ट्रंप के एक ऐलान से बिखर गया टाटा का यह शेयर, एक्सपर्ट ने घटा दिया टारगेट प्राइस, बावजूद खरीदने की सलाह
Tata stock- पिछले एक साल में यह शेयर करीबन 40% और इस साल अब तक 20% तक टूट चुका है। इसके बावजूद घरेलू ब्रोकरेज फर्म एमके ग्लोबल ने टाटा के इस शेयर पर अपनी 'बाय' रेटिंग दी है।
Tata Motors Share: ट्रंप के टैरिफ ऐलान के बाद से टाटा मोटर्स के शेयर लगातार फोकस में हैं। कंपनी के शेयर में भारी गिरावट देखी गई। टाटा मोटर्स के शेयर आज बुधवार को मामूली गिरावट के साथ 616.10 रुपये पर बंद हुए। पिछले एक साल में यह शेयर करीबन 40% और इस साल अब तक 20% तक टूट चुका है। इसके बावजूद घरेलू ब्रोकरेज फर्म एमके ग्लोबल ने टाटा मोटर्स पर अपनी 'बाय' रेटिंग दी है। हालांकि, ब्रोकरेज ने अपने टारगेट प्राइस को 16 प्रतिशत घटाकर 800 रुपये प्रति शेयर कर दिया है।
शेयरों के हाल
बता दें कि टाटा मोटर्स के शेयर पिछले तीन महीने में करीब 27 प्रतिशत तक गिर गए। इसकी वजह ग्लोबल मार्केट में बड़ी गिरावट है, जिसमें से करीब 17 प्रतिशत की गिरावट अमेरिका द्वारा ऑटोमोबाइल आयात पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाए जाने के बाद आई है। दरअसल, टाटा मोटर्स की यूके स्थित सहायक कंपनी जगुआर लैंड रोवर (जेएलआर) को देखते हुए, जिसकी बिक्री का लगभग 32 प्रतिशत उत्तरी अमेरिका से आता है।
ब्रोकेरज की राय
एमके ग्लोबल का तर्क है कि परिचालन में ठोस बदलाव और बैलेंस शीट में सुधार के बावजूद बाजार जेएलआर की वैल्यूएशन कैपासिटी को पूरी तरह से नजरअंदाज कर रहा है। ब्रोकरेज ने बताया कि जेएलआर का वित्त वर्ष 27 का ईवी/बिक्री रेशियो 0.7x ऐतिहासिक निचले स्तर के करीब मंडरा रहा है, जबकि पहले के मैक्रोइकॉनोमिक झटकों के दौरान 0.5x रेशियो देखा गया था। यहां तक कि जेएलआर की यूएस बिक्री में 25 प्रतिशत की गिरावट को मानते हुए एक मंदी के आउटलुक के तहत भी एमके ने बताया कि टाटा मोटर्स की वित्तीय सेहत मजबूत बनी हुई है। वित्त वर्ष 27 तक नेट ऑटो डेट-टू-इक्विटी 0.24x पर स्वस्थ रहने की उम्मीद है, जबकि वित्त वर्ष 22 में यह 1.1x है। एमके ने कहा, "टाटा मोटर्स ने वित्त वर्ष 25 के लिए अपने नेट-कैश बैलेंस शीट लक्ष्य को पहले ही हासिल कर लिया है।"