गलती हो गई लेकिन..; यमन पर हमले से पहले US सैन्य योजना लीक होने पर तुलसी गबार्ड
- हूती विद्रोहियों पर हमले की जानकारी लीक होने से अमेरिकी राजनैतिक गलियारों में हंगामा मचा हुआ है। तुलसी गबार्ड ने इस घटना को एक गलती के रूप में स्वीकार करते हुए कहा कि जो जानकारी लीक हुई है। वह अस्पष्ट और महत्वपूर्ण थी। लेकिन इसमें किसी भी तरह की गोपनीय जानकारी लीक नहीं हुई है

यमन में हूती विद्रोहियों के ऊपर अमेरिकी लड़ाकू विमानों द्वारा किए गए हवाई हमलों की जानकारी लीक होने से अमेरिका में हडकंप मचा हुआ है। अमेरिकी राष्ट्रीय खुफिया विभाग की निदेशक तुलसी गबार्ड ने इस मामले बुधवार को माना कि इस मामले में गलती से एक पत्रकार जेफरी गोल्डबर्ग को चैट में जोड़ दिया गया था। उन्होंने कहा कि जिस चैट की बात की जा रही है उसमें अस्पष्ट लेकिन संवेदनशील जानकारी शामिल थी। हालांकि उसमें हूती विद्रोहियों पर हमले से जुड़ी कोई खुफिया जानकारी नहीं थी।
बुधवार को हाउस इंटेलिजेंस कमेटी के सामने सफाई देते हुए तुलसी ने कहा," बातचीत अस्पष्ट लेकिन संवेदनशील थी लेकिन जैसा की राष्ट्रपति और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने कहा कि इस चैट में कोई भी गोपनीय जानकारी जैसे की किस तरह का हमला होगा, किस जगह पर होगा, किस तरीके का होगा.. इस तरह की कोई भी जानकारी नहीं थी।
इस तरह अमेरिकी सैन्य अभियान की जानकारी के लीक होने पर डेमोक्रेटिक पार्टी के नेताओं ने रिपब्लिकन पार्टी को आड़े हाथों लेते हुए इसकी जांच की मांग की। हाउस इंटेलिजेंस कमेटी ने भी इस मुद्दे को लेकर कहा कि इसकी पूरी तरह के जांच की जाएगी। हालांकि राष्ट्रपति ट्रंप ने इसे एक छोटी सी भूल कहकर ज्यादा महत्व न देने की बात कही।
क्या है पूरा मामला?
यह पूरा मु्द्दा तब सामने आया था जब एक वरिष्ठ पत्रकार गोल्डबर्ग ने कहा कि यमन में हूती विद्रोहियों पर अमेरिकी सैन्य हमले के पहले उन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइक वाल्ट्ज से एक चैट का आमंत्रण मिला था। इस चैट में यमन में हमलों से जुड़ी जानकारी थी। बाद में वाल्ट्ज ने इस गलती को स्वीकार भी किया।
गोल्डबर्ग ने अपनी पत्रिका में बाद में अपने इस पूरे घटनाक्रम को छापा भी। हालांकि ट्रंप प्रशासन की तरफ से लोगों ने इसके बारे में कहा कि इस पूरी ग्रुप चैट में किसी की तरह की खुफिया जानकारी का उल्लेख नहीं किया गया था।
गोल्डबर्ग के मुताबिक इस ग्रुप में आए मैसेजेस में सैन्य कार्रवाई से जुड़ी विस्तृत जानकारी शामिल थी। हालांकि गबार्ड, रैटक्लिफ और व्हाइट हाउस ने इसे खारिज करते हुए कहा कि इसमें कोई भी गोपनीय जानकारी नहीं थी। बुधवार को डेमोक्रेटिक पार्टी ने भी रिपब्लिकन्स के इन दावों को सिरे से खारिज कर दिया।
विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने मीडिया से बात करते हुए इस बात को स्वीकार किया कि एक पत्रकार को खुफिया जानकारी मिलना प्रशासन की सबसे बड़ी गलती है। हालंकि उन्होंने आश्वासन दिया कि साझा की गई कोई भी जानकारी से ऑपरेशन या सैनिकों के जीवन को कोई खतरा नहीं है। वहीं व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविन ने प्रेस से बात करते हुए इसे डेमोक्रेट्स का अराजकता फैलाने का हथियार बताया। उन्होंने कहा कि प्रशासन की तरफ से इस बारे में जानकारी दे दी गई है। अब यह अमेरिका की जनता पर है कि वह किसकी राय को मानते हैं।
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