क्या है मुस्लिम ब्रदरहुड, जिस पर इस्लामिक देश ने ही लिया ऐक्शन; गैरकानूनी घोषित कर संपत्ति जब्त
जॉर्डन में मुस्लिम ब्रदरहुड आंदोलन की राजनीतिक शाखा, इस्लामिक एक्शन फ्रंट, पिछले सितंबर में हुए चुनावों के बाद संसद में सबसे बड़ा राजनीतिक समूह बन गया था। हालांकि अधिकांश सीटें अभी भी सरकार के समर्थकों के पास हैं।

दक्षिण-पश्चिम एशिया का इस्लामिक देश जॉर्डन ने बुधवार को मुस्लिम ब्रदरहुड को गैरकानूनी घोषित कर दिया है और उसकी सारी गतिविधियों पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसके साथ ही इस समूह की सारी संपत्ति जब्त कर ली है। यह जॉर्डन का सबसे मुखर विपक्षी समूह है। वहां के आंतरिक मंत्री माज़ेन फ्राया ने कहा कि मुस्लिम ब्रदरहुड समूह के सदस्यों को तोड़फोड़ की साजिश में शामिल पाया गया है। इसके बाद इस समूह पर कार्रवाई की गई है। सरकार के ऐक्शन के बाद बड़ी संख्या में पुलिस बल को मुस्लिम ब्रदरहुड के दफ्तर के चारों ओर देखा गया,जो वहां की तलाशी ले रहे थे।
फिलहाल, समूह की तरफ से कोई टिप्पणी नहीं आ सकी है। मुस्लिम ब्रदरहुड का दशकों से जॉर्डन में कानूनी रूप से संचालन होता रहा है और देश भर में प्रमुख शहरों में उसके केंद्र हैं और दर्जनों दफ्तर हैं, जिसे जमीनी स्तर पर व्यापाक समर्थन हासिल है। जॉर्डन ने पिछले सप्ताह कहा था कि उसने मुस्लिम ब्रदरहुड के 16 सदस्यों को गिरफ्तार किया है, जिन्हें लेबनान में प्रशिक्षित किया गया था और फंडिग दी गई थी। सरकारी अधिकारियों के मुताबिक, ये लोग देश के अंदर ही रॉकेट और ड्रोन से हमले की साजिश रच रहे थे। जॉर्डन ने 2024 में विफल साजिश का श्रेय भी जॉर्डन में मुस्लिम ब्रदरहुड सेल को दिया था।
प्रतिबंध में क्या-क्या शामिल?
फ्राया ने कहा कि समूह की सभी गतिविधियों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है और इसकी विचारधारा को बढ़ावा देने वाले किसी भी व्यक्ति को कानून के तहत जवाबदेह ठहराने का ऐलान किया गया है। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा लगाए गए प्रतिबंध में इस समूह द्वारा कुछ भी प्रकाशित करना और उसके सभी कार्यालयों और संपत्ति को सील करना और उसे जब्त करना शामिल है। अधिकारियों ने कहा कि सरकारी अभियोजक के आदेश पर काम कर रहे कई सुरक्षाकर्मियों ने मुस्लिम ब्रदरहुड के कार्यालयों पर छापा मारा और दस्तावेजों की तलाशी ली है। उन्होंने कहा कि सबूत छिपाने के लिए कुछ दस्तावेजों को पहले ही हटा दिया गया था या फिर नष्ट कर दिया गया था।
क्या है मुस्लिम ब्रदरहुड?
बता दें कि मुस्लिम ब्रदरहुड मिस्र का सबसे पुराना और सबसे बडा़ इस्लामिक संगठन है। इसे इख्वान अल- मुस्लमीन के नाम से भी जाना जाता है, जिसकी स्थापना 1928 में हसन अल-बन्ना ने की थी। शुरू में इस संगठन ने अरब देशों में इस्लामिक आंदोलनों को प्रभावित किया और मध्य-पूर्व के देशों में खूब विस्तार पाया। शुरुआती दौर में इस आंदोलन का मकसद इस्लाम के नैतिक मूल्यों और अच्छे कामों का प्रचार प्रसार करना था, लेकिन बाद में मुस्लिम ब्रदरहुड राजनीति में शामिल हो गया और कई देशों में राजनैतिक विरोधी संगठन बन गया। जॉर्डन में भी यह एक मुखर राजनीतिक विरोधी संगठन के रूप में उभरा है।
अरब दुनिया का प्रभावशाली आंदोलन
अरब दुनिया के सबसे पुराने और सबसे प्रभावशाली इस्लामवादी आंदोलनों में से एक मुस्लिम ब्रदरहुड ने कथित साजिश से जुड़े होने से इनकार किया है, लेकिन स्वीकार किया है कि इसके सदस्य कब्जे वाले वेस्ट बैंक में फिलिस्तीनियों को हथियारों की तस्करी में व्यक्तिगत रूप से शामिल हो सकते हैं। मुस्लिम ब्रदरहुड के विरोधी इसे एक खतरनाक आतंकवादी समूह कहते हैं और इसे कुचल देने के हिमायती रहे हैं।
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