Ahmedabad Plane Crash: काला नहीं ऑरेंज होता है ‘ब्लैक बॉक्स’, खोलेगा हादसे के बड़े राज Ahmedabad Plane Crash What is a Black Box in an Airplane Function and Importance, Gadgets Hindi News - Hindustan
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Ahmedabad Plane Crash: काला नहीं ऑरेंज होता है ‘ब्लैक बॉक्स’, खोलेगा हादसे के बड़े राज

ब्लैक बॉक्स ना सिर्फ विमान हादसों की जांच के लिए एक अहम टूल है, बल्कि यह ग्लोबल एविएशन इंडस्ट्री में बेहतर सुरक्षा मानक तैयार करने में मदद करता है। उम्मीद है कि अहमदाबाद विमान हादसे के राज भी इसके जरिए खुलेंगे।

Pranesh Tiwari लाइव हिन्दुस्तानThu, 12 June 2025 10:04 PM
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Ahmedabad Plane Crash: काला नहीं ऑरेंज होता है ‘ब्लैक बॉक्स’, खोलेगा हादसे के बड़े राज

अहमदाबाद विमान दुर्घटना में सैकड़ों लोगों की मौत के बाद एक शब्द बार-बार सुनने को मिल रहा है, 'ब्लैक बॉक्स'। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह ब्लैक बॉक्स वाकई क्या होता है, कैसे काम करता है और इसका विमान की सुरक्षा में क्या काम होता है। उम्मीद है कि हादसे की सही वजह ब्लैक बॉक्स के जरिए सामने आएगी। ज्यादातर लोग नहीं जानते कि ब्लैक बॉक्स का कलर ब्लैक नहीं बल्कि ऑरेंज होता है। आइए इस ब्लैक बॉक्स के बारे में आपको विस्तार से बताते हैं।

ब्लैक बॉक्स क्या होता है?

ब्लैक बॉक्स एक इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्डिंग डिवाइस होता है, जो विमान में उड़ान के दौरान काम की जानकारियां रिकॉर्ड करता है। तकनीकी रूप से, ब्लैक बॉक्स दो अलग-अलग रिकॉर्डिंग यूनिट्स से मिलकर बनता है,

1. फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (FDR) – यह विमान के तकनीकी डेटा जैसे गति, ऊंचाई, इंजन की स्थिति, तापमान, पिच, रोल और दिशा जैसी जानकारियां रिकॉर्ड करता है।

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2. कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR) – यह विमान के कॉकपिट में पायलटों की बातचीत, चेतावनी अलार्म और अन्य ध्वनियों को रिकॉर्ड करता है।

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ब्लैक बॉक्स का रंग कैसा होता है?

भले ही इसे ‘ब्लैक बॉक्स’ कहा जाता है, लेकिन असल में इसका रंग चमकीला नारंगी (bright orange) होता है। यह कलर इसलिए चुना गया है ताकि दुर्घटना के बाद मलबे में इसे आसानी से खोजा जा सके।

ब्लैक बॉक्स कैसे काम करता है?

ब्लैक बॉक्स को विमान में इस तरह लगाया जाता है कि वह दुर्घटना या आग जैसी आपात स्थितियों में भी सुरक्षित रह सके। आइए इसमें मिलने वाली टेक्नोलॉजी के बारे में आपको बताएं।

Crash-Survivable Memory Unit (CSMU): यह यूनिट हाई टेम्परेचर, प्रेशर, पानी और आघात झेलने में सक्षम होती है।

Underwater Locator Beacon (ULB): अगर विमान समुद्र में दुर्घटनाग्रस्त हो जाता है, तो यह बीकन पानी के अंदर से सिग्नल भेजता है, जिससे ब्लैक बॉक्स को खोजने में मदद मिलती है।

ब्लैक बॉक्स लगातार डेटा रिकॉर्ड करता रहता है और हाल के 25 घंटों तक की जानकारी सेव कर रख सकता है। जैसे ही नया डेटा आता है, पुराना डेटा ऑटोमेटिकली मिट जाता है।

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ब्लैक बॉक्स क्यों जरूरी है?

विमान हादसे के बाद उसकी वजहों का पता लगाने में ब्लैक बॉक्स सबसे अहम भूमिका निभाता है। इसके अलावा जो भी कमियां पाई जाती हैं, उनके आधार पर भविष्य में सुरक्षा नियमों में बदलाव किए जाते हैं। इसके अलावा इंजन परफॉर्मेंस या विमान की स्थिति के आधार पर एयरलाइंस टेक्नोलॉजी से जुड़े सुधार कर सकती हैं।

ब्लैक बॉक्स को कितना सुरक्षित बनाया जाता है?

ब्लैक बॉक्स इतना मजबूत होता है कि 1100 डिग्री सेल्सियस तक की गर्मी झेल सकता है। साथ ही यह 3400 G-force तक का प्रेशर झेल सकता है और इसे गहरे पानी में 30 दिन तक खोजा जा सकता है। इसे आमतौर पर विमान के पिछले सेक्शन (tail section) में रखा जाता है क्योंकि दुर्घटना की स्थिति में यह हिस्सा सबसे आखिरी में प्रभावित होता है और इसके सुरक्षित रहने की संभावना अधिक होती है।

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