आतंक से मोहब्बत नहीं छिपा पाया पाक, ऑपरेशन सिंदूर में तबाह मलबे पर फिर लश्कर का महल बनाएगा
ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पीओके में लश्कर-ए-तैयबा के 9 बड़े ठिकानों पर हमला कर उन्हें पूरी तरह नेस्तनाबूद कर दिया था।

पाकिस्तान ने एक बार फिर दुनिया के सामने अपनी असली सोच का खुला सबूत दे दिया है। भारत द्वारा चलाए गए 'ऑपरेशन सिंदूर' में तबाह किए गए आतंकवादी लश्कर-ए-तैयबा के अड्डों को अब दोबारा बसाने की जिम्मेदारी खुद पाकिस्तान सरकार ने ले ली है। ये एलान खुद शहबाज शरीफ के मंत्री राणा तनवीर हुसैन ने किया है।
राणा तनवीर ने वहां सरेआम कहा कि सरकार इन ठिकानों को अपने खर्चे पर फिर से बनाएगी। इतना ही नहीं, उन्होंने ये भी बताया कि खुद प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ और पाकिस्तानी फौज के प्रमुख असीम मुनीर इन निर्माण कार्यों में व्यक्तिगत आर्थिक मदद देंगे। पाकिस्तान के मीडिया ने भी इस बयान को प्रमुखता से छापा है।
ऑपरेशन सिंदूर में तबाह हुए थे लश्कर के ठिकाने
गौरतलब है कि भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर के 9 अहम ठिकानों पर धावा बोलकर लश्कर-ए-तैयबा के कई अड्डों को तबाह कर दिया था। इन हमलों में 100 से ज्यादा आतंकियों को मौत के घाट उतार दिया गया था। इस अभियान के बाद दोनों देशों की सेनाओं के बीच तनाव काफी बढ़ गया था, लेकिन बाद में युद्धविराम पर सहमति बनी।
दी जाती थी आतंकियों को ट्रेनिंग
दरअसल मुरीदके लाहौर से करीब 33 किलोमीटर दूर है, वहां लश्कर-ए-तैयबा का मुख्यालय मरकज-ए-तैयबा नाम से स्थित है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, 200 एकड़ में फैले इस परिसर में आतंकियों को ट्रेनिंग दी जाती थी, उनकी भर्ती की जाती थी और वहीं से भारत पर हमलों की साजिशें रची जाती थीं।
यही वह जगह है जहां से 1980 में पाकिस्तान की आईएसआई की मदद से हाफिज सईद ने लश्कर-ए-तैयबा की नींव रखी थी। अब जब पाकिस्तान खुद इन तबाह हुए अड्डों को दोबारा खड़ा करने की बात कर रहा है, तो इससे साफ हो जाता है कि वो आतंक के खिलाफ लड़ाई का केवल नाटक करता है, असल में वह उसे पाल-पोस रहा है।
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