फिनफ्लुएंसर पर SEBI ने कसा शिकंजा, अब शेयरों की ट्रेडिंग पर नहीं कर सकेंगे ये काम
- बीते कुछ समय से स्टॉक टिप्स भी दिए जा रहे हैं। कुछ ऐसे भी फिनफ्लुएंसर हैं जिन्होंने सेबी रजिस्टर्ड एक्सपर्ट को अपने प्रोग्राम में बिठाकर स्टॉक टिप्स देने शुरू कर दिए हैं।

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने फिनफ्लुएंसर को एक बड़ा झटका दिया है। सेबी ने लाइव ट्रेडिंग सेशन के जरिए शेयर बाजार में पैसा कमाने के टिप्स देने पर रोक लगा दी है। सेबी ने इस संबंध में सर्कुलर भी जारी कर दिया है। बता दें कि कोरोना के बाद रिटेल निवेशकों की संख्या में भारी इजाफा हुआ है। इसमें भी सोशल मीडिया पर दिए जा रहे टिप्स से प्रभावित होने वाले निवेशकों की संख्या बढ़ी है। इस खास तरह के पैटर्न को लेकर सेबी चिंतित है। इसी को देखते हुए सेबी फिनफ्लुएंसर पर शिकंजा कस रहा है।
फिनफ्लुएंसर का मतलब
सोशल मीडिया के वो धुरंधर जिनके लाखों में फॉलोअर्स हैं और वह फाइनेंस से जुड़े टिप्स देते हैं। पहले तो कुछ फिनफ्लुएंसर सिर्फ शेयर मार्केट के टर्म और ट्रेडिंग के तरीके आदि का ज्ञान देते थे लेकिन बीते कुछ समय से स्टॉक टिप्स भी दिए जा रहे हैं। कुछ ऐसे भी फिनफ्लुएंसर हैं जिन्होंने सेबी रजिस्टर्ड एक्सपर्ट को अपने प्रोग्राम में बिठाकर स्टॉक टिप्स देने शुरू कर दिए हैं। कुछ ऐसी संस्थाएं हैं जिन्होंने छोटे निवेशकों को लाइव ट्रेडिंग के जरिए प्रभावित करना शुरू कर दिया है।
सेबी का सर्कुलर
सेबी ने सर्कुलर में कहा कि रजिस्टर्ड मध्यस्थों को अनधिकृत सलाह देने या अस्वीकृत रिटर्न दावे करने में लगे किसी भी व्यक्ति के साथ लेनदेन करने या ग्राहक की जानकारी साझा करने की अनुमति नहीं है। सेबी ने कहा- ग्राहक की जानकारी साझा करना 'ग्राहक का नाम सुझाने' जैसी प्रकृति का है। इसलिए ऐसे किसी भी व्यक्ति से या उसके साथ कोई भी भुगतान लेना-देना या किसी भी ग्राहक की जानकारी साझा करने की इन विनियमों के तहत यह एक प्रकार जुड़ाव होगा और इसकी अनुमति नहीं है। बाजार नियामक के मुताबिक, जुड़ाव शब्द में पैसे का कोई भी लेनदेन, ग्राहक का नाम सुझाना, जानकारी साझा करना या किसी भी समान प्रकार का संबंध शामिल है।
हालांकि सेबी ने कहा कि उसके द्वारा विनियमित व्यक्ति और उनके एजेंट ब्रांडिंग, विपणन या प्रचार गतिविधियों के लिए दूसरों के साथ जुड़ सकते हैं, बशर्ते दूसरा व्यक्ति अनधिकृत सलाह देना या अस्वीकृत रिटर्न का दावा करने जैसी निषिद्ध गतिविधियों में शामिल न हो।
पिछले साल किया गया बदलाव
बता दें कि नियामक ने पिछले साल 29 अगस्त को भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (मध्यस्थ) विनियम, 2024 और संबंधित नियमों को अपडेट किया था। संशोधित नियमों के मुताबिक, शेयर बाजार, समाशोधन निगम और डिपॉजिटरी जैसी विनियमित इकाइयों के साथ उनके एजेंटों का ऐसे व्यक्तियों या संस्थाओं के साथ कोई प्रत्यक्ष या परोक्ष संबंध नहीं होना चाहिए जो नियामक की मंजूरी के बगैर शेयरों से संबंधित सलाह या सिफारिशें प्रदान करते हैं।