बीच जंग पड़ोसी देश ने ईरान को पहुंचाई हथियारों की खेप? ट्रांसपोंडर बंद कर चुपके से उतारे तीन कार्गो प्लेन
इजरायली रक्षा बलों के मुताबिक ईरानी हमलों में 20 से अधिक लोग मारे गए हैं और 600 से अधिक घायल हुए हैं। वहीं, ईरान ने कहा कि इजरायल के हमलों में 220 से अधिक लोग मारे गए हैं, जबकि 1,800 से अधिक लोग घायल हुए हैं।

पिछले शुक्रवार यानी 13 जून को इजरायली रक्षा बलों ने ईरान के खिलाफ तड़के ऑपरेशन राइजिंग लॉयन लॉन्च कर ईरान के सैन्य ठिकानों और परमाणु केंद्रों पर ताबड़तोड़ हमले किए। इसके जवाब में ईरान ने भी इजरायल पर हमले किए। आज (बुधवार को) दोनों देशों के बीच जंग का छठा दिन है। अब ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि ईरान और उसके परमाणु प्रतिष्ठानों के खिलाफ इजरायली अभियान में अमेरिका भी शामिल हो सकता है। हालांकि, जंग में संभावित भागीदारी पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के करीबी सलाहकारों के बीच सहमति नहीं बन पायी है। अगर ऐसा होता है तो यह युद्ध विकराल रूप ले सकता है क्योंकि ईरान की मदद करने के लिए चीन भी तैयार है।
इस बीच, खबर ये भी आई है कि शुक्रवार को जैसे ही इजरायल ने ईरान पर हमला बोला, उसके अगले ही दिन चीन से एक मालवाहक विमान ने उड़ान भरी। इसके अगले दिन, एक और कार्गो प्लेन ने तटीय शहर से उड़ान भरी और सोमवार को फिर एक और कार्गो विमान चीन से रवाना हुआ। यानी तीन दिनों में तीन मालवाहक विमानों ने उड़ान भरी है और रहस्यमय तरीके से ईरान में लैंडिंग की है। ऐसी संभावना जताई जा रही है कि इन कार्गो प्लेन्स के जरिए हथियार भेजकर चीन ने अपने दोस्त ईरान की सैन्य मदद की है।
ईरान के करीब पहुंचते रडार से गायब हुआ चीनी विमान
द टेलीग्राफ की रिपोर्ट में कहा गया है कि उन कार्गो विमानों के डेटा से पता चला है कि तीनों विमानों ने उत्तरी चीन से पश्चिम की ओर उड़ान भरी थी, जो कजाकिस्तान,फिर दक्षिण में उज्बेकिस्तान और तुर्कमेनिस्तान होते हुए ईरान के करीब आता दिखता है लेकिन ईरान के पास आते ही वह रहस्यमय तरीके से रडार से गायब हो गया था।
चीनी विमानों ने रहस्य को और बढ़ाते हुए अपना अंतिम गंतव्य लक्जमबर्ग दिखाया है, लेकिन डेटा से पता चलता है कि ये चीनी विमान कभी भी यूरोपीय आसमान में नहीं उड़े। अब इस बात को लेकर चिंता जताई जा रही है कि युद्ध के माहौल में इन विमानों के जरिए चीन से ईरान की दिशा में क्या भेजा गया होगा?
क्या कह रहे विशेषज्ञ?
इस बारे में विमानन विशेषज्ञों का कहना है कि जिस तरह के विमान का इस्तेमाल किया दया है, वह बोइंग 747 मालवाहक विमान है, जो आमतौर पर सैन्य उपकरणों और हथियारों को ढोने के लिए इस्तेमाल में लाया जाता है। विशेषज्ञों का कहना है कि विमान ने कथित तौर पर ईरानी वायु सीमा में प्रवेश करने से पहले अपने ट्रांसपोंडर्स बंद कर दिए थे जिससे कि वे रडार और कॉमर्शियल ट्रैकिंग सिस्टम से बच जाएं। ऐसे में यह रहस्मयी और गुप्त कदम ईरान को हथियार पहुंचाने के लिए ही उठाया गया होगा।
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