चांदी काट रही गदर, रच दिया नया इतिहास, सोना के भाव में भी उछाल
Gold Silver Price 10 June: सर्राफा बाजारों में चांदी पिछले कई दिन से गदर काट रही है। आज एक और नया इतिहास रचते हुए ऑल टाइम हाई पर पहुंच गई है। जानें चांदी के भाव उछलने के 8 कारण…

Gold Silver Price 10 June: सर्राफा बाजारों में चांदी पिछले कई दिन से गदर काट रही है। आज एक और नया इतिहास रचते हुए ऑल टाइम हाई 107000 पर पहुंच गई है। आज सर्राफा बाजारों में सिल्वर के रेट नए शिखर 106457 रुपये प्रति किलो पर खुले और 107000 पर बंद हुए। इसमें 1440 रुपये की उछाल दर्ज की गई। जीएसटी के साथ इसकी कीमत 110210 रुपये पर पहुंच रही है। जबकि, 24 कैरेट सोने का भाव जीएसटी के साथ 98886 रुपये प्रति 10 ग्राम है। आज बिना जीएसटी यह 142 रुपये महंगा होकर 96006 रुपये प्रति 10 ग्राम के रेट से खुला।
सोने-चांदी के हाजिर भाव इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA)ने जारी किए हैं। इनमें जीएसटी नहीं लगा है। हो सकता है आपके शहर में इससे 1000 से 2000 रुपये का अंतर आ रहा हो। आईबीजेए दिन में दो बार रेट जारी करता है। एक बार दोपहर 12 बजे के करीब दूसरा 5 बजे के आसपास।
चांदी के भाव उछलने के 8 कारण
केडिया कमोडिटिज के प्रेसीडेंट अजय केडिया के मुताबिक चांदी में यह उछाल मुख्यतः वैश्विक आर्थिक हालात और राजनीतिक घटनाक्रमों के कारण आई है। उन्होंने चांदी के रेट में तेजी के निम्नलिखित प्रमुख कारणों के बारे में विस्तार से बताया...
अमेरिकी अर्थव्यवस्था के कमजोर आंकड़े: ADP रिपोर्ट (केवल 37,000 नए रोजगार) और ISM सर्विसेज PMI के सिकुड़ने जैसे आंकड़ों ने मंदी की आशंका बढ़ा दी, जिससे डॉलर कमजोर हुआ।
फेड दरों में कटौती की उम्मीद: अमेरिकी केंद्रीय बैंक (फेडरल रिजर्व) द्वारा ब्याज़ दरें कम करने की संभावना बढ़ी है। इससे चांदी जैसी धातुएं रखने की लागत (अवसर लागत) कम हुई है और निवेशकों की दिलचस्पी बढ़ी है।
रूस-यूक्रेन तनाव बढ़ा: नए सिरे से बढ़े तनाव और दुनिया भर में अस्थिरता ने निवेशकों को सुरक्षित समझी जाने वाली चीजों (Safe Haven) की ओर धकेला है। सोने के साथ-साथ चांदी को भी इसका फायदा मिल रहा है।
गोल्ड-सिल्वर रेशियो घटा: यह अनुपात 107 से गिरकर 95 पर आ गया है। इसका मतलब है कि निवेशक सोने के मुकाबले चांदी को ज्यादा तरजीह दे रहे हैं। अक्सर ऐसा होने पर चांदी की कीमतें सोने से बेहतर प्रदर्शन करती हैं।
औद्योगिक मांग में जबरदस्त उछाल: सोलर एनर्जी , इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) और इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में तेज वृद्धि ने चांदी की औद्योगिक मांग बढ़ा दी है। इससे आपूर्ति और मांग का संतुलन और टाइट हुआ है।
तकनीकी स्तरों का टूटना: चांदी की कीमतें महत्वपूर्ण रुकावट स्तरों (Resistance Levels) से ऊपर निकल गई हैं। इसने सट्टेबाज़ों और बड़े संस्थानों को खरीदारी के लिए प्रोत्साहित किया है, जिससे तेजी को और बल मिला है।
अमेरिका-चीन व्यापार में अनिश्चितता: दोनों देशों के बीच व्यापारिक तनाव और नए टैरिफ (आयात शुल्क) की घोषणाओं ने निवेशकों का भरोसा कम किया है। इससे चाँदी जैसी भौतिक संपत्तियों (Hard Assets) में निवेश बढ़ा है।
डॉलर की कमजोरी: वैश्विक स्तर पर अमेरिकी डॉलर के कमज़ोर होने से भी डॉलर में कीमत वाली धातुएं (जैसे चांदी) अंतरराष्ट्रीय निवेशकों के लिए सस्ती और आकर्षक बनी हैं।
कहां तक जाएगा चांदी का भाव
केडिया के मुताबिक चांदी की कीमतें साल 2025 में संभावित रूप से ₹1,30,000 प्रति किलोग्राम तक भी पहुंच सकती हैं, लेकिन निवेशकों को संभावित उतार-चढ़ाव (Volatility) के कारण सतर्क रहना चाहिए।