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हिमाचल के 6 लाख स्कूली छात्रों को गिफ्ट देगी सुक्खू सरकार, 2026 तक 'ग्रीन स्टेट' बनाने का लक्ष्य

हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने राज्य के 6 लाख स्कूली छात्रों को एक गिफ्ट देने की घोषणा की है। सीएम सुक्खू ने कहा कि इससे राज्य को ग्रीन स्टेट बनाने में मदद मिलेगी। सीएम ने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार वर्ष 2026 तक हिमाचल को 'ग्रीन स्टेट' घोषित करने की दिशा में तेजी से काम कर रही है।

Subodh Kumar Mishra लाइव हिन्दुस्तान, शिमलाThu, 5 June 2025 08:44 PM
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हिमाचल के 6 लाख स्कूली छात्रों को गिफ्ट देगी सुक्खू सरकार, 2026 तक 'ग्रीन स्टेट' बनाने का लक्ष्य

हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने राज्य के 6 लाख स्कूली छात्रों को एक गिफ्ट देने की घोषणा की है। सीएम सुक्खू ने कहा कि इससे राज्य को ग्रीन स्टेट बनाने में मदद मिलेगी। सीएम ने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार वर्ष 2026 तक हिमाचल को 'ग्रीन स्टेट' घोषित करने की दिशा में तेजी से काम कर रही है।

विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर गुरुवार को हिमाचल प्रदेश सरकार ने पर्यावरण संरक्षण को लेकर एक बड़ा निर्णय लिया। सरकार ने राज्य के 6 लाख स्कूली छात्रों को स्टेनलेस स्टील की पानी की बोतलें देने की घोषणा की। शिमला स्थित पीटरहॉफ में आयोजित राज्य स्तरीय समारोह में मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने यह ऐलान करते हुए कहा कि यह पहल प्लास्टिक के इस्तेमाल को खत्म करने और पर्यावरण के प्रति बच्चों में जागरूकता बढ़ाने के लिए की जा रही है।

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार वर्ष 2026 तक हिमाचल को 'ग्रीन स्टेट' घोषित करने की दिशा में तेजी से काम कर रही है। यह स्टील बोतलें वितरित करने की योजना उसी व्यापक रणनीति का हिस्सा है। सुक्खू ने कहा कि हम प्लास्टिक के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़ रहे हैं। सरकार का प्रयास है कि अगली पीढ़ी को स्वच्छ और सुरक्षित पर्यावरण मिले।

सरकार का मानना है कि स्टेनलेस स्टील की बोतलें प्लास्टिक की तुलना में अधिक सुरक्षित, टिकाऊ और पर्यावरण अनुकूल होती हैं। प्लास्टिक बोतलों में मौजूद रसायन स्वास्थ्य के लिए खतरा साबित हो सकते हैं। ऐसे में स्टील बोतलें बच्चों को प्लास्टिक के विकल्प के रूप में प्रोत्साहित करेंगी और राज्य की प्लास्टिक-मुक्त मुहिम को नया बल मिलेगा।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने ‘सिंगल यूज प्लास्टिक चालान मोबाइल ऐप’ का शुभारंभ भी किया। इस ऐप के माध्यम से अधिकारी अवैध प्लास्टिक उपयोग पर मौके पर ही डिजिटल चालान जारी कर सकेंगे। इससे कार्रवाई न केवल त्वरित होगी बल्कि पेपरलेस प्रणाली को भी बढ़ावा मिलेगा।

समारोह के दौरान पर्यावरण विभाग की लघु पुस्तिकाओं का विमोचन किया गया और महिला स्वयं सहायता समूहों को पत्तल-डूना बनाने की मशीनें प्रदान की गईं। इसके अतिरिक्त शिमला के आरकेएमवी ईको क्लब को प्लास्टिक कचरा प्रबंधन के लिए एक आधुनिक श्रेडर मशीन भेंट की गई।

मुख्यमंत्री ने इस मौके पर एक बार फिर केंद्र सरकार से हिमाचल को 'ग्रीन बोनस' देने की मांग दोहराई। उन्होंने कहा कि राज्य ने पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किए हैं और उसके अनुरूप वित्तीय सहायता मिलनी चाहिए ताकि इन प्रयासों को और मजबूती दी जा सके।

मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने इस अवसर पर बताया कि राज्य में प्लास्टिक उत्पादकों पर निगरानी के लिए एक प्रभावी तंत्र तैयार किया गया है। डिपॉजिट रिफंड स्कीम लागू की गई है, जिससे प्लास्टिक अपशिष्ट को नियंत्रित करने में मदद मिली है।

रिपोर्ट : यूके शर्मा

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