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बार-बार क्यों ठप हो जा रहा UPI सिस्टम, कहीं कोई बड़ी चिंता की बात तो नहीं

  • UPI Transaction: यूपीआई सिस्टम की वर्ष 2016 शुरुआत के बाद यह पहली दफा है, जब लेनदेन पूरी तरह से ठप हो गया हो या सर्वर में कोई खराबी आई हो।

Drigraj Madheshia हिन्दुस्तान टीमWed, 16 April 2025 06:30 AM
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बार-बार क्यों ठप हो जा रहा UPI सिस्टम, कहीं कोई बड़ी चिंता की बात तो नहीं

UPI Transaction: आम लोगों के जीवन का हिस्सा बन चुके UPI को लेकर चिंताएं बढ़ रही हैं। बीते एक माह से भी कम समय में तीन बार देशभर में यूपीआई ट्रांजैक्श प्रभावित हुआ है। सर्वर में गड़बड़ी के कारण लोग दैनिक यात्रा से लेकर खान-पान और खरीदारी करते समय भुगतान नहीं कर पाए।

राष्ट्रीय भुगतान निगम लिमिटेड (NPCI) द्वारा शुरू किए गए यूपीआई सिस्टम की वर्ष 2016 शुरुआत के बाद यह पहली दफा है, जब लेनदेन पूरी तरह से ठप हो गया हो या सर्वर में कोई खराबी आई हो। अब चिंता इस बात को लेकर है कि अगर भविष्य में सर्वर के चलते लेनदेन कुछ घंटों की जगह दिन भर प्रभावित रहा तो देश भर में व्यापक स्तर पर लोगों का जन-जीवन प्रभावित हो सकता है।

मार्च में 95 मिनट तक प्रभावित रही सेवा

सर्वर में चल रहे काम को भी बताया गया। आठ अप्रैल को एनपीसीआई ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यूपीआई के लिए क्यूआर कोड के इस्तेमाल को सीमित किया जा रहा है। इसमें कई तरह के बदलाव किए जा रहे हैं जिसके लिए यूपीआई के बैंकएंड में काम चल रहा है। हो सकता है कि उसकी वजह से घरेलू स्तर पर लेनदेन प्रभावित हुआ हो। लेकिन उसके बाद भी लेनदेन प्रभावित हुआ है। एनपीसीआई ने स्वयं स्वीकार किया है कि मार्च में 95 मिनट तक लेनदेन प्रभावित हुआ।

जांच के लिए टीम बनाई : लगातार सर्वर खराब होने की समस्या के बीच एनपीसीआई ने तकनीकी टीम को मामले की गहन जांच करने का जिम्मा सौंपा है। सूत्रों के मुताबिक तकनीकी टीम ने सर्वर बैठने के पीछे एक वजह किसी एक समय अवधि के दौरान भारी संख्या में ट्रांजैक्शन होने का बताया है। हालांकि, साथ में यह भी कहा गया है कि हमारे सर्वर की क्षमता काफी अधिक है इसलिए ऐसी समस्या नहीं आनी चाहिए थी, लेकिन शुरुआती छानबीन के बाद ओवरलोड ही समस्या है।

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रोजाना ट्रांजैक्शन 60 करोड़ के पार

फरवरी तक रोजाना करीब 51-52 करोड़ ट्रांजैक्शन होते थे, लेकिन मार्च में इनकी संख्या बढ़कर 60 करोड़ के पार हो गई। ऐसे में सर्वर की क्षमता को बढ़ाने की दिशा में भी काम किया जा रहा है। एनपीसीआई से जुड़े उच्च अधिकारियों ने स्थिति को लेकर चिंता जताई है।

उनका कहना है कि जब इसके इस्तेमाल को बढ़ाने की दिशा में काम चल रहा है तो उस समय पर ऐसी दिक्कतें नहीं आनी चाहिए। खासकर जब भारत दूसरे देशों में भी यूपीआई के सेवाएं दे रहा हो।

क्या है तैयारी

एनपीसीआई से जुड़े अधिकारी कहते हैं कि यह सिर्फ तकनीकी गड़बड़ी है, जिसे ठीक करने के लिए हमारी तकनीकी टीम काम कर रहा है। भविष्य में लोगों को यूपीआई के इस्तेमाल में कोई परेशानी न हो, इसके लिए कमी का पता लगाने और उसे ठीक करने का प्रयास किया जा रहा है।

इस्तेमाल करने वाले देश

भारत, भूटान, श्रीलंका, नेपाल, मॉरीशस, सिंगापुर, यूएई, फ्रांस में इस्तेमाल हो रहा है। जबकि रूस के साथ समझौते पर हस्ताक्षर हो चुके हैं।

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