क्या है 'ट्रेन डी अरागुआ' गैंग, जिस पर बरपा ट्रंप का कहर; 10 सालों से US के लिए कैसे बना हुआ है सिरदर्द
यह हिंसक गिरोह पूरे अमेरिका में सेक्स ट्रैफिकिंग, ड्रग्स स्मगलिंग और प्रवासियों से जबरन वसूली में शामिल रहा है। कई मौकों पर इस गिरोह के सदस्यों की पुलिस के साथ गोलीबारी और मुठभेड़ हो चुकी है।

अमेरिका में एक संघीय अदालत द्वारा 18वीं सदी के युद्धकालीन अधिनियम के तहत निर्वासन पर अस्थायी रूप से रोक लगाने का आदेश जारी करने के बावजूद डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने सैकड़ों प्रवासियों को अल साल्वाडोर भेज दिया है। इनमें से अधिकांश वेनेजुएला के गैंग 'ट्रेन डी अरागुआ'के सदस्य बताए जा रहे हैं। राष्ट्रपति ट्रंप ने इनके निर्वासन में तेजी लाने के लिए 18वीं सदी के कानून का इस्तेमाल किए जाने की घोषणा पहले ही कर दी थी। हालांकि, कोर्ट का आदेश आता उससे पहले ही दो विमान इन प्रवासियों को लेकर अल साल्वाडोर और होंडुरास की ओर उड़ान भर चुके थे।
ट्रंप प्रशासन का दावा है कि निर्वासित किए गए प्रवासी 'ट्रेन डी अरागुआ' गैंग के सदस्य थे। हालांकि, इसका ठोस प्रमाण नहीं दिया गया है। वैसे ट्रंप प्रशासन ने यह जानकारी दी है कि दो शीर्ष MS-13 गिरोह के सदस्यों को भी एल साल्वाडोर भेजा गया है। दूसरी तरफ मानवाधिकार संगठनों का कहना है कि सरकार बिना किसी कानूनी प्रक्रिया के वेनेजुएला के नागरिकों को भी गैंग से जोड़कर निर्वासित कर रही है।
क्या है 'ट्रेन डी अरागुआ' गैंग
ट्रेन डी अरागुआ वेनेजुएला का एक अंतरराष्ट्रीय आपराधिक गिरोह है, जो विदेशों में आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देता है। ऐसा माना जाता है कि इस गिरोह में 5000 से ज्यादा सदस्य हैं और ये सभी शरणार्थी शिविरों में रहते हैं और वहीं से अपने मंसूबों को अंजाम देते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ट्रेन डी अरागुआ का सरगना हेक्टर रुस्टेनफोर्ड गुरेरो फ्लोरेस उर्फ नीनो गुरेरो है। वेनेजुएला शरणार्थी संकट के कारण इस गैंग का विस्तार संयुक्त राज्य अमेरिका और लैटिन अमेरिकी देशों में तेजी से हुआ। इस गैंग का गठन 2009 और 2010 के बीच हुआ है।
AP की रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रेन डी अरागुआ गिरोह पिछले एक दशक में पश्चिमी गोलार्ध में अपहरण, जबरन वसूली और अन्य अपराधों में लिप्त रहा है। इनका संबंध वेनेजुएला से बड़े पैमाने पर पलायन कर आए जनसमूह से है। हालांकि, अमेरिका में ट्रेन डी अरागुआ के बारे में लोगों में भय और जागरूकता तब देखने को मिली, जब सोशल मीडिया पर एक सीसीटीवी फुटेज में उसकी हरकतें कैद हुईं, जिसमें भारी हथियारों से लैस इस गैंग का एक समूह डेनवर के उपनगर ऑरोरा में एक अपार्टमेंट में जबरन घुसता हुआ दिखाई दिया था।
अमेरिका के लिए क्यों सिरदर्द
डोनाल्ड ट्रम्प ने अपने चुनावी अभियान के दौरान कहा था कि उन्होंने ऑरोरा को वेनेजुएला के इस गैंग से लोगों से मुक्त कराने की योजना बनाई है। हालांकि, तब उन्होंने इसके बारे में एक झूठा दावा भी किया था कि यह गैंग पूरे शहर पर कब्जा कर रहा है। हथियारों की तस्करी में भी यह गैंग शामिल रहा है। न्यूयॉर्क में इस गैंग के 10 लोग इस अपराध को अंजाम देते गिरफ्त में आ चुके हैं। इतना ही नहीं यह हिंसक गिरोह पूरे अमेरिका में सेक्स ट्रैफिकिंग, ड्रग्स स्मगलिंग और प्रवासियों से जबरन वसूली में शामिल रहा है। कई मौकों पर इस गिरोह के सदस्यों की पुलिस के साथ गोलीबारी और मुठभेड़ हो चुकी है। यानी पिछले करीब एक दशक से यह गैंग अमेरिकी नागरिकों और पुलिस के लिए सिरदर्द बना हुआ है।
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