अप्रैल में सुस्त पड़ी औद्योगिक उत्पादन की रफ्तार, 8 महीने के निचले स्तर पर आंकड़े
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के आंकड़ों के अनुसार, मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की उत्पादन वृद्धि अप्रैल में थोड़ी कम होकर 3.4 प्रतिशत रह गई जो एक साल पहले इसी महीने में 4.2 प्रतिशत थी।

मैन्युफैक्चरिंग, माइनिंग और पावर सेक्टर के कमजोर प्रदर्शन के कारण भारत की औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर अप्रैल में सुस्त पड़कर 2.7 प्रतिशत रह गई। यह आठ महीने का निचला स्तर है। आंकड़ों के अनुसार औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) के संदर्भ में मापा गया औद्योगिक उत्पादन अप्रैल, 2024 में 5.2 प्रतिशत बढ़ा था।
अनुमान में किया बदलाव
बता दें कि राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) ने मार्च के लिए औद्योगिक उत्पादन वृद्धि के अनुमान को संशोधित कर 3.9 प्रतिशत कर दिया है, जबकि पिछले महीने यह अनुमान तीन प्रतिशत बताया गया था। भारत की औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर फरवरी में 2.7 प्रतिशत थी। एनएसओ के आंकड़ों के अनुसार, मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की उत्पादन वृद्धि अप्रैल में थोड़ी कम होकर 3.4 प्रतिशत रह गई जो एक साल पहले इसी महीने में 4.2 प्रतिशत थी। माइनिंग उत्पादन में 0.2 प्रतिशत की गिरावट आई, जबकि एक साल पहले 6.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। पावर प्रोडक्शन की वृद्धि भी अप्रैल, 2025 में धीमी होकर एक प्रतिशत रह गई, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में यह 10.2 प्रतिशत थी।
किस कैटेगरी का क्या हाल
पूंजीगत वस्तु कैटेगरी की वृद्धि अप्रैल 2025 में बढ़कर 20.3 प्रतिशत हो गई, जो एक साल पहले इसी अवधि में 2.8 प्रतिशत थी। उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुओं (फ्रिज, एसी आदि का उत्पादन) में अप्रैल 2024 में 10.5 प्रतिशत की वृद्धि के मुकाबले समीक्षाधीन महीने में 6.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई। गैर-टिकाऊ वस्तुओं का उत्पादन अप्रैल में 1.7 प्रतिशत घटा, जबकि एक अप्रैल 2024 में इसमें 2.5 प्रतिशत की गिरावट आई थी। बुनियादी ढांचे/निर्माण वस्तुओं में अप्रैल में चार प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, जो एक साल पहले की समान अवधि में 8.5 प्रतिशत की वृद्धि से कम है।
आंकड़ों के अनुसार, प्राथमिक वस्तुओं के उत्पादन में अप्रैल 2025 में 0.4 प्रतिशत की गिरावट आई है, जबकि एक साल पहले इसमें सात प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।