टैरिफ 'बम' से ऐन पहले ट्रंप को बड़ा झटका, अमेरिकी जज ने पलटा एक अहम फैसला
- टैरिफ की घोषणा से ऐन पहले डोनाल्ड ट्रंप को बड़ा झटका लगा है। जज ने ट्रंप प्रशासन के फैसले को पलटते हुए आदेश दिया कि अमेरिका आए प्रवासी बच्चों के लिए कानूनी सहायता देने वाली फंडिंग को अस्थायी रूप से बहाल करे।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप आज टैरिफ को लेकर बड़ी घोषणा करने वाले हैं, इससे पहले उन्हें एक बड़ा झटका लगा है। एक संघीय जज ने उनके प्रशासन द्वारा लिए गए एक अहम फैसले को पलट दिया है, जिसमें अप्रवासी बच्चों को दी जाने वाली कानूनी सहायता की फंडिंग रोक दी गई थी। इस फैसले को ट्रंप की कड़ी इमिग्रेशन नीतियों का हिस्सा माना जा रहा था, लेकिन अदालत ने इसे रोकते हुए कहा कि यह बच्चों के कानूनी अधिकारों और सुरक्षा से जुड़ा मामला है। यह झटका ऐसे समय में आया है जब ट्रंप जल्द ही अपनी नई टैरिफ नीति लागू करने वाले हैं, जिसे लेकर पहले ही काफी विवाद हो रहा है।
क्या है मामला?
ट्रंप प्रशासन ने हाल ही में उन कानूनी सहायता कार्यक्रमों की फंडिंग रोक दी थी, जो अमेरिका में बिना अभिभावकों के आने वाले प्रवासी बच्चों को वकील उपलब्ध कराते हैं। इससे 26,000 से अधिक बच्चों की कानूनी सुरक्षा खतरे में पड़ सकती थी। इस फैसले के खिलाफ कई गैर-लाभकारी संगठनों ने कोर्ट में याचिका दायर की थी।
आदेश में जज ने क्या कहा
न्यायाधीश मार्टिनेज-ओल्गुइन ने अपने फैसले में कहा कि इस फंडिंग को बनाए रखना बच्चों को न्याय दिलाने और उन्हें मानव तस्करी से बचाने के लिए बेहद जरूरी है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि अमेरिकी कांग्रेस ने इस उद्देश्य के लिए वित्तीय वर्ष 2024 में 5 अरब डॉलर से अधिक की राशि मंजूर की थी।
कोर्ट ने माना कि ट्रंप प्रशासन के इस कदम से 2008 के ‘विलियम विलबरफोर्स ट्रैफिकिंग विक्टिम्स प्रोटेक्शन रिऑथराइजेशन एक्ट’ का उल्लंघन हो सकता है, जो सरकार को यह सुनिश्चित करने का निर्देश देता है कि सभी नाबालिग प्रवासियों को कानूनी सहायता मिले और वे किसी भी प्रकार की शोषण या तस्करी का शिकार न हों।
प्रवासी नीतियों पर सख्ती जारी
ट्रंप प्रशासन लंबे समय से प्रवासियों और शरणार्थियों के खिलाफ सख्त नीतियां अपना रहा है। हाल ही में, प्रशासन ने ‘अकेले आए बच्चों’ को कानूनी मदद देने वाले 89 संगठनों के नेटवर्क को भी फंडिंग से वंचित कर दिया था, जिससे हजारों बच्चों के भविष्य पर खतरा मंडराने लगा था।
फैसले का असर
इस अदालत के आदेश से हजारों प्रवासी बच्चों को अस्थायी राहत मिली है, लेकिन ट्रंप प्रशासन इस फैसले को चुनौती दे सकता है। ऐसे में यह मामला अमेरिका की प्रवासी नीति के भविष्य को लेकर एक अहम मोड़ साबित हो सकता है।
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