बायजू की याचिका खारिज कीजिए, NCLT से आकाश एजुकेशनल की अपील
आकाश एजुकेशनल ने कहा कि इस मामले में ईएंडवाई की मौजूदगी अनिवार्य है, क्योंकि यह न केवल इसके द्वारा लिए गए कई प्रमुख वित्तीय और रणनीतिक निर्णयों की जानकारी रखती है, बल्कि उनकी सूत्रधार भी है।
कोचिंग संचालक आकाश एजुकेशनल सर्विसेज ने राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) का दरवाजा खटखटाया है। आकाश एजुकेशनल ने एडुटेक प्लेटफॉर्म बायजू की याचिका को खारिज करने और सलाहकार फर्म ईएंडवाई एवं उसके साझेदार अजय शाह को पक्षकार बनाने की अपील की है। आकाश एजुकेशनल सर्विसेज ने अपने आवेदन में बायजू की संचालक कंपनी ‘थिंक एंड लर्न’ की तरफ से दायर याचिका को उत्पीड़न और कुप्रबंधन मुकदमा बताते हुए उसे खारिज करने की अपील की है।
आकाश एजुकेशनल ने कहा कि इस मामले में ईएंडवाई की मौजूदगी अनिवार्य है, क्योंकि यह न केवल इसके द्वारा लिए गए कई प्रमुख वित्तीय और रणनीतिक निर्णयों की जानकारी रखती है, बल्कि उनकी सूत्रधार भी है।
क्या है मामला
दरअसल, थिंक एंड लर्न ने आकाश एजुकेशनल सर्विसेज के खिलाफ एनसीएलटी की बेंगलुरु पीठ के समक्ष एक याचिका दायर की है, जिसमें कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 241 और 242 के तहत कंपनी के मामलों में उत्पीड़न और कुप्रबंधन का आरोप लगाया गया था। बता दें कि थिंक एंड लर्न के पास पूरे देश में 316 कोचिंग सेंटर का संचालन करने वाली कंपनी आकाश एजुकेशनल सर्विसेज की अल्पांश हिस्सेदारी है।
ईवाई पर आकाश एजुकेशनल के आरोप
हाल ही में आकाश एजुकेशनल ने बायजू के साथ जारी कानूनी विवाद में ईएंडवाई पर हितों के टकराव और पेशेवर आचरण के उल्लंघन का आरोप लगाया था। आकाश एजुकेशनल की कानूनी टीम ने 17 मई को लिखे एक पत्र में ईएंडवाई पर दोहरी क्षमता में काम करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि ऑडिट फर्म बायजू और आकाश एजुकेशनल दोनों को सलाह दे रही थी जबकि उसे उनके संबंधों की शत्रुतापूर्ण और मुकदमेबाजी वाली प्रकृति के बारे में पूरी जानकारी थी।
आकाश एजुकेशनल ने इसे 'अनैतिक और कानूनी रूप से असमर्थनीय' बताते हुए कहा है कि मौजूदा कानूनी कार्यवाही की अखंडता बचाए रखने के लिए कदम उठाया गया है। आकाश एजुकेशनल ने ईएंडवाई से सभी तरह की साझेदारी समाप्त करने और कानूनी कार्यवाही में संभावित उपयोग के लिए सभी संचार रिकॉर्ड सुरक्षित रखने की मांग भी की है।