बिहार में बारात निकलने से पहले दूल्हे ने क्यों कर ली खुदकुशी
बारात निकलने से कुछ घंटे पहले दूल्हे की मौत से घर में कोहराम और रोना-धोना मच गया। शादी की तैयारी पर अचानक ब्रेक लग गया और डोली के बदले दूल्हे की अर्थी निकालने की तैयारी शुरू हो गयी। इससे घर में खुशियों के बदले मातम पसर गया।

बिहार में एक दूल्हे ने बारात निकलने से कुछ ही वक्त पहले खुदकुशी कर ली। हैरान कर देने वाला यह मामला भोजपुर जिले के आरा का है। आरा शहर से सटे मुफस्सिल थाना क्षेत्र के छोटकी सनदिया गांव में बारात निकलने से पहले ही दूल्हे ने खुदकुशी कर ली। बाजार से खरीदारी कर लौटने के बाद दूल्हा बागीचे में गया और फांसी लगा ली। वह गले में गमछा बांध कर आम के पेड़ से लटक गया। सदर अस्पताल लाये जाने पर डॉक्टरों की ओर से उसे मृत घोषित कर दिया गया। मृत युवक छोटकी सनदिया गांव निवासी स्व. भुनेश्वर यादव का 30 वर्षीय पुत्र संजीत कुमार था।
वह पटना के दीघा स्थित एक कंस्ट्रक्शन कंपनी में सुपरवाइजर था। हालांकि दूल्हे की ओर से खुदकुशी करने का कारण स्पष्ट नहीं हो सका है। वहीं, मौत के बाद परिजन बिना पोस्टमार्टम कराये शव लेकर चले गए। इधर, दूल्हे की ओर से खुदकुशी किये जाने के बाद उसके घर में कोहराम मच गया। दूल्हे के बड़े भाई रंजीत कुमार ने बताया कि बिहिया थाना क्षेत्र के फिनगी गांव में संजीत की शादी तय हुई थी। दो जून को तिलक आया था। बुधवार को ही बारात जाने वाली थी।
बारात निकलने की तैयारी चल रही थी। दोपहर में संजीत सामान खरीदने बाजार गया था। खरीदारी करने के बाद वह घर लौटा और बिना कुछ कहे गांव स्थित बागीचे में चला गया। कुछ देर तक वह घर नहीं लौटा, तो एक लड़का उसे खोजने गया, तो देखा कि वह गमछा के सहारे आम के पेड़ से लटक हुआ है। सूचना मिलने पर परिजन पहुंचे और उसे इलाज के लिए तत्काल सदर अस्पताल ले जाया गया। वहां डॉक्टरों की ओर से उसे मृत घोषित कर दिया गया।
डोली निकलने की तैयारी थी , उठानी पड़ी अर्थी
बारात निकलने से कुछ घंटे पहले दूल्हे की मौत से घर में कोहराम और रोना-धोना मच गया। शादी की तैयारी पर अचानक ब्रेक लग गया और डोली के बदले दूल्हे की अर्थी निकालने की तैयारी शुरू हो गयी। इससे घर में खुशियों के बदले मातम पसर गया। बताया जा रहा है कि छोटकी सनदिया गांव निवासी संजीत कुमार की बुधवार को बारात जाने वाली थी।
इसे लेकर घर में बारात की तैयारी चल रही थी। बारात जाने से पहले की रस्म पूरी की जा रही थी। दरवाजे पर बैंड-बाजे वाले पहुंच गये थे और मांगलिक धुन पर गहना एवं कपड़ा चढ़ाने की तैयारी भी शुरू हो गयी थी। इसे लेकर घर में चारों ओर खुशियों का माहौल था।