ट्रंप ने टैरिफ लगाया तो मंदी का खतरा मंडराया, क्या होगा जब दूसरे देश भी लेंगे ऐक्शन
- ट्रंप ने बुधवार को लगभग सभी आयातों पर 10 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा की। उन्होंने इस आदेश को अमेरिका के लिए 'आर्थिक स्वतंत्रता की घोषणा' बताया है। उन्होंने भारत के लिए 26 प्रतशित की ‘छूट’ वाली पारस्परिक टैरिफ की घोषणा की।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने टैरिफ का ऐलान कर दिया है। बुधवार को हुई इस घोषणा के साथ ही जानकारों के मन में रिसेशन यानी मंदी की चिंता सताने लगी है। कहा जा रहा है कि कोविड महामारी के बाद हुई मुद्रास्फीति में बढ़त से मुश्किल से उबर रही दुनिया पर ये टैरिफ खासा असर डालेंगे। ट्रंप ने भारत पर 26 प्रतिशत टैरिफ लगाने की बात कही है।
ट्रंप ने बुधवार को लगभग सभी आयातों पर 10 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा की। उन्होंने इस आदेश को अमेरिका के लिए 'आर्थिक स्वतंत्रता की घोषणा' बताया है। उन्होंने भारत के लिए 26 प्रतशित की ‘छूट’ वाली पारस्परिक टैरिफ की घोषणा की। चीन पर अब 34 प्रतिशत टैरिफ लगेगा जबकि यूरोपीय संघ पर 20 प्रतिशत शुल्क लगेगा। टैरिफ घोषणा के तुरंत बाद लागू हो गए। उन्होंने इस अवसर को ‘मुक्ति दिवस’ बताया।
क्या कह रहे हैं जानकार
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, रोजनबर्ग रिसर्च के संस्थापक और अध्यक्ष अर्थशास्त्री डेविड रोजनबर्ग कहते हैं कि टैरिफ के ताजा दौर ने 2025 के अंत तक मंदी की संभावनाओं को बढ़ा दिया है। रॉयटर्स के मुताबिक, नोमूरा रिसर्च इंस्टीट्यूट के प्रमुख अर्थशास्त्री ताकाहिदे कियुची ने कहा, 'ट्रंप के टैरिफ से ग्लोबल फ्री ट्रेड के तबाह होने का खतरा है, जिसका नेतृत्व अमेरिका ही दूसरे वर्ल्ड वॉर के बाद से कर रहा है।'
फ्रांस में INSEAD बिजनेस स्कूल के मैक्रोइकोनॉमिस्ट एंटोनियो फाटास ने कहा, 'मैं इसे अमेरिका और वैश्विक अर्थव्यवस्था के बुरे प्रदर्शन, ज्यादा अनिश्चितता और संभावित रूप से मंदी की ओर बढ़ते हुए देख रहा हूं।'
फिच रेटिंग्स में यूएस इकोनॉमिक रिसर्च के प्रमुख ओलु सोनोला ने कहा कि ट्रंप की तरफ से लगाए गए वैश्विक शुल्क के बाद हर आयात पर अमेरिकी टैरिफ रेट बढ़कर 22 फीसदी पर पहुंच गया है, जो 2024 में सिर्फ 2.5 प्रतिशत था। उन्होंने कहा, 'यह सिर्फ अमेरिका की अर्थव्यवस्था के लिए नहीं, बल्कि वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए गेम चेंजर है।' उन्होंने कहा, 'कई देश मंदी का शिकार हो सकते हैं।'
खास बात है कि अगर टैरिफ अमेरिका को ही मंदी में धकेलते हैं, तो इसका सबसे ज्यादा विकासशील देशों पर पड़ेगा जिनकी किस्मत दुनिया के सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था से जुड़ी हुई हैं।
निवेशकों को झटका
ट्रंप के टैरिफ से ग्लोबल मार्केट में हलचल बढ़ गई है। दरअसल, निवेशक इस बात से चिंतित हैं कि शुल्क वैश्विक अर्थव्यवस्था की प्रगति को रोक देंगे, कॉर्पोरेट आय प्रभावित होगी और मुद्रास्फीति बढ़ेगी। इंफ्रास्ट्रक्चर कैपिटल एडवाइजर्स के सीईओ जय हैटफील्ड कहते हैं, 'यह सबसे बुरी स्थिति है, जिसकी बाजार को उम्मीद थी। और यह अमेरिका को मंदी में धकेलने के लिए काफी है और इसलिए भविष्य कमजोर है।'
खास बात है कि जब ट्रंप ने 10 फीसदी बेसलाइन टैरिफ की बात कही, तब भी निवेशकों को कुछ राहत थी, लेकिन बाद में उन्होंने कुछ देशों पर ज्यादा टैरिफ लगाने का ऐलान कर दिया। जानकारों का मानना है कि अमेरिका के व्यापारिक साझेदार जवाबी कार्रवाई करेंगे, जो साइकिल से लेकर वाइन तक सभी की कीमतें बढ़ा देंगे।
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