Hard work a personal choice no one can demand long hours says narayana murthy after 70 hours week row हार्ड वर्क पर्सनल च्वाइस है... 70 घंटे काम की सलाह देने वाले नारायण मूर्ति की सफाई, Business Hindi News - Hindustan
Hindi Newsबिज़नेस न्यूज़Hard work a personal choice no one can demand long hours says narayana murthy after 70 hours week row

हार्ड वर्क पर्सनल च्वाइस है... 70 घंटे काम की सलाह देने वाले नारायण मूर्ति की सफाई

  • इंफोसिस के को-फाउंडर एनआर नारायण मूर्ति के मुताबिक लोगों को अपने काम का खुद आत्मनिरीक्षण करना चाहिए और काम के प्रति समर्पण के महत्व के बारे में सोचना चाहिए ताकि लाइफ में आगे बढ़ सकें।

Deepak Kumar लाइव हिन्दुस्तानTue, 21 Jan 2025 03:15 PM
share Share
Follow Us on
हार्ड वर्क पर्सनल च्वाइस है... 70 घंटे काम की सलाह देने वाले नारायण मूर्ति की सफाई

पिछले साल हफ्ते में 70 घंटे काम करने का सुझाव देने वाले इंफोसिस के को-फाउंडर एनआर नारायण मूर्ति ने एक नया बयान दिया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि हार्ड वर्क पर्सनल च्वाइस है, इसे कभी नहीं थोपा जाना चाहिए। मूर्ति के मुताबिक लोगों को अपने काम का खुद आत्मनिरीक्षण करना चाहिए और काम के प्रति समर्पण के महत्व के बारे में सोचना चाहिए ताकि लाइफ में आगे बढ़ सकें।

क्या कहा नारायण मूर्ति ने

मुंबई में आईएमसी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में मूर्ति ने अपने पर्सनल एक्सपीरियंस को साझा किया। उन्होंने बताया- मैं सुबह 6.30 बजे ऑफिस जाता था और रात 8.30 बजे ऑफिस से निकल जाता था। यह एक तथ्य है। मैंने इसे लगभग 40 वर्षों तक किया है। उन्होंने कहा कि ये निर्णय मेरे व्यक्तिगत थे। ये ऐसे मुद्दे हैं जिन पर कोई भी आत्मनिरीक्षण कर सकता है, निष्कर्ष पर पहुंच सकता है और जो चाहे वह कर सकता है।

वर्क-लाइफ बैलेंस पर छिड़ी है बहस

नारायण मूर्ति का यह बयान ऐसे समय में आया है जब वर्क-लाइफ बैलेंस को लेकर बहस छिड़ी हुई है। पिछले साल इस बहस को नारायण मूर्ति ने हवा दे दी। उन्होंने कुछ महीने पहले हफ्ते में 70 घंटे वर्क की वकालत की थी। उन्होंने कहा था- भारत की कार्य उत्पादकता दुनिया में सबसे कम में से एक है। हमारे युवाओं को कहना चाहिए, यह मेरा देश है, मैं सप्ताह में 70 घंटे काम करना चाहता हूं।

इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर नारायण मूर्ति की तीखी आलोचना हुई। हालांकि, कुछ अन्य कारोबारियों ने भी नारायण मूर्ति के सुर में सुर मिलाया और ज्यादा से ज्यादा काम करने पर जोर दिया है। हाल ही में लार्सन एंड टुब्रो के चेयरमैन एसएन सुब्रमण्यन ने तो यहां तक कह दिया कि कर्मचारियों को सप्ताह में 90 घंटे काम करना चाहिए और रविवार को भी काम करने से नहीं हिचकना चाहिए।

क्या कहा था सुब्रमण्यन ने

सुब्रमण्यन ने कहा था- मुझे अफसोस है कि मैं आपसे रविवार को काम नहीं करवा पा रहा हूं। अगर मैं आपसे रविवार को काम करवा सकूं, तो मुझे और खुशी होगी, क्योंकि मैं रविवार को काम करता हूं। उन्होंने कहा कि आप घर पर बैठकर क्या करते हैं? आप अपनी पत्नी को कितनी देर तक निहार सकते हैं? पत्नियां अपने पतियों को कितनी देर तक निहार सकती हैं? छोड़िये, यह सब। दफ्तर आइये और काम कीजिए।

इसके बाद वर्क-लाइफ बैलेंस को लेकर इंडस्ट्री में अलग-अलग तरह की राय रखी जा रही है। आरपीजी एंटरप्राइजेज के चेयरमैन हर्ष गोयनका के मुताबिक यह सफलता नहीं बल्कि थकान का नुस्खा है। खैर, यह मेरा दृष्टिकोण है। इसी तरह, आईटीसी लिमिटेड के चेयरमैन संजीव पुरी ने हाल ही में कहा था कि कर्मचारियों को उनकी क्षमता पहचानने तथा अपना काम अच्छी तरह पूरा करने के लिए सशक्त बनाना, काम के घंटों की संख्या से अधिक महत्वपूर्ण है।

जानें Hindi News, Business News की लेटेस्ट खबरें, शेयर बाजार का लेखा-जोखा Share Market के लेटेस्ट अपडेट्स Investment Tips के बारे में सबकुछ।