Ramgarh s Budh Bazaar Colony Struggles with Basic Needs Water Housing and Employment बोले रामगढ़: बुध बाजार बस्ती के लोगों को रोजगार-आवास की दरकार, Ramgarh Hindi News - Hindustan
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बोले रामगढ़: बुध बाजार बस्ती के लोगों को रोजगार-आवास की दरकार

रामगढ़ के सिरका बुध बाजार बस्ती में लगभग 2200 की आबादी है, लेकिन लोग साफ पानी, पक्के मकान और रोजगार की कमी से जूझ रहे हैं। यहां के लोग दैनिक मजदूरी और कोयला चुनकर जीवनयापन कर रहे हैं। सरकारी योजनाओं...

Newswrap हिन्दुस्तान, रामगढ़Fri, 16 May 2025 12:52 AM
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बोले रामगढ़: बुध बाजार बस्ती के लोगों को रोजगार-आवास की दरकार

रामगढ़। रामगढ़ नगर परिषद क्षेत्र वार्ड 15 और सीसीएल अरगड्डा क्षेत्र के सिरका कोलियरी खुली खदान के पास बसा सिरका बुध बाजार बस्ती आज भी विकास से कोसो दूर है। बस्ती में अभी लोग साफ पानी के लिए भटकने को मजबूर है। यहां की आबादी अभी लगभग 2200 के आस पास है। ऐसे भी लोगों को कई चापाकल और सोलर जलमीनार की आवश्यक्ता है। गांव में पानी की कमी के कारण लोग नदी से पानी लाकर काम करते हैं, वहीं यहां के युवाओं के पास रोजगार की भी कमी है। हिन्दुस्तान के बोले रामगढ़ टीम से यहां के लोगों ने समस्या साझा की।

बुध बाजार बस्ती जाने से लगता है कि यह गांव आज भी 30 से 40 वर्ष पीछे है। गांव में सड़क की स्थिति पूरी तरह जर्जर है। बस्ती में हर जगह कच्चे मकान नजर आता है। बुधबाजार बस्ती को बसे हुए लगभग 150 वर्ष हो गया। आबादी भी बढ़कर 2200 हो गयी। लगग 350 परिवार का गांव है। अधिकतर घरो की स्थिति दयनीय है। बारिश के दिनों में यहां रह रहे लोगों की परेशानी और बढ़ जाती है। छतों में लगे टूटे टिन और टूटे खपड़े के कारण घरो में पानी भर जाता है। टपकते पानी के कारण लोगों को काफी परेशानी होती है। टूटे फूटे छोटे घरों में पूरे परिवार के साथ रहना बुधबाजार में रह रहे लोगों की मजबूरी है। रोजगार की कमी से दैनिक मजदूरी व कोयला चुनकर जीविकापार्जन कर रहे बुधबाजार के लोगों के पास जगह जमीन भी नही है। रोजगार सही ढंग से नही मिलने के कारण पैसे का भी अभाव रहता है जिस कारण पक्का मकान भी नही बना सकते। बस्ती के लोगों की समस्या से सांसद, विधायक सहित सभी जनप्रतिनिधि अवगत है। लेकिन इनकी समस्या को समाधान करने का कोई भी सार्थक प्रयास नही किया। चुनाव के समय सभी नेता आते है, बड़े बड़े वादे करते है। चुनाव के बाद समाधान करने का आस्वाशन देते है। चुनाव जीतने के बाद भी समस्या का निराकरण नही हो पाता। बुध बाजार बस्ती को बसे हुए लगभग 150 वर्ष हो गये है। बुध बाजार बस्ती के लोग आज भी कच्चे मकान में रहने को विवश है। यहां रह रहे लोगों ने सरकारी योजना के तहत पक्का मकान की मांग की। इस संबंध में कई ग्रामीणों ने अधिकारियों व वार्ड पार्षद के पास चक्कर भी लगाए। पक्का मकान के लिए कई बार फॉर्म भी भरवाया गया। लेकिन सरकारी उदासीनता के कारण आज तक पक्का मकान लोगों को नही मिल पाया। ग्रामीणों ने बताया वर्षो पूर्व दो लोगों को सरकारी आवास मिला था। उस समय लोगों को उम्मीद जगी थी कि अब गांव में हर जरूरत मंद लोगों को सरकारी आवास मिलेगा। लेकिन आज तक नही मिल पाया। यहां के लोग वर्षो से यह सपना देख रहे है कि उन्हें सरकारी आवास मिलेगा। पक्का मकान का सपना देखते देखते कई लोग मर भी गये। अब यह सपना उनका बेटा पोता देख रहे है और टूटे फूटे घर में रहकर किसी तरह अपना जिंदगी पार कर रहे है। गांव में बिजली की स्थिति भी दयनीय है। यहां के लोगों के पास रोजगार की व्यवस्था नहीं है। जिस कारण उन्हें कमाने के लिए दर-दर भटकना भी पड़ता है। रोजगार का आभाव के कारण बुध बाजार के अधिकतर लोग दैनिक मजदूरी और कोयला चुनकर अपनी जिंदगी गुजार रहे है। कुछ लोग जान को जोखिम में डालकर सीसीएल के गिराये जा रहे ओबी से कोयला चुनकर किसी तरह अपना और अपने परिवार का पेट भरते है। इसी कारण यहां के लोग अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा देने में भी असक्षम हैं। सिरका बुध बाजार बस्ती के लोग बचपन से ही रोजी रोटी की सोंच के कारण शिक्षा से वंचित रह जाते है। पैसे के अभाव के कारण पढ़ने लिखने वाले बच्चे कम उम्र में ही इधर उधर करने लग जाते है। काम करने के दौरान गलत संगत में आ जाते है और नशे के आदि हो जाते है। आंगनबाड़ी केंद्र है लेकिन स्कूल की आवश्यकता है। बच्चों को बेहतर शिक्षा मिले तो वे नशे से दूर रहेंगे। दैनिक मजदूरी और कोयला चुनकर गुजरा करते हैं लोग सिरका बुध बाजार बस्ती के अधिकतर घरो के लोग दैनिक मज़दूरी और कोयला चुनकर किसी तरह अपना और अपने परिवार का गुजरा करते है। बस्ती के ज्यादातर पुरूष रोजी रोटी के जुगाड़ में रामगढ़ दैनिक मज़दूरी करने जाते है। कुछ लोगों को तो काम मिल जाता है लेकिन कुछ लोग बिना काम किए वापस लौटना पड़ता है। वहीं कुछ लोग ओबी से कोयला चुनकर गुजारा करते हैं। दलित बहुल बस्ती होने के बावजूद नहीं मिलती सुविधा रामगढ़ नगर परिषद 15 सिरका बुध बाजार आदिवासी व दलित बहुल गांव है। इसके बावजूद गांव में सरकारी सुविधाओं का लाभ गांव के लोगों को नहीं मिल पाता। कई योजनाओं की जानकारी लोगों को नही रहने के कारण भी लोग सरकारी योजना का लाभ नहीं ले पा रहे है। सिरका कोलियरी के बगल में होने के बावजूद सीएसआर के तहत गांव में कोई विकास के कार्य नही किया जा रहा है। ब्लास्टिंग से हर समय ग्रामीणों में बना रहता है डर का माहौल बुध बाजार बस्ती सिरका कोलियरी के बगल में स्थित है। सिरका कोलियरी में कोयला उत्पादन के लिए जो ब्लास्टिंग किया जाता है। उससे बुध बाजार के कई घरों में दरारें पड़ गयी है। इससे भय का माहोल बना रहता है। ब्लास्टिंग के समय लोगों को घर गिरने का और दुर्घटना होने का डर बना हुआ रहता है। इस संबंध में ग्रामीणों ने सीसीएल प्रबंधन को कई बार आवेदन भी दिया है। बस्ती में पीने क पानी की है समस्या बुध बाजार बस्ती में पक्का मकान, रोजगार के साथ साथ पानी भी एक मुख्य समस्या है। यहां अबतक नल से जल योजना नहीं पहुंची है न ही किसी घर में पानी का पाइप लगा है। बस्ती की आबादी हजारो में है लेकिन बस्ती में एक भी जलमीनार और चापानल चालू हालत में नही है। लगभग चापाकल टूटे और बेकार पड़े हैं। यहां के लोग सीसीएल के सप्लाई पानी पर आश्रित है। सीसीएल का सप्लाई पानी भी कभी कभी धोखा दे देता है तो लोगों की परेशानी बढ़ जाती है। इसके बाद सुबह से ही लोग पानी के जुगाड़ में लग जाते हैं। कुछ लोग नदी से पानी लाकर अपना काम करते हैं तो कुछ लोग जो सामर्थ है वह पानी खरीद कर अपना कमा चला रहे है। बस्ती में हैं मात्र पांच पक्के मकान सिरका बुधबाजार बस्ती में लगभग 350 घर है। यहां पांच घर को छोड़कर यहां रहने वाले किसी के पास पक्का मकान नहीं है। आदिवासी दलित बस्ती के लोगों को सरकारी आवास योजना का लाभ नहीं मिल पाया है। लगभग 150 वर्ष पूर्व वार्ड कम्पनी के समय ठेकेदारी मज़दूरी में कार्य के लिये मज़दूरों को विभिन्न जगहों से यहां लाया गया था और आज भी वैसे ही रह रहे हैं। बस्ती के लोग वर्षो से सरकारी आवास मिलने की आस देख रहे है। कुछ तो सरकारी आवास मिलने का सपना देखते हुए मर गये। -कमरुद्दीन खान बुधबाजार बस्ती में पानी की भी समस्या है। नप क्षेत्र में होने के कारण नप की जिम्मेवारी है कि पेयजल की समस्या दूर की जाय। -अशोक रवानी बस्ती में साफ सफाई का अभाव है। सप्ताह में एक या दो दिन सफाई नगर परिषद से होती है। सफाई पर नप को ध्यान देने की जरूरत है। -चांदी रवानी बस्ती में मूलभूत सुविधाओं की कमी है। यहां के लोगों को न आवास मिला और न ही पानी मिलता है। सड़क की स्थिति भी जर्जर है। -तेजू खान बस्ती में पानी, बिजली और सड़क की समस्या मुख्य रूप से है। बस्ती में जल्द से जल्द पानी बिजली और समस्या को दूर किया जाय। -पिंटू खान बसे हुए लगभग 100 वर्ष से भी ज्यादा हो गया। लेकिन सरकारी सुबिधा के नाम पर कुछ खास नही मिल पाया। पानी की समस्या दूर की जाय। -हुसेना बानो बस्ती में कई जगह नाली की आवश्यकता है। सड़क पर नाली का पानी बहता है जिससे परेशानी होती है। सफाई का ध्यान दिया जाय। -अर्जुन भुईया बिजली की समस्या है। लो वोल्टेज रहता है। सीसीएल प्रबंधन बस्ती में वोल्टेज की समस्या को देखते हुए अलग ट्रांसफार्मर दिया जाय। -अगस्तीन टोप्पो लोगों को रोजगार से जोड़ने के लिये जनप्रतिनिधियों को आगे आने की आवश्यकता है। ताकि यहां के लोगों को रोजगार मिल सके। -दिलीप साव आदिवासी दलित बहुल बस्ती है। सरकारी आवास का लाभ सभी को मिले। मिट्टी के घर मे रह रहे लोगों को पक्का मकान दिया जाय। -मुबारक राय महिलाओं को स्वालम्बी बनाने की पहल हो। सीएसआर के तहत गांव में सीसीएल प्रबंधन सिलाई ट्रेनिंग सेंटर चालू करे। -संजू देवी आधा समय आदमी का पानी व्यवस्था करने में ही पार हो जाता है। सीसीएल प्रबंधन और नगर परिषद मिलकर पानी की समस्या दूर करे। -रहमत सिरका बुधबाजार रामगढ़ नगर परिषद क्षेत्र के वार्ड 15 में आता है। सरकारी आवास के लिये कई बार प्रयास किया गया। लेकिन यहां रह रहे लोगो को अब तक नही मिल पाया। पानी की समस्या दूर करने के लिए जलमीनार और चापानल लगाया जाय। गांव में उप स्वास्थ्य केंद्र नही रहने के कारण लोगो को परेशानी होती है। - शमसुद खान,समाजसेवी सिरका बुधबाजार जो रामगढ़ नगर परिषद के वार्ड 15 में आता है वहां विकास के कई कार्य हुए हैं। इसके साथ ही बस्ती में सामुदायिक भवन बनाया गया है। कई जगहों पर नाली की व्यवस्था नहीं थी कई जगह नाली का निर्माण किया गया है। सिरका आने के लिए पुलिया और सड़क बनाया गया है। आवास की समस्या यहां है। जीएम लेंड होने और रशीद नही कटने के कारण यहां के लोगों को सरकारी आवास नही मिल पाया। - प्रिया देवी,वार्ड पार्षद

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