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कोई तो साथ दे दो; ट्रंप के टैरिफ पंच से निकली चीन की ऐंठन, भारत के बाद EU से मांग रहा मदद

  • चीन ने खुलेआम यूरोपीय संघ (ईयू) से अपील की कि वो अमेरिका की एकतरफा धौंसगिरी के खिलाफ एकजुट होकर खड़ा हो। इससे पहले चीन ने भारत से भी इस मुहीम में साथ देने का आग्रह किया था।

Himanshu Tiwari लाइव हिन्दुस्तानFri, 11 April 2025 09:39 PM
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कोई तो साथ दे दो; ट्रंप के टैरिफ पंच से निकली चीन की ऐंठन, भारत के बाद EU से मांग रहा मदद

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जब चीन पर 145% तक टैरिफ लगा दिए, तो ड्रैगन की अकड़ एक झटके में ढीली पड़ गई। हमेशा अपनी शर्तों पर चलने वाला चीन अब भारत के बाद यूरोपियन यूनियन की तरफ इस उम्मीद से देख रहा है कि कोई तो अमेरिका की धौंसगिरी के खिलाफ उसके साथ खड़ा हो।

ट्रंप के टैरिफ पंच तिलमिलाए चीन ने खुलेआम ट्रेड वॉर के संकेत दे दिए हैं। चीन का कहना है कि अगर अमेरिका बेरोकटोक मनमानी करता रहा, तो चीन पूरी ताकत से ट्रेड वॉर लड़ेगा। इस मुद्दे को लेकर चीन की सरकार इस बार बेहद आक्रामक मूड में नजर आई। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने कहा, "ट्रेड वॉर में कोई नहीं जीतता। लेकिन अगर अमेरिका जिद पर अड़ा रहा, तो चीन भी पीछे नहीं हटेगा। हम डरते नहीं हैं।"

यूरोपियन यूनियन का साथ चाहता है चीन

बीजिंग में स्पेन के प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज से मुलाकात के दौरान राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने यह कड़ा संदेश दिया। उन्होंने कहा, "चीन और यूरोप को अंतरराष्ट्रीय जिम्मेदारियों को निभाते हुए अमेरिका की एकतरफा और जबरदस्ती की नीतियों का मिलकर विरोध करना चाहिए।"

गौरतलब है कि जवाबी कार्रवाई में चीन ने भी अमेरिकी सामानों पर टैरिफ 125% तक बढ़ा दिया है। ये लड़ाई अब सिर्फ दो देशों के बीच नहीं रही, इसका असर पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था पर साफ दिखने लगा है।

चीन को भारत से भी आशाएं

अब चीन भारत की ओर भी उम्मीद भरी निगाहों से देख रहा है। हाल ही में चीनी दूतावास ने बयान दिया कि अमेरिका की टैरिफ नीति विकासशील देशों के हक छीन रही है। ऐसे में भारत और चीन को साथ खड़े होना चाहिए। खुद राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने भी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से इसी भावना का जिक्र किया था।

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भारत का क्या रुख

हालांकि भारत ने इस मसले पर अब तक बेहद सधा और संतुलित रवैया अपनाया है। ट्रंप ने भारत को डिस्काउंटेड टैरिफ की पेशकश दी है, यानि कुछ सामानों पर सिर्फ 36% टैक्स लगाया जाएगा। लेकिन भारत ने साफ कर दिया है कि वो फिलहाल अमेरिका पर कोई जवाबी टैरिफ नहीं लगाएगा, बल्कि व्यापार समझौतों में छूट की शर्तों पर नए सिरे से मोलभाव करेगा।

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