UP Police Result : यूपी पुलिस कांस्टेबल रिजल्ट मार्च में संभव, अधिक आयु वालों को मिलेगा फायदा
- UP Police Constable Final Result : यूपी पुलिस कांस्टेबल भर्ती का रिजल्ट मार्च में जारी हो सकता है। नतीजे https://uppbpb.gov.in पर जाकर चेक कर सकेंगे।

UP Police Constable Final Result : यूपी पुलिस कांस्टेबल भर्ती भर्ती के लिए हो रही शारीरिक दक्षता परीक्षा गुरुवार को सम्पन्न हो गई। इसमें प्रदेश की 12 पीएसी वाहिनियों में हुई इस परीक्षा में करीब डेढ़ लाख अभ्यर्थी शामिल हुए। इस परीक्षा का अंतिम परिणाम मार्च में आ सकता है। पुलिस भर्ती बोर्ड ने पांच दिन 10 पालियों में इस परीक्षा को सम्पन्न कराया था। पिछले साल यह परीक्षा पर्चा लीक होने की वजह से रद्द कर दी थी। इसके बाद दोबारा यह परीक्षा कराई गई थी। उधर लखनऊ की 35 वीं वाहिनी पीएसी में गुरुवार को 347 अभ्यर्थियों को शामिल होना था। इनमें 299 अभ्यर्थी उपस्थित हुए जिसमें 166 अभ्यर्थी पास हुए। 133 अभ्यर्थी उत्तीर्ण घोषित किए। इस भर्ती दौड़ में सात अभ्यर्थी घायल हो गए। इन अभ्यर्थियों में 84 अभ्यर्थी वह शामिल हुए जिनकी पहले की तारीख में परीक्षा छूट गई थी।
कैसे तैयारी होगी मेरिट
यूपी पुलिस कांस्टेबल पीईटी राउंड में सफल अभ्यर्थियों में से बोर्ड लिखित परीक्षा में प्रत्येक अभ्यर्थी द्वारा प्राप्त अंकों के क्रम के अनुसार प्रत्येक कैटेगरी के अभ्यर्थियों की एक चयन सूची आरक्षण नीति को ध्यान में रखकर तैयार करेगा।
- बोर्ड कोई वेटिंग लिस्ट तैयार नहीं करेगा।
- यूपी पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड ने कहा है कि दो या दो से अधिक अभ्यर्थियों के अंक समान आने पर ऐसे अभ्यर्थियों को वरीयता दी जाएगी जिनके पास एनसीसी का बी सर्टिफिकेट या डोएक ओ लेवल सर्टिफिकेट होगा या प्रादेशिक सेना में दो साल का अनुभव होगा। अगर बराबर मार्क्स वाले अभ्यर्थियों के पास इनमें से कुछ नहीं है तो फिर मेरिट में उन्हें ऊपर रखा जाएगा जिनकी आयु अधिक होगी।
- इसके बाद भी अगर दो या दो से अधिक अभ्यर्थियों के अंक एक समान हों तो अभ्यर्थियों के नाम की स्पेलिंग ( 10वीं के सर्टिफिकेट के मुताबिक) देखी जाएगी। अंग्रेजी वर्णमाला के क्रम में जिसका नाम पहले आएगा वो मेरिट में ऊपर आएगा।
सफल अभ्यर्थियों की 9 महीने एक साथ होगी ट्रेनिंग
यूपी पुलिस 60,244 सिपाहियों की भर्ती में सफल अभ्यर्थियों की 9 महीने तक एक साथ ट्रेनिंग होगी। अभ्यर्थियों की एक महीने की प्रारम्भिक ट्रेनिंग (जेटीसी) सभी 75 जिलों में होगी। इसके बाद नौ महीने की आधारभूत ट्रेनिंग अन्य सेन्टरों पर कराई जाएगी।