सेना को बदनाम करने वाले दुश्मन के दोस्त, भारत का नाम लिए बिना खूब रोये पाक आर्मी चीफ आसिम मुनीर
- आसिम मुनीर ने इस दौरान बलूचिस्तान में आतंकवाद का भी जिक्र किया और कश्मीर की भी बात की। आसिम मुनीर ने कहा कि कश्मीर में तो हमारी नसों में दौड़ता है। उसे हम कभी नहीं भूलेंगे। वहीं गाजा का भी जिक्र किया और कहा कि हर पाकिस्तानी का दिल गाजा के लिए धड़कता है।

पाकिस्तान की सेना का कट्टरता का एक लंबा इतिहास रहा है। जंग में इस्लामिक डॉक्ट्रिन का इस्तेमाल और मजहबी तकरीरों के जरिए आम लोगों में जहर भरना पाकिस्तान की सेना का काम रहा है। अब ऐसी ही एक जहरीली तकरीर पाकिस्तान के सेना प्रमुख आसिम मुनीर ने दी है। उन्होंने बुधवार को पाकिस्तान में एक कार्यक्रम के दौरान तीखा भाषण दिया। उन्होंने प्रवासी पाकिस्तानियों को संबोधित करते हुए कहा कि हम हिंदुओं से पूरी तरह अलग हैं। हमारी संस्कृति, सोचने का तरीका, मजहब सब कुछ अलग हैं। मुनीर ने तीखा भाषण देते हुए कहा कि यह पाकिस्तान हमने कुर्बानियां देकर बनाया है। यही नहीं उन्होंने कहा कि पाकिस्तान मदीने के बाद दूसरा ऐसा देश है, जिसे कलमे की बुनियाद पर बनाया गया।
आसिम मुनीर ने इस दौरान बलूचिस्तान में आतंकवाद का भी जिक्र किया और कश्मीर की भी बात की। आसिम मुनीर ने कहा कि कश्मीर में तो हमारी नसों में दौड़ता है। उसे हम कभी नहीं भूलेंगे। वहीं गाजा का भी जिक्र किया और कहा कि हर पाकिस्तानी का दिल गाजा के लिए धड़कता है। इसके बाद बलूचिस्तान को लेकर कहा कि यह तो पाकिस्तान के माथे का झूमर है। आसिम मुनीर ने कहा, 'तुम कहोगे कि हम इसे ले जाएंगे। तुम्हारी 10 नस्लें भी ऐसा नहीं कर पाएंगे। कोई बीएलए के 1500 आतंकियों की ऐसी हिम्मत नहीं हो सकती।' आसिम मुनीर ने कहा कि बलूचिस्तान के लिए हमारी मांओं के बेटों ने कुर्बानियां दी हैं। हमारी पीढ़ियों के संघर्ष से बलूचिस्तान बना है।
यही नहीं सेना के प्रति जज्बा पैदा करने की कोशिश करते हुए आसिम मुनीर ने कहा कि जो आपकी सेना को बदनाम करता है, वह दुश्मन का दोस्त है। आसिम मुनीर ने कहा कि कुरान में लिखा है कि ईमान वालों यदि आपके पास कोई कहानी लेकर आता है तो उसकी जांच कर लें। पहले उसकी सच्चाई का पता करें और फिर आगे बढ़ाएं। लेकिन सोशल मीडिया कहता है कि जैसा मिले, वैसा ही आगे बढ़ा दें।
भारत का नाम लिए बिना ही जाहिर कर दी आसिम मुनीर ने नफरत
दरअसल उनका कहना था कि सेना के बारे में जो कहा जा रहा है, वह गलत है। उन्होंने अपने भाषण में भारत का नाम नहीं लिया, लेकिन इशारों में जरूर अपनी नफरत जाहिर कर दी। बीते कई सालों में पाकिस्तान में सेना का वर्चस्व कम हुआ है और जनता के बीच भी उसे लेकर नाराजगी देखी गई है। इसकी वजह यह रही है कि पाकिस्तान में सेना का दखल बहुत ज्यादा रहा है। भारत जैसे देश से तुलना करते हुए पाकिस्तानी कहते हैं कि हमारी मुल्क के पास सेना नहीं है बल्कि सेना के पास पाकिस्तान है।
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