इन पर आयात प्रतिबंध बढ़ाने की तैयारी में सरकार? बढ़ेगी दिग्गज कंपनियों की टेंशन! शेयर पर असर
भारत का स्टील मंत्रालय कम राख वाले मेटलर्जिकल कोक पर आयात प्रतिबंध बढ़ाने के पक्ष में है। ऐसा इसलिए क्योंकि भारत में ही अब इसकी पर्याप्त मात्रा में सप्लाई उपलब्ध है।

भारत का स्टील मंत्रालय कम राख वाले मेटलर्जिकल कोक पर आयात प्रतिबंध बढ़ाने के पक्ष में है। ऐसा इसलिए क्योंकि भारत में ही अब इसकी पर्याप्त मात्रा में सप्लाई उपलब्ध है। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, स्टील मंत्रालय के इस फैसले से उन इस्पात निर्माताओं को झटका लगा सकता है, जो विदेशी खरीद पर प्रतिबंध का विरोध कर रहे हैं। दुनिया के दूसरे सबसे बड़े कच्चे इस्पात उत्पादक भारत ने दिसंबर में कम राख वाले मेट कोक के आयात पर मात्रात्मक प्रतिबंध लगाए थे, देश-विशिष्ट कोटा निर्धारित किया था और जनवरी से जून के लिए खरीद को 1.4 मिलियन मीट्रिक टन तक सीमित कर दिया था।
क्या है डिटेल
रॉयटर्स ने सूत्रों के हवाले से कहा, "हम विस्तार के पक्ष में हैं, क्योंकि घरेलू क्षमता का उपयोग किया जाना चाहिए।" सूत्र ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि विचार-विमर्श सार्वजनिक नहीं किया गया। सूत्र ने कहा कि भारत स्थानीय मांग को पूरा करने के लिए पर्याप्त मात्रा में मेट कोक का उत्पादन कर रहा है। उन्होंने कहा कि देश की वार्षिक मेट कोक क्षमता लगभग 7 मिलियन मीट्रिक टन है, लेकिन मांग की कमी के कारण वर्तमान में केवल लगभग 3 मिलियन टन का उत्पादन किया जा रहा है। इससे पहले रॉयटर्स ने फरवरी में बताया था कि भारत स्थानीय इस्पात मिलों को घरेलू आपूर्तिकर्ताओं से इस्पात निर्माण सामग्री प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए कम राख वाले मेट कोक के आयात पर प्रतिबंध बढ़ा सकता है।
इन कंपनियों की बढ़ेगी टेंशन!
सरकार चाहती है कि इस्पात बनाने के लिए देश में ही बना कोक इस्तेमाल हो, लेकिन बड़ी कंपनियों का मानना है कि उन्हें बाहर से मंगाए बिना काम नहीं चलेगा। ऐसे में आर्सेलर मित्तल निप्पॉन इंडिया और जेएसडब्ल्यू स्टील सहित प्रमुख स्टील प्रोड्यूसर को चिंतित कर दिया है। भारत के वाणिज्य मंत्रालय द्वारा प्रतिबंधों को बढ़ाने के बारे में अगले महीने तक निर्णय लिए जाने की उम्मीद है। हालांकि, इस्पात मंत्रालय का समर्थन महत्वपूर्ण है, क्योंकि पिछले साल इस कदम का विरोध करने के लिए इसने हस्तक्षेप किया था, जिसके कारण प्रतिबंधों को लागू करने से पहले विचार-विमर्श का एक लंबा दौर चला था। बता दें कि आज मंगलवार को जेएसडब्ल्यू स्टील के शेयर में 2% तक की गिरावट दर्ज की गई और यह शेयर 1,011.40 रुपये पर आ गया था।
पिछले महीने, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने स्टील निर्माताओं से स्थानीय स्तर पर मेट कोक का सोर्स बनाने का आग्रह किया था। भारत ने एक इंडस्ट्रीज बॉडी के अनुरोध के बाद ऑस्ट्रेलिया, चीन, कोलंबिया, इंडोनेशिया, जापान और रूस से कम राख वाले मेट कोक की विदेशी आपूर्ति की डंपिंग रोधी जांच भी शुरू की है। रॉयटर्स ने मार्च में बताया कि आर्सेलर मित्तल निप्पॉन इंडिया ने निजी तौर पर सरकार को चेतावनी दी थी कि आयात प्रतिबंधों के कारण उसे इस्पात निर्माण में भारी कटौती करनी पड़ सकती है और विस्तार योजनाओं में देरी करनी पड़ सकती है। पिछले चार वर्षों में कम राख वाले मेट कोक का आयात दोगुने से भी अधिक हो गया है और कच्चे माल के प्रमुख आपूर्तिकर्ताओं में चीन, जापान, इंडोनेशिया, पोलैंड और स्विट्जरलैंड शामिल हैं।