छत्तीसगढ़ में पकड़ाई बांग्लादेशी महिला; हिंदू नाम बताकर रह रही थी, कई बार सीमा पार भी होकर आई
सूचना मिलते ही एसटीएफ ने उस जगह पर जाकर दबिश देते हुए महिला को पकड़ लिया। पहचान साबित करने के लिए उसने अंजली सिंह के नाम से बना अपना आधार कार्ड भी दिखाया, जो पुलिस को संदिग्ध लगा और जांच में फर्जी पाया गया।

छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले से पुलिस ने एक बांग्लादेशी मुस्लिम महिला को गिरफ्तार किया है, जो कि यहां नाम हिंदू नाम रखकर अवैध रूप से रह रही थी। मामले की जानकारी देते हुए गुरुवार को पुलिस अधिकारी ने बताया कि महिला को जिले के सुपेला थाना क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया, जहां पर वह नाम बदलकर रह रही थी। उसने अपनी पहचान काकोली घोष उर्फ अंजलि सिंह के रूप में बताई थी। जबकि उसका असली नाम पन्ना बीबी (25) है, जो कि बांग्लादेश के खुलना जिले के दिधिरपार की रहने वाली है। पुलिस ने बताया कि वह दिल्ली से आई थी, जहां पर वह करीब एक साल रही थी।
पुलिस जांच के दौरान और महिला की कॉल डिटेल्स से पता चला कि पिछले दो साल से यहां रह रही महिला ना केवल कई बार बांग्लादेश होकर आ चुकी थी, बल्कि बांग्लादेश के लगभग एक दर्जन से ज्यादा मोबाइल नंबरों से लगातार संपर्क में भी थी। महिला के पास पुलिस को जो आधार कार्ड मिला वह भी फर्जी निकला है।
दुर्ग के पुलिस अधीक्षक विजय अग्रवाल ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि राज्य में अवैध रूप से घुसपैठ करके आए बांग्लादेशी और रोहिंग्या नागरिकों की पहचान करने और उनके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए दुर्ग जिले में विशेष कार्य बल (एसटीएफ) का गठन किया गया है। बुधवार 14 मई को एसटीएफ को जानकारी मिली कि सुपेला के नेहरू रोड इलाके में सूरज साव के मकान में बांग्लादेश की एक महिला अपनी मूल पहचान छुपाते हुए काकोली घोष उर्फ अंजली सिंह के नाम से रह रही है।
सूचना मिलते ही एसटीएफ ने उस जगह पर जाकर दबिश देते हुए महिला को पकड़ लिया। पूछताछ के दौरान उसने अपना नाम अंजली सिंह बताया और कहा कि वह पूर्वी दिल्ली, नांगलोई की रहने वाली है। पहचान साबित करने के लिए उसने अंजली सिंह के नाम से बना अपना आधार कार्ड भी दिखाया, जो पुलिस को संदिग्ध लगा और जांच में फर्जी पाया गया।
इसके बाद जब पुलिस ने महिला से सख्ती से पूछताछ की तो सबकुछ उगल दिया। उसने अपना असली नाम पन्ना बीवी और पिता का नाम अब्दुल रऊफ बताया। महिला ने बताया कि वह बांग्लादेश के खुलना जिले की रहने वाली है और लगभग आठ साल पहले बगैर वैध पासपोर्ट और वीजा के अवैध रूप से अंतरराष्ट्रीय सीमा पार कर पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के बोंगांव पेट्रोपोल के जरिए भारत में घुसी थी। वह कोलकाता शहर पहुंची और करीब 5 साल तक काकोली घोष नाम से सोनागाछी में अवैध रूप से रही। इसके बाद वह वहां से वह दिल्ली पहुंची और सालभर रही।
अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली में रहने के दौरान उसकी पहचान भिलाई की रहने वाली पूजा नाम की लड़की से हुई, और इसके बाद वह उसके साथ भिलाई आ गई। पिछले दो साल से वह नेहरू चौक सुपेला में रहने वाले सूरज साव के मकान में किराये पर रह रही थी। यहां पर भी उसने अपनी पहचान काकोली घोष उर्फ अंजली सिंह बताते हुए किराये पर मकान लिया था।
वहां उसकी पहचान भिलाई निवासी पूजा नाम की लड़की से हुई और दो साल पहले वह उसके साथ यहां आ गई। एसपी ने बताया कि वह काकोली घोष/अंजलि सिंह नाम से सुपेला में रह रही थी।
भिलाई में रहते हुए कई बार बांग्लादेश होकर आई थी महिला
अधिकारियों ने बताया कि पूछताछ के दौरान यह भी पता चला कि भारत में रहने के दौरान पन्ना बीबी भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा पारकर कई बार बांग्लादेश स्थित अपने मूल घर भी गई थी। जब पुलिस ने महिला के मोबाइल की जांच की तो पाया गया कि महिला ने अपने मोबाइल फोन से बांग्लादेश के लगभग एक दर्जन से ज्यादा मोबाइल नंबरों पर (पिता, भाई, बहन एवं अन्य रिश्तेदारों) लगातार बात की है और वह लगातार उनके संपर्क में थी। महिला ने पुलिस को जो आधार कार्ड दिखाया था वह भी फर्जी था तथा उसे भी छेड़छाड़ करके बनाया गया था।
अधिकारियों ने बताया कि पुलिस ने महिला को विदेशी विषयक अधिनियम 1946, पासपोर्ट (भारत में प्रवेश) अधिनियम 1920 तथा भारतीय न्याय संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस के अनुसार मकान मालिक द्वारा किरायेदार के संबंध में किसी प्रकार की सूचना थाने में नहीं दी गई थी, जिसके बाद पुलिस भी मकान मालिक के खिलाफ कार्रवाई कर रही है।
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