पकड़ा गया है। अगर वे छुड़ाना चाहते हैं तो इसके बदले में उन्हें रुपये देने होंगे। जाल में फंसा कर उन्हें अपना शिकार बनाते हैं।
लोगों को आगाह कर रही है पुलिस
साइबर फ्रॉड के मामले पुलिस लगातार लोगों को आगाह कर रही है। इसके लिए साइबर थाना स्कूल, कॉलेज और गांव गांव घूमकर लोगों को सचेत करने में जुटी है। साइबर एक्सपर्ट का मानना है कि साइबर ठगी से बचने के लिए सतर्कता बहुत जरूरी है। यदि आपके पास सोशल मीडिया में किसी भी अंजान लिंक पर क्लिक न करें। सोशल मीडिया पर अपने अकाउंट को प्राइवेट रखें। अगर कोई पुलिस अधिकारी बनकर कॉल करता है तो हड़बड़ी में कदम न उठाएं। इसके लिए जागरूकता ही बचाव है।
कोट
साइबर ठगी से बचाव को लेकर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। स्कूलों और संस्थानों में जाकर साइबर पुलिस छात्र-छात्राओं व नागरिकों को जागरूक कर रही है। हम खुद को कैसे सावधान रखें यह जरूरी है। अपराधी ठगी के नए-नए तरीके अपना रहे हैं। खुद को ठगों से बचाने के लिए सबसे जरूरी जागरूकता और सतर्कता है। किसी भी अनजान नंबर से आए लिंक को नहीं खोले, मोबाइल पर आए कॉल, मैसेज व ई-मेल पर दिए गए प्रलोभन में आकर अपनी कोई भी निजी जानकारी सांझा नहीं करें। कोई फर्जी अधिकारी बनकर कॉल करता है तो उसको तवज्जो नहीं दें, कॉल डिस्कनेक्ट कर दें और तुरंत इसकी सूचना संबंधित थाने को दें।
-रामानंद कुमार कौशल, सिटी एसपी, गया।
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