क्या CSK में ऐसा कोई युवा नहीं जो संभाल सके कमान? थाला एमएस धोनी के रिटर्न से उठे कई सवाल
- MS Dhoni CSK: चेन्नई सुपर किंग्स ने ऋतुराज के घायल होने पर एक बार फिर धोनी को कप्तानी सौंप दी है। लेकिन सवाल यह है कि क्या यह कप्तानी के रास्ते पर पीछे जाना नहीं है? क्या किसी युवा को कमान नहीं सौंपी जा सकती थी।?

MS Dhoni CSK: आईपीएल 2024 से पहले सभी टीमों के कप्तान फोटो सेशन के लिए आए। वहां चेन्नई सुपर किंग्स के कप्तान को देखकर हर कोई हैरान रह गया था। सीएसके ने ऋतुराज गायकवाड़ को कमान सौंप दी थी। लंबे समय तक टीम के कप्तान रहे धोनी अब पिछली सीट पर जा चुके थे। इसके बाद माना गया कि फ्रेंचाइजी ने आगे की तरफ देखना शुरू कर दिया है। लेकिन गुरुवार की शाम एक बार फिर ट्विस्ट आ गया। सीएसके की तरफ से अचानक से बताया जाता है कि ऋतुराज गायकवाड़ घायल होने के चलते शेष आईपीएल से बाहर हो गए हैं। इसके साथ ही नए कप्तान के नाम का ऐलान होता है और यह नाम होता है एमएस धोनी का। साल भर पहले सीएसके ने आगे बढ़ने की इच्छा जताई थी, लेकिन लौटकर फिर वहीं पहुंच गए।
कई टीमों ने बदले हैं कप्तान
इस सीजन में कई टीमों ने नया कप्तान चुना है। सबसे बड़ा एग्जांपल, रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु ने सेट किया है। सीजन की शुरुआत से पहले कोहली को फिर से कप्तानी सौंपने की बात चल रही थी। लेकिन आरसीबी ने कप्तानी सौंपी युवा रजत पाटीदार को। इसी तरह मुंबई इंडियंस ने पिछले सीजन में रोहित शर्मा को हटाकर हार्दिक पांड्या को कप्तानी सौंपी। इसको लेकर काफी बवाल भी मचा। सोशल मीडिया से लेकर मैदान तक हार्दिक की हूटिंग हुई। लेकिन मुंबई इंडियंस ने कदम वापस नहीं खींचा और इस सीजन भी हार्दिक ही टीम की कमान संभाल रहे हैं।
चेन्नई में सेकंड लाइन नहीं
असल में चेन्नई सुपर किंग्स ने लीडरशिप की सेकंड लाइन डेवलप ही नहीं होने दी। काफी समय तक सुरेश रैना नंबर दो माने जाते रहे, लेकिन उन्हें टीम ने अपने साथ रोका ही नहीं। इसी तरह फाफ डु प्लेसिस में कप्तानी संभालने का दम था, लेकिन उनमें भी सीएसके ने बहुत इंट्रेस्ट नहीं दिखाया। 2022 में रविंद्र जडेजा को सीएसके का कप्तान बनाया गया। जड्डू अपनी कप्तानी में प्रभाव नहीं छोड़ पा रहे थे। ऐसे में बीच सीजन में ही फिर से धोनी को ही कप्तानी सौंप दी गई। हालांकि इसका कुछ खास असर नहीं दिखा और सीएसके की टीम नौवें नंबर पर रही थी।
धोनी की छत्रछाया ही सबसे बड़ी मुश्किल
कहते हैं कि किसी बड़े वृक्ष की छांव में छोटा पेड़ पनप नहीं पाता। सीएसके में एमएस धोनी वही बड़े वृक्ष हैं। उनका ऑरा इतना बड़ा है कि दूसरे खिलाड़ी अपना कुछ असर ही नहीं दिखा पा रहे। याद कीजिए रविंद्र जडेजा की कप्तानी वाला दौर। केवल टॉस और पोस्ट मैच प्रजेंटेशन को छोड़ दिया जाए तो मैदान पर कभी लगा ही नहीं कि धोनी कप्तानी नहीं कर रहे हैं। उस वक्त कमेंटेटर्स से लेकर सोशल मीडिया पर फैन्स तक ने भी इस बात को नोटिस किया था। कुछ ऐसा ही हाल ऋतुराज गायकवाड़ के साथ भी होता नजर आ रहा था। तमाम फैसलों धोनी इंपैक्ट साफ दिखता था। अब ऋतुराज की चोट कितनी गंभीर है यह तो वही बता सकते हैं, लेकिन कप्तानी के रास्ते पर आगे न बढ़कर पीछे जाना सीएसके भविष्य पर जरूर चोट कर सकता है।
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