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AIIMS Delhi: एम्स दिल्ली में स्टाफ के 400 से अधिक पद खाली, पिछले दो सालों में नहीं हुई भर्ती

  • AIIMS Delhi Vacancy: देश के सबसे बड़े अस्पताल और मेडिकल इंस्टीट्यूट दिल्ली एम्स में एक तिहाई से अधिक स्टाफ के पद खाली पड़े हैं। फैकल्टी सेल के प्रशासनिक अधिकारी ने पुष्टि की है कि 1,235 फैकल्टी पदों की स्वीकृत संख्या में से 430 पद वर्तमान में खाली हैं।

Prachi लाइव हिन्दुस्तानMon, 7 April 2025 01:42 PM
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AIIMS Delhi: एम्स दिल्ली में स्टाफ के 400 से अधिक पद खाली, पिछले दो सालों में नहीं हुई भर्ती

AIIMS Delhi Vacant Posts: देश के सबसे बड़े अस्पताल और मेडिकल इंस्टीट्यूट दिल्ली एम्स में एक तिहाई से अधिक स्टाफ के पद खाली पड़े हैं। यह जानकारी हाल ही में दिल्ली एम्स की ओर से एक आरटीआई के जवाब में दी गई है। हालांकि की एम्स में डॉक्टरों की कमी कोई नई बात नहीं है, लेकिन कुल पदों में से करीब 35 प्रतिशत पदों का खाली होना कहीं न कहीं मरीजों के इलाज को प्रभावित कर सकता है।

आरटीआई आवेदन एक्टिविस्ट एम एम शूजा द्वारा जनवरी 2025 में दायर किया गया था, जिन्होंने एम्स दिल्ली के कामकाज के बारे में जानकारी मांगी थी। इंस्टीट्यूट ने 18 मार्च 2025 को अपना जवाब दिया।

फैकल्टी सेल के प्रशासनिक अधिकारी ने पुष्टि की है कि 1,235 फैकल्टी पदों की स्वीकृत संख्या में से 430 पद वर्तमान में खाली हैं।

आंकड़ों से पता चला है कि एम्स ने 2019 में 172 सहायक प्रोफेसर पदों का विज्ञापन दिया था, जिनमें से केवल 110 नियुक्तियां की गई थीं। 2021 और 2022 में, 270 पदों के विज्ञापन के बावजूद, केवल 173 सहायक प्रोफेसर और तीन एसोसिएट प्रोफेसर कॉलेज ऑफ नर्सिंग में शामिल हुए थे। इंस्टीट्यूट ने आगे कहा कि 2020,2023,2024 या 2025 की पहली तिमाही के दौरान रेगुलर फैकल्टी पदों को भरने के लिए कोई भर्ती नहीं हुई है।

यह कमी दिल्ली की स्वास्थ्य सेवा प्रणाली में एक व्यापक संकट के बीच आई है, जो सरकारी अस्पतालों में स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की भारी कमी से जूझ रही है। हाल के आरटीआई आंकड़ों से पता चलता है कि मेडिकल ऑफिसर के 17 प्रतिशत पद, नॉन-टीचिंग स्पेशलिस्ट के 38 प्रतिशत पद और टीचिंग स्पेशलिस्ट के 22 प्रतिशत पद खाली हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि भर्ती में यह कमी इंस्टीट्यूट के कामकाज और टीचिंग क्वालिटी को प्रभावित कर सकता है। देश का सबसे बड़ा हेल्थकेयर और रिसर्च सेंटर, एम्स दिल्ली हर साल हजारों मरीजों का इलाज करता है और मेडिकल स्टूडेंट्स को एडमिशन देता है। एक तिहाई से अधिक फैकल्टी पद खाली होने से, वर्तमान स्टाफ पर अधिक काम का बोझ और मेडिकल स्टूडेंट्स को दी जा रही एजुकेशन की क्वालिटी पर सवाल उठाता है।

आपको बता दें कि एम्स दिल्ली ने अभी तक यह साझा नहीं किया है कि खाली पदों पर नियुक्ति के लिए भर्ती प्रक्रिया का आयोजन कब किया जाएगा।