ऑपरेशन सिंदूर से घबराए नवाज शरीफ: लंदन से पहुंचे पाकिस्तान, भाई शहबाज को लगे समझाने
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भारत की ओर से 6 मई को 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत आतंकी ठिकानों पर किए गए हवाई हमलों पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि भारत ने पाकिस्तान की संप्रभुता का उल्लंघन किया है।

भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव इन दिनों चरम पर है। पहलगाम हमले के बाद नई दिल्ली की ओर से आतंकवाद के खिलाफ तगड़ा ऐक्शन लिया गया है। पाकिस्तानी सेना की ओर से सीजफायर के उल्लंघन और ड्रोन हमलों ने हालात को और बिगाड़ दिया है। इस बीच, पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने अपने भाई व मौजूदा पीएम शहबाज शरीफ से बातचीत की है। उन्होंने बढ़ते संकट को कम करने के लिए कूटनीतिक नजरिए की जरूरत बताई। द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी है। इसके मुताबिक, पहलगाम हमले के बाद भारत की ओर से सिंधु जल संधि को निलंबित करने के बाद नवाज शरीफ लंदन से पाकिस्तान लौटे। इस मुश्किल हालात में वह अपने भाई प्रधानमंत्री की मदद करना चाहते हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, नवाज शरीफ ने पीएम शहबाज शरीफ से कहा कि भारत से तनाव कम करने पर जोर देना चाहिए। इसके लिए उन्होंने कूटनीतिक रूप से काम करने की सलाह दी। शरीफ चाहते हैं कि पीएमएल-एन के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार दोनों परमाणु-सशस्त्र देशों के बीच शांति बहाल करने पर ध्यान दे। इसके लिए सभी उपलब्ध कूटनीतिक संसाधनों का उपयोग किया जाना चाहिए। पूर्व पीएम ने कहा कि वह आक्रामक रुख लेने के इच्छुक नहीं हैं। इससे पहले 2023 में, नवाज शरीफ ने भारत के साथ अच्छे संबंधों के महत्व पर जोर दिया था। उन्होंने कहा था कि उनकी सरकार को 1999 में कारगिल युद्ध का विरोध करने के कारण हटा दिया गया था।
जब नवाज शरीफ की सरकार को उखाड़ फेंका गया
द न्यूज इंटरनेशनल के अनुसार, नवाज शरीफ ने कहा था कि पीएमएल-एन ने हमेशा अच्छा प्रदर्शन किया लेकिन सत्ता से बेदखल कर दिया गया। उन्होंने कहा, 'मैं जानना चाहता हूं कि मेरी सरकारों को 1993 और 1999 में क्यों उखाड़ फेंका गया। क्या यह इसलिए था क्योंकि हमने कारगिल युद्ध का विरोध किया था।' मालूम हो कि 12 अक्टूबर, 1999 को तख्तापलट में सरकार के उखाड़ फेंके जाने के समय नवाज शरीफ पाकिस्तान के प्रधानमंत्री थे। पिछले साल, नवाज ने यह भी स्वीकार किया था कि पाकिस्तान ने 1999 में भारत के साथ एक समझौते का उल्लंघन किया था। उन्होंने कहा, '28 मई, 1998 को पाकिस्तान ने पांच परमाणु परीक्षण किए। इसके बाद वाजपेयी साहब यहां आए और हमारे साथ एक समझौता किया। लेकिन हमने उस समझौते का उल्लंघन किया। यह हमारी गलती थी।'nite
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