मोदी सरकार की स्कीम, सस्ती ब्याज पर ₹7 लाख से ज्यादा का लोन, अब PNB ने दी राहत
योजना के तहत बैंकों की ओर से मेधावी छात्रों को बेहद कम ब्याज दर पर एजुकेशन लोन दिया जाता है। अब सार्वजनिक क्षेत्र के पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) ने विद्यालक्ष्मी योजना के तहत छात्रों को एक और राहत दी है।

केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने 11 साल के कार्यकाल में अलग-अलग वर्गों के लिए योजनाएं लॉन्च की है। इनमें से एक विद्यालक्ष्मी योजना भी है। सरकार की ओर से लाई गई यह योजना छात्रों के लिए है। इस योजना के तहत बैंकों की ओर से मेधावी छात्रों को बेहद कम ब्याज दर पर एजुकेशन लोन दिया जाता है। अब सार्वजनिक क्षेत्र के पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) ने विद्यालक्ष्मी योजना के तहत छात्रों को एक और राहत दी है।
पीएनबी ने दी बड़ी राहत
दरअसल, पीएनबी ने एजुकेशन लोन पर ब्याज दर में 0.2 प्रतिशत की कटौती की है। बैंक ने कहा कि यह पहल शिक्षा की सुलभता बढ़ाने के लिए बैंक की प्रतिबद्धता को और मजबूत करती है। विद्यालक्ष्मी योजना विद्यार्थियों को गुणवत्ता-संचालित उच्च शिक्षा के वास्ते व्यापक वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए तैयार की गई है। पीएनबी के बयान में कहा गया है कि यह पहल उन अभ्यर्थियों के लिए उपलब्ध है जो समूचे भारत में 860 चिन्हित गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा संस्थानों में पात्रता (मेरिट) के आधार पर प्रवेश प्राप्त करते हैं। पीएनबी ने कहा कि संशोधन के बाद एजुकेशन लोन संस्थानों के आधार पर 7.5 प्रतिशत से शुरू होगा।
योजना की डिटेल
बता दें कि साल 2024 में प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पीएम विद्यालक्ष्मी को मंजूरी दी थी। इस नई योजना का उद्देश्य मेधावी विद्यार्थियों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है ताकि वित्तीय बाधाएं किसी को भी उच्च शिक्षा प्राप्त करने से न रोकें। योजना के तहत, गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा संस्थान (क्यूएचईआई) में प्रवेश लेने वाला कोई भी विद्यार्थी ट्यूशन फीस की पूरी राशि और पाठ्यक्रम से संबंधित अन्य खर्चों को कवर करने हेतु बैंकों और वित्तीय संस्थानों से गिरवी मुक्त एवं गारंटर मुक्त ऋण प्राप्त करने का पात्र है।
यह योजना एनआईआरएफ रैंकिंग द्वारा निर्धारित देश के शीर्ष गुणवत्ता वाले उच्च शिक्षण संस्थानों में लागू होगी। कुल 7.5 लाख रुपये तक की लोन राशि के लिए, विद्यार्थी बकाया डिफॉल्ट के 75 प्रतिशत की क्रेडिट गारंटी के भी पात्र होंगे। इससे बैंकों को इस योजना के तहत विद्यार्थियों को एजुकेशन लोन उपलब्ध कराने में सहायता मिलती है।