टैक्सपेयर्स के लिए राहतभरी खबर, इन लोगों के लिए बेहद खास होगा नवंबर
जिसने 31 जुलाई 2023 तक आईटीआर भर दिया था, लेकिन अभी तक न तो रिफंड मिला, न बकाया कर की मांग का नोटिस मिला और न ही इस संबंध में कोई सूचना प्राप्त हुई। अब ऐसे लोगों के लिए राहतभरी खबर है…
आयकर विभाग के नए निर्देश के मुताबिक अगर किसी टैक्सपेयर ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए समय पर आयकर रिटर्न यानी ITR भरा था, लेकिन अभी तक बकाया टैक्स की वापसी नहीं हुई है या कोई पुराना रिफंड बकाया है, तो ऐसे लोगों के लिए नवंबर 2025 बेहद खास रहेगा, क्योंकि इन मामलों का निपटान अब इस साल नवंबर में ही कर दिया जाएगा।
जिन लोगों ने वित्त वर्ष 2022–23 यानी कर निर्धारण वर्ष 2023–24 के लिए समय पर आयकर रिटर्न भरा भरा है, और अभी तक कोई रिफंड नहीं मिला, या कोई और पुराना बकाया रिफंड है तो यह खबर आपके लिए राहत भरी हो सकती है। आयकर विभाग विभाग ने नौ जून 2025 को एक आदेश जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि ऐसे आईटीआर जो समय रहते भरे गए थे लेकिन जिनका निपटान नहीं हो पाया था, उनका निपटान अब 30 नवंबर 2025 तक कर दिया जाएगा।
लंबित बकाया राशि अब मिल सकेगी
ये फैसला उन सभी आयकरदाताओं के लिए राहत लेकर आया है जिन्होंने 31 जुलाई 2023 तक अपना आईटीआर भर दिया था, लेकिन अभी तक न तो रिफंड मिला, न बकाया कर की मांग का नोटिस मिला, और न ही इस संबंध में कोई सूचना प्राप्त हुई। अब इन आईटीआर का निम्न तीन में से किसी एक रूप में निपटान किया जा सकता है:
1. रिफंड मिलेगा – अगर टैक्स ज्यादा भर दिया था, तो ब्याज के साथ रिफंड भी मिल सकता है।
2. टैक्स का डिमांड नोटिस – अगर विभाग को लगता है कि कर कम भरा गया है तो बकाया राशि के लिए नोटिस मिलेगा।
3. रिटर्न प्रोसेस होने की सूचना-कुछ मामलो में रिफंड, न मांग नोटिस, बस रिटर्न प्रोसेस होने की सूचना मिल जाएगी।
कर कानून के तहत नौ महीने की समय सीमा
आयकर अधिनियम, 1961 के अनुसार, किसी भी वित्तीय वर्ष का आईटीआर प्रोसेस करने के लिए नौ महीने की समय सीमा होती है। यानी अगर आपने 2022–23 का आईटीआर समय पर दाखिल किया था, तो उसे प्रोसेस करने की आखिरी तारीख 31 दिसंबर 2024 थी। लेकिन कई रिटर्न समय पर फाइल होने के बावजूद तकनीकी कारणों से प्रोसेस नहीं हो पाए। अब विभाग ने इस नियम में ढील देते हुए कहा है कि वो अब इन रिटर्न को 30 नवंबर 2025 तक प्रोसेस करेगा और उसी समय तक आपको उससे जुड़ी सूचना भेजी जाएगी।
क्रिप्टोकरंसी में निवेश से कर चोरी
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ऐसे संदिग्ध लोगों के बारे में जांच कर रहा है, जिन्होंने क्रिप्टोकरंसी में निवेश के जरिए कर चोरी की है और अपनी आय छिपाई है। एक अधिकारी के मुताबिक इस मामले में ‘हजारों लोगों’ को ई-मेल भेजे गए हैं और उनसे कहा गया है कि वे अपने आयकर रिटर्न को दोबारा जांचें और वर्चुअल डिजिटल असेट्स में लेनदेन से हुई आमदनी से जुड़ी जानकारी अपडेट करें। उन्होंने बताया कि ये मामले कर निर्धारण वर्ष 2023-24 और 2024-25 के हैं।
30% की दर से कर लगेगा
अधिकारी ने बताया कि करदाताओं की ओर से फाइल किए गए आईटीआर का वर्चुअल असेट सर्विस प्रोवाइडर्स यानी क्रिप्टो एक्सचेंजों के टीडीएस रिटर्न के साथ मिलान किया जा रहा है और जो भी डिफॉल्टर मिलेंगे, उनकी और जांच की जाएगी। आयकर अधिनियम 1961 में वित्त अधिनियम 2022 के जरिए जोड़ी गई धारा 115बीबीएच के मुताबिक वीडीअ ट्रांसफर से होने वाली आय पर 30% की दर से कर लगेगा।