Pro monarchy protest in Nepal Former Nepal Home Minister and others arrested नेपाल में राजशाही बहाल करने की मांग; राजधानी में जोरदार प्रदर्शन, पूर्व गृह मंत्री समेत कई गिरफ्तार, International Hindi News - Hindustan
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नेपाल में राजशाही बहाल करने की मांग; राजधानी में जोरदार प्रदर्शन, पूर्व गृह मंत्री समेत कई गिरफ्तार

आरपीपी अध्यक्ष और राजशाही के कट्टर समर्थक राजेंद्र लिंगडेन विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे थे। जब प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षा घेरा तोड़कर प्रधानमंत्री आवास बलुवाटर की ओर बढ़ने की कोशिश की तब उनका पुलिस के साथ झड़प हो गई।

Niteesh Kumar भाषाSun, 1 June 2025 08:36 PM
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नेपाल में राजशाही बहाल करने की मांग; राजधानी में जोरदार प्रदर्शन, पूर्व गृह मंत्री समेत कई गिरफ्तार

नेपाल में राजशाही के समर्थकों ने रविवार को जोरदार प्रदर्शन किया। इस दौरान पूर्व गृह मंत्री कमल थापा और 6 अन्य लोगों को काठमांडू में प्रतिबंधित क्षेत्र में प्रवेश करने का प्रयास करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने यह जानकारी दी। राजशाही को बहाल करने और नेपाल को हिंदू देश के रूप में स्थापित करने के लिए राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी (RPP) और आरपीपी नेपाल सहित राजशाही समर्थक समूहों ने आंदोलन के चौथे दिन नारायण चौर में विरोध प्रदर्शन किया।

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काठमांडू घाटी पुलिस के प्रवक्ता अपिल बोहोरा ने बताया कि आरपीपी अध्यक्ष और राजशाही के कट्टर समर्थक राजेंद्र लिंगडेन विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे थे। जब प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षा घेरा तोड़कर प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास बलुवाटर की ओर बढ़ने की कोशिश की तब उनका पुलिस के साथ झड़प हो गई। बोहरा ने कहा कि थापा और अन्य को नारायणहिती महल संग्रहालय क्षेत्र के आसपास प्रतिबंधित क्षेत्र का उल्लंघन करने के लिए गिरफ्तार किया गया। उन्होंने कहा कि लगभग 1,200 राजशाही समर्थकों ने गणतंत्र प्रणाली के खिलाफ और राजशाही के पक्ष में नारे लगाते हुए विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया।

पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह की तस्वीरें लेकर प्रदर्शन

पुलिस प्रवक्ता बोहरा ने बताया कि प्रदर्शनकारी पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह की तस्वीरें ले रखी थीं और प्रधानमंत्री केपी ओली के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ नारे लगाए। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि जब तक राजशाही बहाल नहीं हो जाती, वे अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगे। वहीं, नेपाल में 18वें गणतंत्र दिवस के दौरान दो प्रतिद्वंद्वी राजनीतिक समूहों ने 28 मई, 2008 को स्थापित संघीय लोकतांत्रिक गणराज्य प्रणाली के पक्ष और विपक्ष में प्रदर्शन आयोजित किए। सत्तारूढ़ सीपीएन-यूएमएल और राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी के नेतृत्व वाले राजशाही समर्थक समूहों के बीच संभावित झड़पों की आशंका थी। इसे रोकने के लिए सरकार ने शहर के मध्य स्थित रत्नापार्क और भृकुटी मंडप क्षेत्रों में सैकड़ों पुलिसकर्मियों सहित लगभग 6,000 सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया है। इस अवसर पर सीपीएन-यूएमएल की ओर से आयोजित गणतंत्र दिवस समारोह के लिए सांस्कृतिक झांकी के साथ पारंपरिक परिधान पहने लोग भृकुटी मंडप में एकत्र हुए।

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