दिसंबर से बंद पड़ा है यह शेयर, ₹10 है भाव, अब सामने आया एक नया अपडेट
कंपनी के दो पूर्व अधिकारियों और एक स्वतंत्र निदेशक ने 2014-15 से 2019-20 तक कंपनी के वित्तीय विवरणों में अनियमितताओं से संबंधित एक मामले को निपटाने के लिए सेबी को 35.4 लाख रुपये की निपटान राशि का भुगतान किया है।

Brightcom group: ब्राइटकॉम ग्रुप के शेयर में लंबे अर्से से ट्रेडिंग नहीं हो रही है। कंपनी के शेयरों का अंतिम शेयर प्राइस 10.28 रुपये है। बता दें कि यह इसका 30 दिसंबर 2024 का बंद प्राइस है। इसके बाद से अब तक इसमें ट्रेडिंग नहीं हुई है और यह शेयर छह महीने से बंद पड़ा है। बता दें कि ब्राइटकॉम ग्रुप के दो पूर्व अधिकारियों और एक स्वतंत्र निदेशक ने 2014-15 से 2019-20 तक कंपनी के वित्तीय विवरणों में अनियमितताओं से संबंधित एक मामले को निपटाने के लिए सेबी को 35.4 लाख रुपये की निपटान राशि का भुगतान किया है।
क्या है डिटेल
यह आदेश के अनुषा और वी श्री लक्ष्मी (बीजीएल के पूर्व अनुपालन अधिकारी) और के जयलक्ष्मी कुमारी, एक स्वतंत्र निदेशक द्वारा मामले को निपटाने के लिए "तथ्यों के निष्कर्षों को स्वीकार या अस्वीकार किए बिना" निपटान आवेदन दायर करने के बाद आया। भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) को अक्टूबर 2020 से मार्च 2021 की अवधि के लिए ब्राइटकॉम ग्रुप लिमिटेड (बीजीएल) के खिलाफ शिकायतें मिलीं, जिसमें बीजीएल के वित्तीय विवरणों में गलत बयानी/अनियमितता का आरोप लगाया गया था। इसके बाद, सेबी ने प्रतिभूति अनुबंध (विनियमन) अधिनियम (एससीआरए) के प्रावधानों के संभावित उल्लंघन का पता लगाने के लिए वित्तीय वर्ष 2014-15 से 2019-20 की अवधि के लिए बीजीएल के मामलों की जांच शुरू की। नियामक ने कथित उल्लंघनों के लिए आवेदकों सहित विभिन्न संस्थाओं को 3 सितंबर, 2024 को कारण बताओ नोटिस (एससीएन) भेजा।
सेबी ने क्या कहा
सेबी ने पाया कि जांच अवधि के दौरान बीजीएल की ऑडिट समिति की सदस्य जयलक्ष्मी यह सुनिश्चित करने में विफल रहीं कि बीजीएल ने लागू लेखांकन मानकों के अनुसार वित्तीय विवरण प्रकाशित किए और कंपनी के मामलों का सही और निष्पक्ष दृष्टिकोण प्रस्तुत किया। अनुषा और लक्ष्मी अपने कार्यकाल के दौरान स्टॉक एक्सचेंजों को उचित तिमाही शेयरधारिता प्रकटीकरण सुनिश्चित करने में भी विफल रहीं।
नियामक ने कहा कि लक्ष्मी ने अप्रैल 2018 में एक आंतरिक लेखा परीक्षक की नियुक्ति के बारे में एक भ्रामक प्रेस विज्ञप्ति भी जारी की। आवेदन प्राप्त होने के बाद, सेबी ने निपटान राशि के भुगतान पर मामले को निपटाने की सिफारिश की, जहां अनुषा ने ₹10.72 लाख का भुगतान किया, जबकि लक्ष्मी और जयलक्ष्मी ने ₹12.35 लाख का भुगतान किया। इसके अलावा, अनुषा ने एक साल तक किसी भी हैसियत से BGL या उसके सहयोगियों के साथ न जुड़ने पर सहमति जताई है। लक्ष्मी और जयलक्ष्मी ने एक साल और दो साल तक किसी भी पेशेवर, रोजगार या सलाहकार की भूमिका में BGL या उसके सहयोगियों के साथ न जुड़ने का वचन दिया है। सेबी के पूर्णकालिक सदस्य अनंत नारायण जी ने आदेश में कहा, "...3 सितंबर, 2024 के एससीएन के तहत आवेदकों के खिलाफ शुरू की गई कार्यवाही का निपटारा किया जाता है।"