मार्करम ने WTC फाइनल में कंगारुओं को मार-मारकर रचा इतिहास, ऐसा करने वाले बने SA के पहले खिलाड़ी
एडेन मार्करम ने आईसीसी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में ऑस्ट्रेलिया की खटिया खड़ कर दी है। उन्होंने शतक लगाकर इतिहास रचा है। वहीं, साउथ अफ्रीकी टीम ट्रॉफी जीतने की दलीज पर है।

साउथ अफ्रीका के ओपनर एडेन मार्करम ने लॉर्ड्स में जारी आईसीसी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में गरदा उड़ा दिया। उन्होंने 282 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए शतक मारकर ऑस्ट्रेलिया की खटिया खड़ कर दी है। वह 159 गेंदों में 11 चौकों की मदद से 102 रन बनाकर नाबाद हैं और साउथ अफ्रीका 1998 के बाद पहली आईसीसी ट्रॉफी जीतने की दहलीज पर है। मार्करम पहली पारी में खाता नहीं खोल सके थे लेकिन दूसरी पारी में उन्होंने जबर्दस्त दमखम दिखाया और इतिहास रच डाला। वह आईसीसी टूर्नामेंट के फाइनल में सेंचुरी ठोकने वाले साउथ अफ्रीका के पहले खिलाड़ी बन गए हैं।
वहीं, मार्करम आईसीसी फाइनल में शतक लगाने वाले 15वें पुरुष क्रिकेटर हैं। वह इंग्लैंड में एक ही टेस्ट में शतक और विकेट लेने वाले साउथ अफ्रीका के पांचवें प्लेयर बन चुके हैं। उन्होंने डब्ल्यूटीसी फाइनल में दो शिकार किए। मार्करम ने हेजलवुड द्वारा डाले गए 55वें ओवर की पांचवीं गेंद पर चौका लगाकर सैकड़ा कंप्लीट किया था। यह उनके टेस्ट करियर का आठवां शतक है। वह टेस्ट मैचों में चौथी पारी में सबसे ज्यादा शतक लगाने वाले सलामी बल्लेबाजों की लिस्ट में संयुक्त रूप से दूसरे पायदान पर पहुंच गए हैं। उन्होंने चौथी पारी में तीसरी बार बार शतक जमाने का कारनामा अंजाम दिया है।
टेस्ट की चौथी पारी में ओपनर्स द्वारा सर्वाधिक शतक
4 - सुनील गावस्कर
4 - ग्रीम स्मिथ
3 - हर्बर्ट सुटक्लिफ
3 - ज्योफ्री बॉयकॉट
3 - गॉर्डन ग्रीनिज
3 - ग्राहम गूच
3 - एडेन मार्करम
जीत के इतने करीब साउथ अफ्रीका
साउथ अफ्रीका ने फाइनल में शुक्रवार को तीसरे दिन के समापन पर दो विकेट पर 213 रन बनाकर अपनी स्थिति मजबूत कर ली। साउथ अफ्रीका को 27 साल में अपना पहला आईसीसी खिताब जीतने के लिए और 69 रन की जरूरत है जबकि उसके आठ विकेट बचे है। मारक्रम तीसरे विकेट के लिए कप्तान टेम्बा बावुमा (नाबाद 65) के साथ 143 रन की अटूट साझेदारी कर चुके हैं। अगर कंगारू टीम शनिवार को यह साझेदारी तोड़ने में कामयाब नहीं हो सकी तो साउथ अफ्रीकी टीम पहले सेशन में ही जीत का स्वाद चख सकती है। बावुमा ने बाएं पैर की मांसपेशियों की खिंचाव के बावजूद दुनिया की सबसे मजबूत गेंदबाजी आक्रमण के सामने क्रीज पर डटे रहने का साहसिक फैसला कर मारक्रम का शानदार तरीके से साथ निभाया।