चीन के मंसूबों पर अमेरिका का वार, तनातनी के बीच ट्रंप की नई चाल से बौखला उठेगा ड्रैगन
- चीन के आक्रामक रवैये और दक्षिण चीन सागर में बढ़ती तनातनी के बीच अमेरिका ने अपने सैन्य तैनाती को और धार देने का ऐलान किया है।

दुनिया के सबसे ताकतवर मुल्क अमेरिका ने हिंद-प्रशांत इलाके में अपनी सैन्य मौजूदगी और मजबूत करने का फैसला लिया है। चीन के आक्रामक रवैये और दक्षिण चीन सागर में बढ़ती तनातनी के बीच अमेरिका ने अपने सैन्य तैनाती को और धार देने का ऐलान किया है। अमेरिकी रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ ने कहा कि वॉशिंगटन किसी भी तरह के टकराव को नहीं चाहता, लेकिन अपने सहयोगियों की सुरक्षा और क्षेत्रीय स्थिरता को बनाए रखने के लिए वो किसी भी हद तक जाने को तैयार है।
अमेरिकी रक्षा मंत्री ने अपनी एशिया यात्रा की शुरुआत हवाई से की, जहां उन्होंने इंडो-पैसिफिक कमांड के अधिकारियों से बातचीत की। इसके बाद वे फिलीपींस और जापान के दौरे पर जाएंगे। इन यात्राओं का मकसद सहयोगी देशों को भरोसा दिलाना है कि अमेरिका क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव को रोकने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
अमेरिका का 'फॉरवर्ड पोस्टरिंग'
हेगसेथ ने साफ किया कि अमेरिका फॉरवर्ड पोस्टरिंग यानी सैन्य तैनाती को और आगे बढ़ाने की रणनीति पर काम कर रहा है। उन्होंने कहा, "हम युद्ध नहीं चाहते, लेकिन हम प्रतिरोध में मजबूती से खड़े रहेंगे। इसी वजह से हम गुआम, जापान और फिलीपींस का दौरा कर रहे हैं।" हेगसेथ शुक्रवार को फिलीपींस पहुंचेंगे, जहां वे राष्ट्रपति फर्डिनेंड मार्कोस जूनियर और रक्षा सचिव गिल्बर्टो टियोडोरो जूनियर से मुलाकात करेंगे। इस दौरान अमेरिका और फिलीपींस के बीच सैन्य साझेदारी को और मजबूत करने पर चर्चा होगी।
अमेरिका-फिलीपींस की सुरक्षा साझेदारी
अमेरिका और फिलीपींस पहले ही रक्षा सहयोग बढ़ाने के लिए कई अहम समझौते कर चुके हैं। हाल ही में दोनों देशों ने चीन की बढ़ती सैन्य गतिविधियों को देखते हुए फिलीपींस के सामरिक ठिकानों पर अमेरिकी सेना की मौजूदगी बढ़ाने का निर्णय लिया था। इसी बीच, रेडियो फ्री एशिया की रिपोर्ट के मुताबिक, फिलीपींस में छह चीनी नागरिकों और एक फिलीपीनो को गिरफ्तार किया गया है। इन पर आरोप है कि वे सुबिक बे के पास अमेरिकी और फिलीपीन नौसेना के जहाजों की जासूसी कर रहे थे। यह इलाका रणनीतिक रूप से बेहद अहम है और चीन पहले भी इस पर अपनी नजरें गड़ाए हुए रहा है।
बढ़ेगी चीन की बौखलाहट
रक्षा मंत्री हेगसेथ के मुताबिक, यह दौरा ट्रंप प्रशासन के 'इंडो-पैसिफिक पिवट' यानी हिंद-प्रशांत पर अमेरिका के रणनीतिक झुकाव को दर्शाता है। उन्होंने कहा, "राष्ट्रपति ट्रंप ने मुझे स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि क्षेत्र में शक्ति संतुलन बनाए रखने के लिए हमें अपने कदम मजबूत करने होंगे।" वहीं चीन और अमेरिका के बीच पहले से ही दक्षिण चीन सागर को लेकर तनाव है। बीजिंग यहां कृत्रिम द्वीपों पर सैन्य अड्डे बना रहा है और दावा कर रहा है कि पूरा दक्षिण चीन सागर उसका हिस्सा है। लेकिन अमेरिका और उसके सहयोगी इसे नकारते हैं और फ्रीडम ऑफ नेविगेशन यानी स्वतंत्र नौवहन के अधिकार की वकालत करते हैं।
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