प्रॉम्प्ट इंजीनियरिंग से कैसे बनाएं करियर की राह, जानें नौकरी दिलाने वाली AI स्किल्स
एआई क्रांति के दौर में प्रॉम्प्ट इंजीनियरिंग का दायरा बढ़ता जा रहा है। प्रॉम्प्ट इंजीनियरिंग कौशल की मांग में 2030 तक 32 फीसदी चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि होगी।

एआई क्रांति के दौर में प्रॉम्प्ट इंजीनियरिंग का दायरा बढ़ता जा रहा है। प्रॉम्प्ट इंजीनियरिंग कौशल की मांग में 2030 तक 32 फीसदी चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि होगी। इस कौशल से कैसे बनाएं करियर की राह और ऐसे ही कुछ अन्य नौकरी दिलाने वाले उपयोगी एआई कौशल कौन से हैं? फोर्ब्स की रिपोर्ट के अनुसार, डिजिटल क्रांति के दौर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के कई ऐसे उपयोगी कौशल हैं, जो भविष्य की डिजिटल इकोनॉमी में बड़ी भूमिका अदा कर सकते हैं और आपको एआई की दुनिया का हिस्सा बना सकते हैं। मीडिया से लेकर हेल्थकेयर तक में इन स्किल्स की मदद से तकनीकी ज्ञान और रचनात्मकता को एक साथ लाकर बेहतर कल की शुरुआत की जा सकती है। यहां ऐसे ही कुछ स्किल्स और उनकी मांग की हम चर्चा कर रहे हैं -
प्रॉम्प्ट इंजीनियरिंग
यह एआई मॉडल और इनसानों के बीच होने वाले संवाद को सरल बनाने का स्किल है। इसमें आप एआई मॉडल को सटीक और प्रासंगिक प्रतिक्रियाएं देने के लिए निर्देशों या संकेतों को तैयार करते हैं। प्रॉम्प्ट इंजीनियर्स लार्ज लैंग्वेज मॉडल्स जैसे जेमिनी, चैटजीपीटी, कैपिलॉट आदि को संवाद में महारत देकर इसकी कार्यकुशलता को बेहतर बनाने में मददगार होते हैं।
अब अधिकतर व्यापारिक संस्थान, एआई सेवा देने वाली कंपनियों, ईकॉमर्स, कंटेंट बनाने वाली वेबसाइट्स आदि में इनकी भूमिका अहम होती है। एक अनुमान है कि वर्ष 2030 तक प्रॉम्प्ट इंजीनियरिंग की मांग की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि 32 फीसदी से ज्यादा होने का अनुमान है।
कौन कर सकता है
कंप्यूटर साइंस या संबंधित तकनीकी पृष्ठभूमि के छात्रों के लिए आसान। मशीन लर्निंग के कोर्स भी करना मदद करेगा।
अपस्किलिंग कोर्स
ईएंडआईसीटी एकेडेमी, आईआईटी कानपुर का जेनरेटिव एआई में सर्टिफिकेट कोर्स है। वहीं ऑनलाइन कुछ अन्य कोर्स भी हैं, जैसे प्रॉम्पट इंजीनियरिंग फॉर चैट जीपीटी, मास्टरिंग प्रॉम्प्ट इंजीनियरिंग, माइक्रोसॉफ्ट एज्योर ओपन एआई कोर्स, प्रॉम्प्ट इंजीनियरिंग फॉर वेब डेवलपर्स
डेटा एनोटेशन / लेबलिंग
भारत में 2027 तक डेटा एनोटेशन इंडस्ट्री 16,600 करोड़ रुपये पार कर सकती है। यह हुनर मशीन लर्निंग एल्गोरिदम में उपयोग होता है। इसमें एआई मॉडल के लिए डेटा को टैग करते हैं, जैसे किसी फोटो में किसी विशेष वस्तु को चिह्नित करना। कंप्यूटर विजन, नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग जैसे तकनीकी प्रयोगों में डेटा एनोटेशन स्पेशलिस्ट की मांग बढ़ रही है।
कौन कर सकता है: कंप्यूटर साइंस की जानकारी अच्छा आधार देगी। किसी भी क्षेत्र के स्नातक शुरुआत कर सकते हैं, पर मेहनत ज्यादा होगी।
अपस्किलिंग कोर्स : डाटा एनोटेशन फॉर मशीन लर्निंग, इमेज एंड टेक्स्ट एनोटेशन टेक्निक्स।
नो-कोड डेवलपमेंट
जेनरेटिव एआई की कार्यकुशलता के लिए विविध नो-कोड मंच मददगार बनते हैं। इनका कार्य है बिना कोड लिखे एप्लीकेशन बनाना।
कौन कर सकता है : वेब डेवलपर्स, गैर तकनीकी पृष्ठभूमि के या कोई भी सीख सकता है। मैथ्स और साइंस के स्किल सहायता करेंगे।
अपस्किलिंग कोर्स : नो कोड डेवलपमेंट विथ बबल, बिल्डिंग ऐप्स विदाउट कोड आदि,कोर्स इस क्षेत्र में आपके हुनर को बढ़ाएंगे।
क्लाउड कंप्यूटिंग एवं एआई सेवाएं
क्लाउड कंप्यूटिंग और एआई का उपयोग करके व्यवसायों के लिए कई तरह के काम किए जा रहे हैं। ये डेटा एनालिसिस, डेटा मैनेजमेंट, डेटा स्टोरेज अैर ट्रांसफर जैसी सुविधाएं देते हैं।
कौन कर सकता है: कंप्यूटर साइंस या आईटी में डिग्री/डिप्लोमा किया हो। गैर-तकनीकी स्नातक छात्र भी कर सकते हैं, बशर्ते कंप्यूटर की गहन जानकारी हो।
अपस्किलिंग कोर्स : जेनरेटिव एआई फॉर बिजनेस, डिप्लोमा इन क्लाउड कंप्यूटिंग विद एआई जैसे कोर्स करना फायदेमंद होगा।
ब्लॉकचेन ऑडिटिंग
ब्लॉकचेन ऑडिटर ब्लॉकचेन नेटवर्क (जैसे क्रिप्टोकरेंसी या स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट, की सुरक्षा, सटीकता और विश्वसनीयता सुनिश्चित करते हैं। इस सेक्टर में 25% सालाना ग्रोथ अनुमानित है।
कौन कर सकता है : कंप्यूटर साइंस, फाइनेंस या संबंधित क्षेत्र में स्नातक।
अपस्किलिंग कोर्स: ब्लॉकचेन बेसिक्स, ब्लॉकचेन ऑडिटिंग एंड स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट्स।
बिग डेटा टेक्नोलॉजी
इस तकनीक का उपयोग विविध क्षेत्रों के विशाल डेटा को विकसित, संग्रहित और विश्लेषण करने में किया जाता है। कंप्यूटर साइंस में बारहवीं के साथ टेक्निकल डिग्री हो तो अच्छा रहेगा। लर्निंग डेटा एनालिसिस, बिग डेटा एनालिसिस स्पेशलाइजेशन जैसे कोर्स कर सकते हैं।
डिजिटल अर्थव्यवस्था में सिर्फ ट्रेंडिंग स्किल्स के पीछे भागना काफी नहीं है। कई बार सबसे अधिक कमाई उन्हीं स्किल्स से होती है, जिन पर ज्यादा लोगों का ध्यान नहीं होता। क्योंकि उन स्किल्स में कुशल लोग मिलना मुश्किल होता है। प्रॉम्प्ट इंजीनियरिंग जैसे स्किल्स रचनात्मकता और तकनीकी क्षमता को जोड़ते हैं। इनमें लंबी अवधि में उन्नति के साथ ही वैश्विक मौकों का आकर्षण भी है। इन कौशलों की मांग उन उद्योंगों में है जो रचनात्मकता और तकनीक के संगम से आगे बढ़ रही हैं, जैसे मीडिया, हेल्थ टेक, एजुकेशन या ऐसे ब्रांड्स जो सीधा उपभोक्ता से जुड़ते हैं। केवल डिग्री के पीछे न भागकर ऐसे कौशलों में खुद को संवारें और व्यावहारिक अनुभव आधारित अपना पोर्टफोलियो बनाने पर ध्यान दें। अगर कलात्मक सोच और डिजिटल टूल्स को साथ लेकर चलें, तो इन स्किल्स के जरिए वैश्विक स्तर पर भी पहचान बन सकती है।- तान्या चतुर्वेदी विजुअल आर्टिस्ट एंड डिजिटल एडिटर