UPSC Success Story: हार का डटकर किया सामना, फिर कैसे UPSC क्रैक कर बने IPS ऑफिसर
- UPSC Success Story: “सफलता एक दिन में नहीं मिलती, मगर ठान ले तो एक दिन जरूर मिलती है।” IPS आदित्य कुमार की कहानी यूपीएससी की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों के लिए बेहतरीन मिसाल है।

IPS Aditya Kumar Success Story: “सफलता एक दिन में नहीं मिलती, मगर ठान ले तो एक दिन जरूर मिलती है।” यूपीएससी परीक्षा हमारे की सबसे बड़ी और कठिन परीक्षा में से एक है। इस परीक्षा को पास करना बहुत ही मुश्किल है। बहुत सारे लोग अगर एक बार प्रयास कर असफल हो जाते हैं तो वे हिम्मत हारकर दूसरा प्रयास ही नहीं करते हैं और अपना सपना बीच में ही अधूरा छोड़ देते हैं। लेकिन विजेता वो ही बनता है जो अंत तक मैदान में डटकर खड़ा रहता है।
आईपीएस आदित्य कुमार राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले के रहने वाले हैं। उनके माता-पिता सरकारी शिक्षक हैं। उन्होंने भदरा जिले से अपनी स्कूलिंग पूरी की है।
कई परीक्षाओं में हुए फेल-
आईपीएस आदित्य कुमार पहले प्रयास में प्रीलिम्स नहीं पास कर सकेंगे। दूसरे प्रयास में इंटरव्यू तक पहुंचे लेकिन चयन नहीं हो पाया। इसके बाद तीसरे प्रयास में मेन्स में फेल हो गए। चौथे प्रयास में आखिरकार वह सफल हो गए। ग्रेजुएशन के बाद पांच सालों के दौरान उन्होंने कई भर्ती परीक्षाएं दीं और करीब 30 परीक्षाओं में वह फेल हो गए।
हार का डटकर किया सामना-
दो दर्जन से ज्यादा भर्ती परीक्षाओं में आदित्य को असलफता हाथ लगी लेकिन इन नाकामियों ने उन्हें और मजबूत बनाया। वह कहते हैं, 'फेल होने के बाद मुझे झटका जरूर लगता था, हतोत्साहित होता था, सोचता था कि छोड़ दूं। लेकिन मैंने अनावश्यक सामाजिक दबाव और नकारात्मकता से दूर रहने का फैसला किया। मैं हर प्रयास से प्रोत्साहित होता था। अगले एग्जाम में अच्छा करने का लक्ष्य रखता था। सोचता था - अपना टाइम आएगा।'
हिन्दी मीडियम के रहे स्टूडेंट-
आईपीएस ऑफिसर आदित्य की कहानी यूपीएससी की तैयारी कर रहे लाखों अभ्यर्थियों को सीख देती है कि असफलता से मिलने वाला अनुभव ही कामयाबी की राह खोलता है। स्कूल और कॉलेज में वह हिन्दी मीडियम के छात्र रहे। 2013 में यूपीएससी की तैयारी के लिए वह दिल्ली आ गए।
यूपीएससी एस्पीरेंट के लिए टिप्स-
यूपीएससी एस्पीरेंट को टिप्स देते हुए आदित्य ने कहा, 'उत्तर लिखने की प्रैक्टिस करना सबसे आसान और सबसे सफल फॉर्मूलों से एक है। यह न केवल लिखने की स्पीड में सुधार करता है बल्कि उत्तरों को बेहतर ढंग से लिखने में भी मदद करता है। यदि आप हर दिन लिखते हैं, तो आप निरंतरता पर पकड़ बना लेंगे। निबंध लिखने के लिए कुछ समय दें। इसे अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं।
आदित्य की कहानी आज कई-कई सालों से यूपीएससी की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों के लिए बेहतरीन मिसाल है।