नेपाल से आने वाली नारायणी नदी में पानी का दबाव बढ़ा, पीपा का पुल बहा; रेता क्षेत्र के गांवों में परेशानी
कुशीनगर के खड्डा क्षेत्र के भैंसहा घाट पर बना पीपा पुल बह गया है। पुल बहने से आसपास के करीब आधा दर्जन गांवों के लोगों की मुसीबतें बढ़ गई हैं। रेता क्षेत्र के गांवों में रहने वाले लोगों को खड्डा तहसील मुख्यालय तक आने-जाने के लिए दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

नेपाल से निकलने वाली नारायणी नदी का जलस्तर अचानक से बढ़ गया है। इससे कुशीनगर के खड्डा क्षेत्र के भैंसहा घाट पर बना पीपा पुल बह गया है। पुल डूबने से आसपास के करीब आधा दर्जन गांवों के लोगों की मुसीबतें बढ़ गई हैं। पीपा पुल बह जाने के चलते रेता क्षेत्र के गांवों में रहने वाले लोगों को खड्डा तहसील मुख्यालय तक आने-जाने के लिए दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
खड्डा रेता क्षेत्र के मरिचहवा, शिवपुर, नारायनपुर, हरिहरपुर और महराजगंज जिले के सोहगीबरवा, शिकारपुर, भोथहा सहित आदि गांवों में लगभग 25 हजार लोग निवास करते हैं। खड्डा तहसील मुख्यालय आने जाने के लिए कोई सुगम रास्ता नहीं होने के चलते भैंसहा स्थित नारायणी नदी पर पीपा पुल लगाया गया था। जिससे रेता क्षेत्र के रहने वाले लोग महज 10 किलोमीटर दूरी तय कर खड्डा आने जाने लगे। पिछले साल मानसून आने के बाद पीपा पुल हटा लिया गया था। बीते साल 30 नवम्बर के बाद ही पीपा पुल लगना था। लेकिन दिसम्बर का महीना बीत जाने के बाद भी पीपा पुल नहीं लगा। जिसके चलते रेता क्षेत्र के लोग जान जोखिम में डालकर नाव से नदी पार करने के लिए मजबूर थे।
रेता क्षेत्र के लोगों ने इसकी शिकायत विधायक विवेकानन्द पाण्डेय से की थी। उन्होंने रेता वासियों की परेशानियों को देखते हुए पीपा पुल लगाने की पहल की। इसके बाद टेंडर प्रक्रिया पूरी कर भैंसहा घाट पर पीपा पुल लगा दिया गया। लेकिन पिछले महीने (मई में) लगने के 10 दिन बाद ही आंधी-पानी के दबाव में पुल का एक हिस्सा बह गया था जिसे मरम्मत करके दोबारा लगाया गया। मंगलवार को एक बार फिर पानी का दबाव बढ़ा तो पुल का अधिकांश हिस्सा बह गया। मिली जानकारी के अनुसार नदी का डिस्चार्ज अचानक बढ़ा और दबाव के चलते पीपा पुल लगभग एक किलोमीटर दूर तक बह गया है।
सीएम योगी ने अफसरों को बाढ़ को लेकर किया है सतर्क
उधर, मंगलवार को गोरखपुर के गोरखनाथ मंदिर में हुई समीक्षा बैठक में सीएम योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को बाढ़ को लेकर सतर्क किया। उन्होंने अधिकारियों से बाढ़ बचाव की तैयारियों के बारे में जानकारी मांगी। उन्होंने तटबंधों पर हो रहे कामों के बारे में पूछा। उन्हें बताया गया कि 38 कार्यों में से 24 पूरे कर लिए गए हैं और बाकी भी जल्द पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि शहर में जलभराव नहीं होना चाहिए। उन्होंने गोरखपुर के गोड़धोइया नाले की प्रगति के बारे में जानकारी ली। कहा कि जहां कहीं नाला कच्चा हो, वहां भी पानी निकलने का मार्ग बनाएं।