Vedanta के डी-मर्जर प्लान को NCLAT की हरी झंडी, शेयर ने लगाई छलांग
बता दें कि वेदांता के व्यावसायिक क्षेत्रों को पांच अलग-अलग इकाइयों- वेदांता एल्युमिनियम मेटल, तलवंडी साबो पावर, माल्को एनर्जी, वेदांता बेस मेटल्स और वेदांता आयरन एंड स्टील में विभाजित करना शामिल था।
Vedanta share: राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने वेदांता के बिजली कारोबार के विभाजन और तलवंडी साबो पावर लिमिटेड (टीएसपीएल) के साथ उसके विलय को खारिज करने वाले आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी है। यह आदेश वेदांता लिमिटेड के लिए राहत के रूप में आया है जो अपने व्यवसायों को अलग-अलग इकाइयों में विभाजित करने की प्रक्रिया में है। इस खबर के बीच वेदांता के शेयर गुरुवार को रॉकेट की रफ्तार से बढ़ गए। शेयर की क्लोजिंग 1.15% बढ़त के साथ 451.80 रुपये पर हुई। वहीं, ट्रेडिंग के दौरान इस शेयर की कीमत 457.25 रुपये तक पहुंच गई थी।
क्या कहा कंपनी ने?
वेदांता ने गुरुवार को शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि एनसीएलएटी के 27 मई, 2025 के आदेश ने एनसीएलटी की मुंबई पीठ द्वारा चार मार्च, 2025 को पारित आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी जो योजना को खारिज करने तक से संबंधित है। वेदांता ने कहा कि वह अपनी रणनीतिक पुनर्गठन योजना को लेकर प्रतिबद्ध है और सभी हितधारकों के लिए दीर्घकालिक मूल्य हासिल करने की दिशा में काम करना जारी रखे हुए है।
एनसीएलएटी की दो-सदस्यीय पीठ ने कहा- हमारे समक्ष उठाए गए मुद्दों पर विस्तार से विचार करने की जरूरत है। पेश किए गए दस्तावेजों को ध्यान में रखें तो योजना अलग किए जाने लायक है और यदि आरोपित आदेश पर रोक नहीं लगाई जाती है, तो यह विभिन्न न्यायाधिकरणों में लंबित अन्य तीन कंपनियों के संबंध में दायर दूसरे आवेदन को प्रभावित कर सकता है। मामले की अगली सुनवाई चार अगस्त को होगी।
एनसीएलटी ने क्यों लिया था फैसला?
राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) की मुंबई पीठ ने तलवंडी साबो पावर लिमिटेड के ऋणदाता सेप्को द्वारा आपत्ति जताए जाने के बाद कारोबार विभाजन योजना पर टीएसपीएल की याचिका खारिज कर दी थी। एनसीएलटी का यह फैसला चीन स्थित सेप्को इलेक्ट्रिक पावर कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन द्वारा इस विलय पर आपत्ति जताने के बाद आया था।
कंपनी ने कहा था कि बिजली इकाई ने जानबूझकर अपने 1,251 करोड़ रुपये के बकाया कर्ज को लेनदारों की सूची से बाहर रखा है। वेदांता के प्रवक्ता के अनुसार, एनसीएलटी का फैसला केवल तलवंडी साबो पावर लिमिटेड के आवेदन और बिजली व्यवसाय उपक्रम से संबंधित है और विलय के लिए प्रस्तावित अन्य व्यावसायिक उपक्रमों की प्रगति को प्रभावित या परिवर्तित नहीं करता है।