बोले अयोध्या- जंक्शन को चमकाया लेकिन अयोध्या स्टेशन को भुलाया
Ayodhya News - अयोध्या में रामनगरी के विकास के बावजूद, अयोध्या धाम जंक्शन और अयोध्या कैंट रेलवे स्टेशन पर यात्रियों के लिए बुनियादी सुविधाओं का अभाव है। गर्मी के मौसम में यात्री परेशान हैं, क्योंकि पेयजल, शौचालय और...

अयोध्या। आध्यात्मिक रामनगरी का विश्वभर में डंका बज रहा है। देश-विदेश के कोने- कोने श्रद्धालु अयोध्या के लिए कूच करते हैं। श्रद्वालुओं के आवागमन के लिए रेलवे काफी किफायती और आरामदायक परिवहन का साधन है। रेलवे द्वारा यात्रियों के सफर के लिए अयोध्या धाम जंक्शन और अयोध्या कैंट रेलवे स्टेशन से होकर करीब 32 जोड़ी ट्रेनों का परिचालन होता है। जुड़वा रेलवे स्टेशनों से प्रतिदिन औसतन 35 हजार रूटीन के यात्री सफर करते हैं, लेकिन गर्मी के मौसम में रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों की बुनियादी सुविधा दम तोड़ती नजर आ रही है और ट्रेन से सुहाने सफर का दावा महज दिखावा है।
यात्रियों का स्टेशन की दहलीज से ही पसीने से तर-बतर होकर सफर कोमजबूर होना पड़ रहा है, क्योंकि गर्मी से राहत के प्रबंध नाकाफी है और बैठने के लिए सीट, प्लेटफार्म पर शौचालय, गंदगी, पेयजल व अन्य बुनियादी सुविधाओं का अभाव है। इसलिए यात्रियों सुविधाओं के अभाव में कष्ट झेलकर सफर को मजबूर होना पड़ रहा है। रामनगरी के अयोध्या धाम जंक्शन को विदेशी लुक पर स्टेशन का जीर्णोद्वार करके यात्रियों को हाईटेक सुविधाएं मुहैय्या कराई जा रही है, वहीं अंग्रेज के जमाने के स्टेशन अयोध्या कैंट आज भी उसी सूरत में है, हालांकि सुविधाओं में बढ़ोत्तरी की गई पर गर्मी में विश्रामालय में यात्रियों का पसीना बहने से रोकने के कोई इंतजाम नहीं किए गए। रेलवे स्टेशन पर कोई वातानुकूलित प्रतीक्षालय नहीं है और वेटिंग हाल में बैठने की क्षमता यात्रियों की संख्या के मुताबिक काफी कम है। ट्रेनों के इंतजार के समय बैठने के लिए सीट, प्लेटफार्म पर शौचालय का अभाव तथा गंदगी पसरी है। भीषण गर्मी में अयोध्या कैंट रेलवे स्टेशन पर यात्रियों के लिए प्लेट फार्म पर पर्याप्त पंखे का इंतजाम नहीं है और शतल पेयजल सिर्फ नाम के लिए है। इसलिए यात्रियों को प्लेटफार्म की फर्श पर बैठकर ट्रेनों का इंतजार करना पड़ रहा है और अन्य बुनियादी सुविधाओं के अभाव में यात्रियों को दुश्वारियां झेलनी पड़ रही हैं। अयोध्या रामलला प्राण प्रतिष्ठा के बाद रामनगरी की पहचान विश्व फलक पर उभरकर सामने आई है। प्रतिदिन रामनगरी में देश के कोने- कोने से श्रद्वालुओं का आवागमन ट्रेनों के जरिए होता है। प्रभु श्रीराम मंदिर से चंद कदम की दूरी पर श्रद्वालुओं के लिए अयोध्याा धाम जंक्शन को मॉडल के रूप में विकसित करके हाईटेक सुविधाओं से लैस किर दिया गया है। वहीं अपनी पुरानी आभा संजोए अयोध्या कैंट रेलवे स्टेशन की उसकी सूरत आज भी बदहालीपर आंसू बहा रही है। अयोध्या कैंट रेलवे स्टेशन से होकर प्रतिदिन लगभग 32 जोड़ी ट्रेनों के अलावा वंदे भारत व प्रीमियम ट्रेनों का परिचालन होता है और लगभग 17 हजार यात्री प्रतिदिन अयोध्या कैंट स्टेशन से सफर तय करते हैं, लेकिन यात्रियों की सुविधा के नाम पर कोई खास इंतजाम नहीं हैं। यात्रियों के लिए किसी भी प्लेटफार्म पर शौचालय, एसी वेटिंग रूम, वाहन पार्किंग स्टैंड, पेयजल के लिए वाटर व अन्य सुविधाएं नदारद हैं। अयोध्या कैंट रेलवे स्टेशन पर न तो वाई-फाई की सुविधा है और न ही क्षमता के मुताबिक वेटिंग रूम की सुविधा है। स्टेशन पर पुरूष और महिला प्रतीक्षालय है, लेकिन वातानूकूलित प्रतीक्षालय नहीं हैं। जबकि यात्रियों की मांग है कि एसी वेटिंग रूम की स्थापना होनी चाहिए और यात्रियों से किराया क्यों न लिया जाए। महिलाओं के लिए अलग टिकट काउंटर नहीं है। महिलाएं भी पुरूष काउंटर पर कतारबद्व होकर आरक्षण कराने को मजबूर हैं। कैंट रेलवे स्टेशन पर प्लेटफार्म पांच हैं। सभी प्लेट फार्म यात्रियों की क्षमता के मुताबिक बैठने के लिए सीट का अभाव है और एक भी अदद वाटर कूलर नहीं हैं। इसलिए गर्मी के मौसम में यात्रियों की हलक तर नहीं हो पा रही है। प्लेटफार्म नंबर एक पर एक अदद वाटर कूलर लगा है, लेकिन पैसे वहन करने के बाद ही शीतल पेयजल उपलब्ध होता है। इसलिए यात्री स्टाल से बोतलबंद पानी खरीदने को मजबूर हैं। इसके अलावा प्लेटफार्म पर पर्याप्त संख्या में पंखे न होने की वजह से गर्मी में तपकर ट्रेनों को इंतजार करते हैं और पसीना बहाकर सफर को मजबूर हैं। प्लेटफार्म नंबर- एक से लेकर अन्य प्लेट फार्मपर यूरिनल की सुविधा तो कर दी गई है, लेकिन शौचालय अभी भी नहीं बन सका है। इसके अलावा टिकट आरक्षण काउंटर से लेकर प्लेटफार्म व अन्य स्थानों पर साफ- सफाई की व्यवस्था काफी कमजोर है। पूरी सुविधाओं से वंचित है अयोध्या धाम जंक्शन: देश के जाने वाले रेलवे स्टेशनों में शुमार अयोध्या धाम जंक्शन पर अभी भी यात्री सुविधाएं पूरी तरह मुकम्मल नहीं है। सबसे मूलभूत सुविधा पेयजल आपूर्ति और शौचालय की संख्या यात्रियों की संख्या के अनुपात में कम हैं। कॉनकोर में बैठने के लिए सैकड़ों की संख्या में सीट है लेकिन प्लेटफार्म एक, दो और तीन पर यात्रियों को जमीन पर ही बैठना पड़ता है। प्राण प्रतिष्ठा के बाद से ही अयोध्या धाम जंक्शन पर यात्रियों के आवागमन की संख्या प्रतिदिन हजारों में है। एयरपोर्ट की तरह बना स्टेंशन आकर्षक का केंद्र है। हर आने -जाने वाला यात्री परिसर में सेल्फी लेना नहीं भूलता है। लेकिन प्लेटफार्म पर कुछ सुविधाओं की दरकार भी है। गर्मी अधिक होने के कारण इन दिनों पानी की मांग अधिक है। लेकिन प्लेटफार्म पर ठंडे पानी के लिए यात्रियों को जूझना पड़ता है। सामान्य तापमान के पानी की कई टोटियां टूट गई हैं। जिनसे निर्वाध पानी बह रहा है। ठंडे पानी के लिए प्लेटफार्म नंबर एक दो और तीन पर कुछ संख्या में ही स्थल बनाए गए हैं। जिनसे काफी कम मात्रा में पानी निकासी होती है इसलिए ट्रेन रुकने के कुछ मिनट में यात्री पानी नहीं भर पाते हैं। भटिंडा से आये कुलदीप परिवार के साथ प्लेटफार्म नंबर दो पर जमीन पर बैठे दिखाई दिए उन्होंने बताया कि स्टेशन बहुत ही सुंदर और आकर्षक बना हुआ है लेकिन कुछ व्यवस्थाएं और बढ़ा दी जाएं तो यात्रियों को सुविधा मिल सकेगी। उन्होंने बताया नीचे के स्थान पर बैठने के लिए सीट के इंतजाम नहीं हैं। जिससे यात्रियों को मजबूरन जमीन पर बैठना पड़ता है उन्होंने बताया ट्रेन से उतरने पर उन्हें केवल एक शौचालय दिखाई पड़ा उसमें भी काफी भीड़ थी। सुझाव देते हुए बताया कि अगर कुछ व्यवस्थाओं को और बढ़ा दिया जाए तो यात्रियों को सुविधा के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। दिव्यांग व बुजर्ग यात्रियों के लिए समस्या:अयोध्या कैंट रेलवे स्टेशन को हाईटेक स्टेशन बनाने की कवायद तक की सिमटकर रह गया है। स्टेशन पर यात्री सुविधाओं का ढिढोरा पीटा जाता है, लेकिन सुविधाएं जस की तस हैं। यात्रियों को सुविधाओं के अभाव में समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। अयोध्या रेलवे स्टेशन पर बुजुर्ग, मरीज व विकलांगों को ट्रेन तक पहुंचाने के लिए आईआरसीटीसी की ओर से सिटी कार्ट की व्यवस्था की गई थी, लेकिन किराया अधिक होने और संख्या कम होने से यात्रियों की पहुंच से दूर हैं। अयोध्या कैंट रेलवे स्टेशन पर असहायों के लिए व्हीलचेयर की भी व्यवस्था नहीं है। इसलिए जरूरतमंदों को परेशानी उठानी पड़ रही है। दिव्यांग रेल यात्रियों की सुविधा के लिए स्टेशन पर व्हील चेयर का अभाव है। सिर्फ रसूखदार को ही व्हील चेयर उपलब्ध कराई जाने की बात सामने आई है। रेलवे स्टेशन पर बंद एस्केलेटर बढ़ा रहा शोभा: अयोध्या कैंट रेलवे स्टेशन पर यात्री सुविधाओं में बढ़ोत्तरी की गई, लेकिन महज दिखावे तक सिमटकर रह गई है। स्टेशन के प्लेटफार्म नम्बर एक से अन्य प्लेट फार्मों पर जाने के लिए एस्केलेटर की स्थापना की गई है, लेकिन यह कभी- कभार ही चलता है। रेलवे के सूत्रों की मानें तो जब किसी अधिकारी के आने की सूचना मिलती है तो उसे चालू कर दिया जाता है, अन्यथा बिजली की बचत के लिए बन्द कर दिया जाता है। रेल यात्रियों के लिए डग्गामार वाहन ही परिवहन का साधन: यात्रियों के लिए अयोध्या कैंट रेलवे स्टेशन से परिवहन के साधन का कोई इंतजाम नहीं हैं। यात्रियों को घर तक पहुंचने के लिए डग्गामार वाहनों का ही सहारा लेना पड़ता है। यात्रियों से डग्गामार वाहन मनमानी किराया वसूलते हैं। परिवहन निगम की बस या ई- बस का रेलवे स्टेशन से संचालन न होने से यात्रियों को जेब ढीली करना मजबूरी बनी है। रेलवे स्टेशन से ई- रिक्शा, आटो व अन्य निजी वाहनों की भरमार रहती है, लेकिन मंहमांगा किराया वहन करने पर ही गंतव्य तक पहुंचाया जाता है। ‘शीलत जल का स्लोगन यात्रियों को दे रहे धोखा: अयोध्या कैंट रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की क्षमता के मुताबिक पेयजल की सुविधा नही है, बल्कि प्लेटफार्म पर ‘शीतल जल स्लोगन लिखी टोटी से गर्मी में उबलता पानी निकल रहा है जो यात्रियों के लिए धोखा है। यात्रियों को टोटियों से नार्मल पानी की उपलब्ध हो रहा है। वाटर कूलर की कोई सुविधा नहीं है। प्लेटफार्म नंबर एक पर एक वाटर कूलर लगा है, लेकिन यात्रियों द्वारा पैसा खर्च करने पर ही ठंडा पानी उपलब्ध होता है। यात्रियों को रेलवे स्टेशन स्थित फूड स्टाल से बोतलबंद पानी खरीदने को मजबूर होना पड़ रहा है। जिसके लिए यात्रियों को जेबें ढीली करनी पड़ रही हैं। अयोध्या धाम रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म पर बंदरों के आतंक से यात्री परेशान:अयोध्या धाम स्टेशन के प्लेटफार्म हर कोने पर अच्छी संख्या में बंदरों को देखा सकता है। भोजन सामग्री छीनने के दौरान यह यात्रियों को घायल भी कर रहे हैं। प्लेटफार्म पर कुछ-कुछ देर में यात्रियों के चिल्लाने की आवाज सुनाई देना आम बात हो गई है। बच्चों और महिलाओं को खासतौर पर यह अपना निशाना बनाते हैं। किसी भी प्लेटफार्म पर खुलेआम कुछ भी खाना बंदरों के सामने मुमकिन नहीं है। पूरे स्टेशन परिसर पर इनका कब्जा है। जिससे यात्री भयभीत देखे जा सकते हैं। हल्की सी चूक होने पर यह खाद्य सामग्री को जबरन छीन लेना सामान्य प्रक्रिया है। इस दौरान उनके नाखून और दांत लगने से अक्सर लोग घायल भी हो जाते हैं। इनकी संख्या प्रतिवर्ष बढ़ते क्रम में है। इसके बावजूद रोकने के उपाय धरातल पर दिखाई नही दे रहे हैं। झांसी से आये नवीन त्रिवेदी के बच्चे के हाथ पर बंदर ने बिस्कुट का पैकेट चीन के दौरान नाखून मार दिया जिससे उसके खून बहने लगा उन्होंने तत्काल श्री राम अस्पताल जाकर उसे डॉक्टर को दिखाकर टिटबैक का इंजेक्शन लगवाया। बोले यात्री- 1- अयोध्या कैंट रेलवे स्टेशन पर यात्रियों के बैठने के लिए जगह का अभाव है। प्लेटफार्म एक के अलावा अन्य प्लेटफार्म पर शौचालय नहीं है। इसलिए महिला व पुरूष यात्रियों को दिक्कतें होती हैं। बेबी 2- रेलवे स्टेशन पर गर्मी में ठंडे पानी की सुविधा नहीं है। इसलिए गर्मी में परेशानी उठानी पड़ती है। प्लेटफार्म पर पर्याप्त संख्या में पंखा न होने से ट्रेनों के इंतजार में पसीना बहाना पड़ रहा है। गुड्डी देवी 3- अयोध्या कैंट रेलवे स्टेशन पर महिला और पुरूष के लिए अलग टिकट काउंटर की सुविधा नहीं है। महिलाओं को पुरूष काउंटर पर लाइन में लगकर टिकट बनवाना पड़ता है। इसके अलावा शौचालय की पर्याप्त सुविधा का अभाव है। अरून देवी 4- रेलवे स्टेशन पर साफ- सफाई में पहले से सुधार हुआ है, लेकिन अन्य यात्री सुविधाएं वैसे हैं। प्लेटफार्म पर पंखे कम होने से गर्मी में बुरा हाल है। इसलिए स्टेशन पर एसी वेटिंग रूम की सुविधा होनी चाहिए। सकुन पाण्डेय 5- एक प्लेटफार्म से दूसरे प्लेटफार्म पर आवागमन के लिए एस्कीलेटर लगाया गया है, लेकिन हमेशा नहीं चलता हैं। कुछ विशेष परिस्थतियों में चलाया जाता है। इसलिए यात्रियों को एक प्लेट फार्म से दूसरे फलेटफार्म पर जाने में दिक्कत होती है। अमन त्रिपाठी 6- अयोध्या कैंट रेलवे स्टेशन पर यात्रियों के लिए एसी वेटिंग रूम नहीं है। यात्रियों को गर्मी में बाहर लू के थपेड़े सहकर ट्रेनों का इंतजार करना पड़ता है। पंखा लगा है, लेकिन हवा गरम देना है और पंखे भी कम हैं। अरमान 7- रेलवे स्टेशन पर बैठने के लिए यात्रियों के सापेक्ष सीटें कम है। इसलिए महिला व पुरूष यात्रियों को जगह के अभाव में प्लेटफार्म की फर्श पर बैठकर समय बिताना पड़ता है। बंदरों की वजह से भी काफी समस्या है। विनीता हरदोई से अपने परिवार के साथ घूमने आए हैं अयोध्या धाम स्टेशन देखकर बहुत अच्छा लगा। इसकी सुंदरता के पहले बहुत वीडियो सोशल मीडिया पर देख चुके हैं। पूरा स्टेशन बहुत खूबसूरत और आधुनिक बना है। रेल विभाग बस थोड़ी यात्री सुविधाओं को और बढ़ा दे तो यह स्टेशन विश्व स्तरीय बन जाएगा। लक्ष्य स्टेशन पर ज्यादा देर रुकने का समय नहीं मिला इसलिए असुविधा महसूस नही हुई। बाराबंकी से पूरे परिवार के साथ पहली बार आए हैं। प्लेटफार्म नंबर तीन के बगल मैदान में लोगों को बाथरूम करते हुए देखा तो मन में कुछ निराशा जरूर हुई। रेलवे प्रशासन को इस विषय पर भी कुछ सोचने की जरूरत है। पार्थ मधुबनी बिहार से राम मंदिर में दर्शन करने के लिए आए थे। पांच वर्षों बाद अयोध्या एक बार फिर आने का मौका मिला है काफी अच्छा बदलाव दिखा है। मोदी और योगी सरकार की जितनी तारीफ की जाए वह कम है। स्टेंशन पर केवल पानी पीने की समस्या है। दुख हरन दास संडीला से दूसरी बार अयोध्या मंदिर में दर्शन करने के लिए आए हैं। इस दौरान स्टेशन परिसर में शौचालय की समस्या से दिक्कतों का सामना करना पड़ा। बाहर मार्ग पर भी यह बहुत बड़ी समस्या है। खासकर महिलाओं के लिए यह विकट समस्या है ।स्थानीय तौर पर अधिकारियों को भी इस तरफ ध्यान देना चाहिए। सुनीता श्रीवास्तव उत्तराखंड के पंतनगर से पहली बार अयोध्या दर्शन करने के लिए आए हैं ।स्टेशन देखकर बहुत अच्छा लगा। सुविधा भी पूरी तरह मुकम्मल दिखाई पड़ी है। बस केवल नीचे के प्लेटफार्म पर बैठने के लिए सीट की संख्या पर्याप्त नहीं है। जिससे सभी को जमीन में ही बैठना पड़ रहा है फिलहाल सफाई अच्छी है। विजया शुक्ला बिहार के सहरसा से पहली बार आए हैं। इस बार बच्चों ने छुट्टियों में अयोध्या घूमने का प्लान बनाया था। मंदिरों में दर्शन करके बहुत अच्छा लगा अयोध्या स्टेशन भी मंदिर की तरह बना है। स्टेशन परिसर में ही भगवान के बड़े-बड़े कटआउट दिखे। सफाई भी अच्छी लगी लेकिन स्टेशन परिसर में बंदरों ने बहुत डराया। इनकी संख्या बहुत अधिक है। प्रतिमा शुक्ला बोले जिम्मेदार अयोध्या कैंट रेलवे स्टेशन के सभी प्लेटफार्म पर यात्री सुविधा के मद्देनजर शौचालय पर्याप्त संख्या में होना चाहिए। वेटिंग रूम की सुविधा बढ़नी चाहिए, क्योंकि वंदे भारत ट्रेन के यात्री परेशान होते हैं। यात्रियों के लिए विश्रामालय की पर्याप्त व्यवस्था नहीं है। विश्रामालय में आनलाइन बुकिंग की सुविधा देनी चाहिए। महिला और पुरूष काउंटर भी बढ़ाया जाना चाहिए, क्योंकि काउंटर पर यात्रियों की लंबी कतार होने से दिक्कतें होती हैं। गर्मी से राहत के लिए वाटर कूलर की सभी प्लेटफार्म पर सुविधा मिले। जितेन्द्र यादव, शाखा अध्यक्ष यूआरएमयू
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