हसीना के भेजे अरबों डॉलर हमें वापस चाहिए, यूनुस की मांग; ब्रिटिश पीएम ने मिलने से किया इनकार
ब्रिटेन के पीएम कीर स्टार्मर ने बांग्लादेश के अंतरिम मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस से मुलाकात करने से इनकार किया, जो शेख हसीना के शासन द्वारा हड़पे गए अरबों डॉलर की वसूली के लिए समर्थन मांग रहे थे।
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस के साथ मुलाकात करने से इनकार कर दिया है। यूनुस 10 से 13 जून तक ब्रिटेन की आधिकारिक यात्रा पर हैं। उनका उद्देश्य शेख हसीना की सरकार द्वारा कथित तौर पर विदेशों में भेजी गई अरबों डॉलर की रकम की रिकवरी के लिए ब्रिटेन से समर्थन जुटाना है। ब्रिटिश पीएम के मुलाकात से इनकार पर बांग्लादेश को कूटनीतिक झटका लगा है।
यूनुस ने फाइनेंशियल टाइम्स से बातचीत में कहा कि ब्रिटेन को “नैतिक रूप से” बांग्लादेश की मदद करनी चाहिए क्योंकि यह “चोरी का पैसा” है। हालांकि उन्होंने यह भी माना कि उनकी प्रधानमंत्री स्टार्मर से अब तक कोई प्रत्यक्ष बातचीत नहीं हुई है। यूनुस ने कहा, “मेरी उनसे सीधी बातचीत नहीं हुई है, लेकिन मुझे कोई शक नहीं कि वे बांग्लादेश की कोशिशों का समर्थन करेंगे।”
ब्रिटेन की सरकार के अधिकारियों ने पुष्टि की है कि फिलहाल स्टार्मर और यूनुस के बीच किसी मुलाकात की योजना नहीं है, और इस पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। यूनुस ने कहा कि यूके पहले से ही कुछ हद तक मदद कर रहा है, लेकिन अब और “बड़े समर्थन” की जरूरत है। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ एक कानूनी नहीं बल्कि नैतिक जिम्मेदारी भी है कि ब्रिटेन इस पैसे की रिकवरी में सहयोग दे।
शेख हसीना को पिछले साल अगस्त में छात्र आंदोलन के बाद सत्ता से हटा दिया गया था, और तब से मुहम्मद यूनुस अंतरिम सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं। यूनुस ने आरोप लगाया कि शेख हसीना के 16 वर्षों के शासन में उन्होंने “सत्ता का दुरुपयोग करके पैसे बटोरने” का काम किया। उन्होंने इसे “एक बड़ा लूटपाट अभियान” करार दिया।
बांग्लादेश के अधिकारियों के मुताबिक, अनुमानित 234 अरब डॉलर की रकम हसीना शासन के दौरान देश से बाहर भेजी गई, जिनमें से एक बड़ा हिस्सा ब्रिटेन में निवेश हुआ। इसके अलावा यूनुस ने कनाडा, सिंगापुर, कैरिबियन देशों और मध्य पूर्व को भी उन देशों के रूप में बताया जहां यह पैसा पहुंचाया गया।
ब्रिटेन में यूनुस की यात्रा उस वक्त हो रही है जब वहां की राजनीति में भी यह मामला गूंजने लगा है। जनवरी में ब्रिटिश संसद की लेबर पार्टी की सांसद तुलिप सिद्दीक को भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। सिद्दीक शेख हसीना की भतीजी हैं और प्रधानमंत्री कीर स्टारमर की करीबी मानी जाती हैं।
हालांकि तुलिप सिद्दीक ने आरोपों से इनकार किया है, उन्होंने इस हफ्ते यूनुस को एक पत्र लिखकर मिलने की पेशकश की ताकि “बांग्लादेश की एंटी-करप्शन कमिशन द्वारा फैलाई जा रही गलतफहमियों” को दूर किया जा सके। लेकिन यूनुस ने मिलने से इनकार कर दिया। यूनुस ने कहा, “यह एक कानूनी मामला है, इसमें मेरा कोई व्यक्तिगत पक्ष नहीं है।”
यूनुस की टीम का कहना है कि वे अब भी प्रधानमंत्री स्टार्मर से मिलने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनका उद्देश्य ब्रिटेन के हर वर्ग- कारोबारी जगत, वित्तीय संस्थाएं, पुलिस और इंटेलिजेंस एजेंसियों से सहयोग प्राप्त करना है। यूनुस ने कहा, “हमें ग्रेट ब्रिटेन के लोगों से समर्थन की जरूरत है।”
गौरतलब है कि पिछले महीने ब्रिटेन की नेशनल क्राइम एजेंसी ने शेख हसीना के एक करीबी सहयोगी के बेटे द्वारा लंदन में खरीदी गई दो संपत्तियों पर फ्रीजिंग ऑर्डर लागू किया था। यूनुस ने कहा कि यह लंदन यात्रा केवल शुरुआत है और वे अन्य देशों की यात्रा भी करेंगे ताकि इस धन को वापस लाया जा सके।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।