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लोन दिलाने के नाम पर सबसे अधिक ठगी, लोगों ने गंवा दिए ₹33148 करोड़

देश में डिजिटल पेमेंट और बैंकिंग धोखाधड़ी से जुड़े मामलों में लोग अपनी गाढ़ी कमाई गंवा रहे है। वित्त वर्ष 2024-25 में धोखाधड़ी में गंवाई गई राशि बढ़कर 36,014 करोड़ रुपये हो गई, जो वित्त वर्ष 2023-24 में लगभग 12,230 करोड़ रुपये थी। यह तीन गुना का उछाल है।

Drigraj Madheshia हिन्दुस्तान टीमFri, 30 May 2025 06:11 AM
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लोन दिलाने के नाम पर सबसे अधिक ठगी, लोगों ने गंवा दिए ₹33148 करोड़

देश में डिजिटल पेमेंट और बैंकिंग धोखाधड़ी से जुड़े मामलों में लोग अपनी गाढ़ी कमाई गंवा रहे है। बीते वित्त वर्ष में लोगों ने 36,014 करोड़ रुपये की धनराशि धोखाधड़ी में गंवाई, जो पिछले आंकड़े से तीन गुना अधिक है। इनमें भी 92 फीसद से ज्यादा राशि की ठगी लोन दिलाने या लोन खातों (यानी एडवांस) के नाम पर हुई।

गुरुवार को जारी आरबीआई की वार्षिक रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ। इसके मुताबिक, वित्त वर्ष 2024-25 में धोखाधड़ी में गंवाई गई राशि बढ़कर 36,014 करोड़ रुपये हो गई, जो वित्त वर्ष 2023-24 में लगभग 12,230 करोड़ रुपये थी। यह तीन गुना का उछाल है। इनमें भी 33,148 करोड़ रुपये सिर्फ लोन दिलाने या लोन खातों से जुड़ी श्रेणी की धोखाधड़ी में लोगों ने गंवाए हैं।

ठगी के मामले घटे, लेकिन रकम बढ़ी

हालांकि, धोखाधड़ी के कुल मामलों में गिरावट आई है लेकिन धनराशि बढ़ गई है। बीते वित्त वर्ष में 23,953 मामलों में 34 हजार करोड़ रुपये से अधिक की रकम ठगी गई। जबकि, वित्त वर्ष 2023-24 में धोखाधड़ी के कुल 36,060 मामले पंजीकृत किए गए थे, जिनमें ग्राहकों के खातों से 12230 करोड़ रुपये की रकम गई थी। यह पर यह भी ध्यान देने वाली बात है कि आरबीआई ने रिपोर्ट में सिर्फ उन मामलों का उल्लेख किया है, जिनमें एक लाख रुपये से अधिक की धोखाधड़ी हुई है। इसलिए देश भर में धोखाधड़ी के बीच लोगों के खातों से निकाली गई धनराशि इससे भी अधिक होगी।

निजी बैंकों में डिजिटल पेमेंट में ठगी के सबसे अधिक मामले

रिपोर्ट के अनुसार, अधिकांश धोखाधड़ी डिजिटल भुगतान (कार्ड/इंटरनेट) के जरिए हुई। इस श्रेणी में 13,516 धोखाधड़ी के मामले दर्ज हुए, जो कुल 23,953 मामलों का 56.5 प्रतिशत है। निजी बैंकों में 60 फीसदी धोखाधड़ी कार्ड/इंटरनेट से जुड़ी थी।

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सरकारी बैंकों में सबसे अधिक रकम ठगी गई

आरबीआई के मुताबिक, सरकारी बैंकों के मामलों में ठगी गई राशि 25,667 करोड़ रुपये रही, जो सबसे अधिक है। वित्त वर्ष 2023-24 में सरकारी बैंकों में 9,245 करोड़ रुपये की राशि ठगी गई थी। यह करीब दो गुना से अधिक की बढ़ोतरी है। इसके साथ सरकारी बैंकों में धोखाधड़ी मुख्य रूप से कर्ज खंड में हुई। इसके तहत कर्ज से संबंधित धोखाधड़ी संख्या की सबसे अधिक 33 प्रतिशत रही। वहीं, मूल्य के हिसाब से इन खंड में इनकी हिस्सेदारी 71 प्रतिशत रही।

निजी बैंकों में ठगी के सबसे अधिक मामले

मामले ठगी रशि (करोड़ रुपये में)

सरकारी बैंक 6,935 (29.0%) 25,667 (71.3%)

निजी बैंक 14,233 (59.4%) 10,088 (28.0%)

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धोखाधड़ी रोकने के लिए खास पहल

डिजिटल धोखाधड़ी को रोकने के लिए आरबीआई ने ‘bank.in’ (बैंकों के लिए) और ‘fin.in’ (गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थानों के लिए) जैसे खास डोमेन पेश करने का प्रस्ताव रखा है। इससे फिशिंग और साइबर हमलों में कमी आएगी और डिजिटल भुगतान प्रणाली पर लोगों का भरोसा बढ़ेगा। केंद्रीय एजेंसी आईडीआरबीटी इसकी निगरानी करेगी। रिपोर्ट के अनुसार, ये विशेष डोमेन साइबर सुरक्षा खतरों और फिशिंग जैसी दुर्भावनापूर्ण गतिविधियों की पहचान करने में भी मदद करेंगे, जिससे आम जनता को होने वाला वित्तीय नुकसान काफी हद तक कम किया जा सकेगा।

धोखाधड़ी में क्षेत्रवार ठगी गई रकम

क्षेत्र 2023-24 2024-25

लोन 10072 33148

बैलेंस शीट 256 270

कार्ड/इंटरनेट 1457 520

कैश 78 39

अन्य 35 1392

विदेशी मुद्रा लेनदेन 38 16

जमा 240 527

चेक व डीडी 42 74

अंतर बैंक खाता 10 26

खाते का समाशोधन 02 02

(ठगी गई राशि करोड़ रुपये में)

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