बेरोजगारों को ठगने वाले कॉल सेंटर का भंडाफोड़
दिल्ली पुलिस ने नोएडा के सेक्टर-3 में नौकरी के नाम पर बेरोजगारों से ठगी करने वाले एक कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया। इस गिरोह में शामिल आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया, जिनमें गिरोह का सरगना और छह महिलाएं...

- नोएडा के सेक्टर तीन में हो रहा था संचालन, सरगना समेत आठ शातिर दबोचे गए - नौकरी डॉट कॉम समेत अन्य जॉब पोर्टल पर बायोडाटा अपलोड करने वालों को बनाते थे निशाना - गिरोह में शामिल छह महिलाएं भी पकड़ी गईं, सैकड़ों बेरोजगारों से लाखों की ठगी का आरोप नई दिल्ली, प्रमुख संवाददाता। दिल्ली पुलिस ने नौकरी के नाम पर बेरोजगारों से ठगी करने वाले एक कॉल सेंटर का भंडाफोड़ करते हुए आठ लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपियों में गिरोह का सरगना समेत 14 लोग शामिल हैं। इनमें छह महिलाएं भी शामिल हैं। नोएडा के सेक्टर-3 में चल रहे इस कॉल सेंटर के निशाने पर नौकरी डॉट कॉम पर सहित अन्य जॉब पोर्टल पर बायोडाटा अपलोड करने वाले बेरोजगार थे।
पुलिस ने बताया कि एनसीआरपी पोर्टल पर एक महिला ने शिकायत दर्ज कराई थी। इसमें उसने आरोप लगाया गया था कि चिकित्सा क्षेत्र में नौकरी के लिए उसने 24 जनवरी 2025 को नौकरी डॉट कॉम सहित कुछ जॉब पोर्टल पर अपना बायोडाटा अपलोड किया था। बीते 27 जनवरी को उसके पास प्रिया नाम की एक महिला का फोन आया। उसने उसे नौकरी दिलाने के नाम पर उससे सिक्योरिटी मनी के रूप में 500 रुपये की मांग की। राशि का भुगतान करने पर एक ईमेल भी मिला। इसके बाद खुद को अतुल बताने वाले एक शख्स ने शिकायतकर्ता को फोन कर टेलीफोन पर एक साक्षात्कार आयोजित किया। इसके बाद प्रशिक्षण के लिए 3,999 रुपये मांगे गए। बाद में उसे ई-मेल पर नौकरी का ऑफर लेटर मिला। इसके बाद कॉलर प्रिया ने दस्तावेज सत्यापन के लिए 7,500 रुपये मांगे। फिर अतुल ने लैपटॉप सहित नौकरी किट को कूरियर करने के लिए 7,250 रुपये की मांग की। इन दोनों राशि का भी भुगतान कर दिया गया, तो अंत में कॉलर प्रिया ने वेतन खाता खोलने के लिए 11 हजार की मांग की। इस पर पीड़िता को ठगी का अहसास हुआ और उसने पुलिस को जानकारी दी। पुलिस ने जांच शुरू की, तो आरोपियों के मोबाइल नंबर बंद मिले। बैंक खाते की जांच में मिले अहम सुराग जांच में पुलिस को पता चला कि नोएडा के उज्जीवन स्मॉल फाइनेंस बैंक एटीएम के माध्यम से लाभार्थी के खाते से रुपये निकाले गए थे। वहां के सीसीटीवी फुटेज की जांच में एक नकाबपोश व्यक्ति रुपये निकालते दिखा। वहीं, फर्जीवाड़े का पता लगाने के लिए जॉब पोर्टल से शिकायतकर्ता की प्रोफाइल तक पहुंचने वाले भर्तीकर्ताओं के विवरण लिए गए, तो उन्होंने 15 की सूची प्रदान की। इनमें से एक संदिग्ध को तकनीकी निगरानी के आधार चुना गया। सीडीआर-आईपी एड्रेस से आरोपियों तक पहुंची पुलिस भर्तीकर्ता के सीडीआर, आईपी एड्रेस और लोकेशन का पता करने पर एटीएम में दिखाई दिए नकाबपोश से मिलते-जुलते एक संदिग्ध की पहचान हुई। यह भी पता चला कि वह लक्ष्मी नगर में रहता है और नोएडा के सेक्टर-3 के डी-15 में स्थित एक इमारत में काम करता है। फिर पुलिस ने नोएडा पुलिस की मदद से छापेमारी कर मुख्य आरोपी दिल्ली के लक्ष्मी नगर निवासी फाहिक सिद्दीकी समेत आठ लोगों और छह महिलाओं को गिरफ्तार कर लिया। दिल्ली-यूपी के रहने वाले हैं आरोपी गिरफ्तार अन्य आरोपियों में दिल्ली के जगतपुरी निवासी धर्मेंद्र, अमित यादव, दिल्ली के त्रिलोकपुरी निवासी अंकित, यूपी के एटा निवासी मोहित कुमार उर्फ सुमित, यूपी के ग्रेटर नोएडा निवासी रोहित वर्मा, यूपी के बुलंदशहर निवासी हिमांशु गुप्ता और यूपी अमरोहा निवासी मोहम्मद यारिस व छह महिलाएं शामिल हैं। इनके पास से आठ लैपटॉप, 47 मोबाइल फोन, 57 सिम कार्ड, 15 एटीएम कार्ड, दो वाई-फाई डोंगल और एक लाख 31 हजार रुपये बरामद किए गए हैं। इस तरह किस्तों में ठगते थे रुपये गिरोह नौकरी के इच्छुक लोगों से सुरक्षा राशि, प्रशिक्षण, दस्तावेज के सत्यापन और लैपटॉप सहित अलग-अलग काम के लिए रकम ठगता था।
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