ईरान पर अपने खुफिया प्रमुख तुलसी गबार्ड से ही भिड़े ट्रंप, कहा- मुझे परवाह नहीं
ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर ही इजरायल उस पर आग के गोले बरसा रहा है। अब जब अमेरिका की खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड ने बताया कि ईरान परमाणु कार्यक्रम से सालों दूर है तो ट्रंप आगबबूला हो गए हैं।

अमेरिका में ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर बड़ी बहस छिड़ गई है। जिस परमाणु कार्यक्रम को लेकर इजरायल ने ईरान के खिलाफ जंग छेड़ दी है और लगातार बम बरसा रहा है, अमेरिकी खुफिया विभाग ने उसी पर सवाल उठा दिए हैं। अमेरिका की खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड ने हाल ही में अमेरिकी संसद (कांग्रेस) को बताया कि ईरान फिलहाल परमाणु बम नहीं बना रहा है और उसके सर्वोच्च नेता अली खामेनेई ने पुराने रुके हुए कार्यक्रम को दोबारा शुरू करने की कोई मंजूरी नहीं दी है।
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गबार्ड के इस बयान को सिरे से खारिज कर दिया। जी-7 सम्मेलन से वॉशिंगटन लौटते वक्त ट्रंप ने कहा, "मुझे परवाह नहीं है कि उन्होंने (गबार्ड ने) क्या कहा।" ट्रंप का मानना है कि ईरान परमाणु बम बनाने के बहुत करीब पहुंच चुका है।
ट्रंप का ये बयान उन्हें अमेरिका की अपनी ही खुफिया एजेंसियों के खिलाफ और इजरायल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू के साथ खड़ा कर देता है, जो ईरान को गंभीर परमाणु खतरा मानते हैं। राष्ट्रपति ट्रंप राष्ट्रीय सुरक्षा अधिकारियों के साथ एक जरूरी बैठक करने वाले हैं, जिसमें वे ईरान पर अगला कदम तय कर सकते हैं।
पहली बार नहीं यह टकराव
यह टकराव नया नहीं है। ट्रंप पहले भी अमेरिकी खुफिया एजेंसियों से भिड़ते रहे हैं। 2016 चुनाव में रूस की दखल पर भी उन्होंने अपनी खुफिया एजेंसियों की बात को नकारते हुए पुतिन का समर्थन किया था। गबार्ड का नाम भी इस बहस में खास इसलिए है क्योंकि वे पहले डेमोक्रेट पार्टी की सांसद रही हैं, लेकिन 2022 में पार्टी छोड़कर ट्रंप का समर्थन करने लगीं। हाल ही में उन्हें खुफिया निदेशक बनाया गया है, हालांकि उनका इस क्षेत्र में अनुभव कम रहा है।
अब गबार्ड और सीआईए निदेशक जॉन रैटक्लिफ से कांग्रेस में बंद कमरे में पूछताछ की जाएगी, जहां उनसे ईरान पर स्थिति और ट्रंप के बयानों पर सवाल किए जा सकते हैं।
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