साइबर क्राइम और नशे के धंधे पर नकेल कसेंगी बिहार पुलिस की दो नई यूनिट, जानें कैसे काम करेंगी
साइबर अपराध, नशे की रोकथाम को लेकर बिहार पुलिस की दो नई इकाइयां गठित होंगी। केंद्र सरकार के साथ ही राज्य सरकार के गृह विभाग ने साइबर अपराध सह साइबर सुरक्षा इकाई और एंटी नारकोटिक ब्यूरो सह मद्य निषेध इकाई के गठन की मंजूरी दे दी है

बिहार में साइबर अपराध, शराब समेत सूखे नशे की रोकथाम को लेकर बिहार पुलिस की दो नई इकाइयां गठित होंगी। केंद्र सरकार के साथ ही राज्य सरकार के गृह विभाग ने साइबर अपराध सह साइबर सुरक्षा इकाई और एंटी नारकोटिक ब्यूरो सह मद्य निषेध इकाई के गठन की मंजूरी दे दी है। बिहार कैबिनेट की स्वीकृति के साथ ही दोनों इकाइयां काम करने लगेंगी।
सोमवार को सरदार पटेल भवन स्थित बिहार पुलिस मुख्यालय भवन में आयोजित प्रेसवार्ता में एडीजी (मुख्यालय) कुंदन कृष्णन ने बताया कि कैबिनेट की स्वीकृति मिलते ही नवगठित पदों पर पदाधिकारियों का पदस्थापन हो जाएगा। गौर हो कि वर्तमान में साइबर क्राइम और नशीले पदार्थ पर नियंत्रण से जुड़े मामले बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू), जबकि शराब से जुड़े मामले अपराध अनुसंधान विभाग (सीआईडी) के अंतर्गत देखे जाते हैं।
एडीजी मुख्यालय ने बताया कि एंटी नारकोटिक ब्यूरो सह मद्य निषेध इकाई का गठन सूखे नशे के धंधेबाजों पर बड़ी चोट होगी। यह इकाई केंद्र सरकार के नारकोटिक कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) की तर्ज पर काम करेगी और विभिन्न जिलों में इसकी सप्लाई चेन को तलाश कर उसे तोड़ने का काम करेगी। यह नव युवाओं में बगैर डॉक्टर द्वारा स्वीकृत नशीली दवाओं के बढ़ते चलन पर भी रोक लगाएगी।
इकाई के प्रमुख एडीजी या आईजी स्तर के पुलिस अधिकारी होंगे। उन्होंने बताया कि वर्तमान में नेपाल के सीमावर्ती जिलों के साथ भोजपुर और गया जिला सूखे नशे के कारोबार का हॉट स्पॉट बना है। यह भी स्वीकारा कि सूबे में नशे से जुड़ी दवाओं की खपत बढ़ी है, जिस पर नियंत्रण लगाने को प्रभावी उपाय किए जा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि वर्तमान में साइबर अपराध से जुड़े मामलों की देखरेख को लेकर ईओयू नोडल इकाई है। राज्य के सभी 40 जिलों में खोले गये साइबर थाने से लेकर मुख्यालय स्तर पर प्रतिनियुक्ति पदाधिकारी ईओयू के तहत कार्य करते हैं। नयी इकाई के गठन के बाद पूरी व्यवस्था इसके अंतर्गत कार्य करेगी।
नयी इकाई में एसपी (ऑपरेशन), एसपी (सुरक्षा) और एसपी (ट्रेनिंग) के पद होंगे। साइबर लैब भी इसके अधीन आयेंगे। साइबर अपराध सह साइबर सुरक्षा इकाई पर राज्य में साइबर से जुड़े अपराध पर रोक लगाने के साथ ही सरकारी विभागों के डेटा सुरक्षा की जिम्मेदारी भी संभालेगी।