खुद से किया था डॉक्टर बनने का वादा, AIR 4 मृणाल किशोर झा ने कैसे फोड़ा NEET एग्जाम
बिहार से दिल्ली और फिर टॉपर्स की लिस्ट तक का सफर आसान नहीं था। लेकिन मृणाल किशोर झा ने मेहनत और हौसले से वो कर दिखाया, जो लाखों छात्रों का सपना होता है। आइए जानते हैं NEET UG 2025 में ऑल इंडिया रैंक 4 की कामयाबी की कहानी।

NEET UG 2025 AIR 4 Mrinal Kishor Jha: नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने शनिवार को NEET UG 2025 के नतीजे घोषित किए। इस बार दिल्ली से तीन छात्र टॉप 10 में रहे, जिनमें मृणाल किशोर झा (AIR 4), अविका अग्रवाल (AIR 5) और हर्ष केड़ावत (AIR 9) शामिल हैं। इन सबमें मृणाल दिल्ली टॉपर के रूप में सबसे आगे हैं। आइए जानते हैं कि मृणाल किशोर झा की कामयाबी की कहानी।
बचपन से था डॉक्टर बनने का सपना
मूल रूप से बिहार के रहने वाले मृणाल किशोर फिलहाल फरीदाबाद में रहते हैं। उनके पिता मनोज कुमार झा एक पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग (PSU) में कार्यरत हैं, जबकि मां किशोरी झा एक गृहिणी हैं। NEET की तैयारी के लिए मृणाल दिल्ली में अपनी मौसी के घर रहे और एक निजी कोचिंग इंस्टिट्यूट में दाखिला लिया। कोचिंग के साथ-साथ उन्होंने खुद से पढ़ाई पर भी खूब जोर दिया।
बायोलॉजी से शुरू हुई दिलचस्पी ने दिलाई डॉक्टरी की दिशा
एक इंटरव्यू में मृणाल बताते हैं, “क्लास 9 में मुझे बायोलॉजी में दिलचस्पी हुई और वहीं से डॉक्टर बनने की इच्छा पैदा हुई। तभी से मैंने ठानी कि मुझे डॉक्टर बनना है। 11वीं में PCB (फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायोलॉजी) लिया और NEET की तैयारी शुरू कर दी।”
12 घंटे की मेहनत, खुद से की गई जंग
मृणाल का रूटीन बेहद कठोर था। सुबह 7 घंटे कोचिंग क्लासेस और उसके बाद 5 से 6 घंटे की सेल्फ स्टडी। मृणाल ने बताया, “मैं मॉक टेस्ट से अपनी परफॉर्मेंस को ट्रैक करता था। जहां कमजोरी होती, वहीं से अगली तैयारी शुरू करता।” उन्होंने खासतौर पर ऑर्गेनिक केमिस्ट्री में अपनी दिलचस्पी बताई।
परिवार और टीचर्स थे सपोर्ट सिस्टम
अपनी सफलता का श्रेय मृणाल अपने माता-पिता और कोचिंग संस्थान के शिक्षकों को देते हैं। मृणाल ने कहा, “मेरे माता-पिता ने हर वक्त मुझे प्रोत्साहित किया। जब भी मैं थकता, वो मुझे आगे बढ़ने का हौसला देते। मेरे सभी टीचर्स ने हर शंका को गंभीरता से लिया और मेरी राह आसान की।”
एम्स दिल्ली था सपना
NEET में ऑल इंडिया रैंक 4 लाकर मृणाल अब अपने सबसे बड़े सपने एम्स दिल्ली में दाखिला लेने की उम्मीद कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “एस्म दिल्ली हर मेडिकल स्टूडेंट का सपना होता है। अब लग रहा है कि वो सपना पूरा हो पाएगा।” हालांकि उन्होंने मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज और वर्धमान महावीर मेडिकल कॉलेज को भी बैकअप के रूप में सोचा है।