भारत के इस राज्य में भाजपा और कांग्रेस के बीच होने जा रहा है गठबंधन? चर्चा के बीच BJP ने क्या बताया
मणिपुर के मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने इस साल फरवरी में इस्तीफा दे दिया था जिसके बाद राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू हो गया था। केंद्र की भाजपा सरकार ने राज्य में बीते डेढ़ साल से जारी हिंसा के बीच राष्ट्रपति शासन लगाने का फैसला लिया था।

मणिपुर में बीते 3 महीने से लागू राष्ट्रपति शासन के बीच बीते दिनों यह खबर सामने आई थी कि राज्य में अब भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस की गठबंधन की सरकार बन सकती है। अब बीजेपी ने इस खबर पर प्रतिक्रिया जारी की है। भाजपा ने हिंसाग्रस्त राज्य में कांग्रेस के साथ सरकार बनाने की अटकलों को स्पष्ट रूप से खारिज किया है। पार्टी ने इस तरह की अफवाहों को गैर जिम्मेदाराना बताते हुए चेतावनी भी जारी की है।
गुरुवार को बीजेपी नेता एल देबेन सिंह एक बयान जारी कर कहा, "भाजपा इस तरह की निराधार खबरों के प्रसार की कड़ी निंदा करती है और भविष्य में इसे दोहराने के खिलाफ चेतावनी देती है। भाजपा के सभी विधायक पार्टी के साथ बने रहेंगे और किसी भी परिस्थिति में भाजपा कांग्रेस के साथ गठबंधन कर सरकार नहीं बनाएगी।"
अभिव्यक्ति की आजादी का गलत इस्तेमाल मत करिए…
बता दें कि स्थानीय समाचार चैनलों और सोशल मीडिया पर इस तरह की अटकलें लगाई जा रही थीं कि भाजपा और कांग्रेस के विधायकों का एक समूह राज्य में नई सरकार बनाने की तैयारी कर रहा है। इसके बाद पार्टी ने मीडिया आउटलेट्स और अन्य लोगों से अपील की है कि वे इस तरह की जानकारी प्रसारित करके अभिव्यक्ति की आजादी के अधिकार का दुरुपयोग न करें। बयान में कहा गया, “इस तरह की अफवाहें गैर-जिम्मेदाराना हैं और इससे मणिपुर की स्थिति और खराब हो सकती है।”
क्यों उठी अफवाह?
दरअसल भाजपा के पूर्वोत्तर प्रभारी संबित पात्रा ने हाल ही में विधानसभा अध्यक्ष सत्यव्रत, पूर्व मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह और नेमचा किपगेन सहित कुकी-जो के कई विधायकों से मुलाकात की थी। इसके बाद इस तरह की अफवाहें सामने आने लगीं। इस बीच मणिपुर के 21 विधायकों के एक समूह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र सौंपकर राज्य में सरकार की बनाने की मांग की है।