14.45 करोड़ लोगों के लिए अच्छी खबर, आयुष्मान पैनल के अस्पतालों में मिलेगा इलाज
- आयुष्मान योजना: इलाज पर पांच या 10 लाख रुपये, जो भी खर्च होगा, वह ईएसआईसी द्वारा दिया जाएगा। ESIC से जुड़े सदस्यों और उनके परिवारजनों को आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत पैनल में शामिल अस्पतालों में भी इलाज की सुविधा मिल सकेगी।

केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय संगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए सामाजिक और स्वास्थ्य सेवा का विस्तार करने जा रहा है। इसके तहत अप्रैल के अंत तक राज्य कर्मचारी बीमा निगम (ESIC) से जुड़े सदस्यों और उनके परिवारजनों को आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत पैनल में शामिल अस्पतालों में भी इलाज की सुविधा मिल सकेगी। केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने मंगलवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इससे 14.45 करोड़ लोगों को फायदा पहुंचेगा।
उन्होंने बताया कि इस दिशा में मंत्रालय स्तर से काम शुरू हो गया है। सभी जरूरी स्वीकृति प्रदान की जा चुकी हैं। हम सिर्फ आयुष्मान योजना से जुड़े पैनल में शामिल अस्पतालों के नेटवर्क का इस्तेमाल करेंगे। बाकी पूरा इलाज खर्च ईएसआईसी द्वारा ही उठाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि आयुष्मान योजना के तहत इलाज खर्च पर पांच लाख तक की सीमा निर्धारित है लेकिन ईएसआईसी के सदस्य और उनके परिजनों के इलाज पर यह सीमा लागू नहीं होगी। उनके इलाज पर पांच या 10 लाख रुपये, जो भी खर्च होगा, वह ईएसआईसी द्वारा दिया जाएगा, क्योंकि ईएसआईसी से जुड़े सदस्य का पहले से बीमा हो रखा है, जिसके जरिए उसका पूरा इलाज खर्च वहन किया जाएगा।
इस तरह पहुंचेगा लाभ
उन्होंने कहा कि चिकित्सा सेवा का विस्तार किए जाने से संगठित क्षेत्र के श्रमिकों को व्यापक लाभ मिलने की उम्मीद है। देश के काफी हिस्सों में ईएसआईसी के अस्पताल नहीं है। अगर अस्पताल हैं तो उनमें कई तरह की बीमारियों से जुड़े इलाज की सुविधा नहीं है या फिर अस्पताल में सारी सुविधाएं उपलब्ध हैं, लेकिन श्रमिकों को ईएसआईसी का अस्पताल अपने घर से दूर पड़ता है तो ऐसी किसी भी स्थिति में श्रमिक आयुष्मान योजना के पैनल में शामिल अस्पताल में अपना इलाज करा सकेगा।
14.45 करोड़ लोग लाभांवित होंगे
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वर्तमान में 3.72 करोड़ ईएसआईसी से जुड़े सदस्य हैं। मौजूदा प्रावधानों के हिसाब से एक सदस्य के परिवार में 3.88 सदस्य माने जाते हैं। इस हिसाब से देखा जाए तो कुल सदस्यों और उनके परिजनों को जोड़कर यह संख्या 14.45 करोड़ बैठती है, जिन्हें व्यापाक चिकित्सा सेवा का लाभ मिलेगा।
उत्तर प्रदेश के 15 जिले के श्रमिक जुड़ सकेंगे ईएसआईसी से
श्रम मंत्रालय ने उत्तर प्रदेश के 15 और जिलों के श्रमिकों को ईएसआईसी का सदस्य बनने के लिए अधिसूचित किया है। अब बांदा को छोड़कर यूपी के 75 में 74 जिले अधिसूचित हो गए हैं। मंत्रालय के इस फैसले से 15 जिलों के 53 हजार श्रमिक लाभांवित होंगे।
परिवार के सदस्यों को जोड़कर देखा जाए तो यह संख्या ढ़ाई लाख से अधिक होगी। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अब तक इन 15 जिलों के श्रमिक ईएसआईसी के सदस्य नहीं बन सकते थे। देशभर के लिहाज से बात करें तो अब भी 89 जिले अधिसूचित होने से बचे हैं, जिन्हें एक वर्ष के अंदर अधिसूचित कर दिया जाएगा। जिन जिलों को अधिसूचित किया जा रहा है, वहां प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधा से लेकर उच्च स्तरीय चिकित्सा सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।
अधिसूचित होने वाले उत्तर प्रदेश के जिले : अंबेडकर नगर, औरैया, बहराइच, गोंडा, हमीरपुर, जालौन, कन्नौज, महाराजगंज, मोहबा, पीलीभीत, सिद्धार्थनगर, शामली, प्रतापगढ़, कासगंज और श्रावस्ती।