कौन है कनाडा का रहस्यमयी ‘बाबूजी’? इसी के गैंग ने निगल लिया गुजरात का चौधरी परिवार, नदी में मिली लाशें
- मार्च 2023 में चौधरी परिवार मॉन्ट्रियल पहुंचा, जहां से वे डोमेस्टिक फ्लाइट लेकर विनीपेग पहुंचे। इसके बाद, एक ग्रे डॉज कैरावैन वाहन उन्हें लेने आया, जिसे 'बाबूजी' के एक सहयोगी द्वारा चलाया जा रहा था।

कनाडा में एक रहस्यमयी मानव तस्कर इन दिनों चर्चा का केंद्र बना हुआ है। इस शख्स को "बाबूजी" के नाम से जाना जाता है। रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस (RCMP) ने इस शख्स को एक बड़े मानव तस्करी नेटवर्क का हिस्सा बताया है, जिसके कारण गुजरात के एक परिवार की दर्दनाक मौत हो गई। यह परिवार अमेरिका में बेहतर भविष्य की तलाश में सेंट लॉरेंस नदी के ठंडे पानी में डूब गया था। अब कनाडाई पुलिस इस "बाबूजी" की तलाश में जुटी है, लेकिन उसकी पहचान और ठिकाना अभी तक सामने नहीं आया है।
मृतकों की पहचान प्रवीन चौधरी (50), उनकी पत्नी दक्षा (45), बेटी विधि (23) और बेटा मितकुमार (20) के रूप में हुई है। वे अमेरिका में बेहतर भविष्य की उम्मीद लिए निकले थे, लेकिन उन्हें एक खतरनाक सीमा पार कराने के प्रयास में अपनी जान गंवानी पड़ी।
कैसे हुई चौधरी परिवार की मौत?
मार्च 2023 में चौधरी परिवार मॉन्ट्रियल पहुंचा, जहां से वे डोमेस्टिक फ्लाइट लेकर विनीपेग पहुंचे। इसके बाद, एक ग्रे डॉज कैरावैन वाहन उन्हें लेने आया, जिसे 'बाबूजी' के एक सहयोगी द्वारा चलाया जा रहा था। परिवार को ओंटारियो स्थित साउथ लैंकेस्टर के एक एस्सो गैस स्टेशन पर थोड़ी देर के लिए रोका गया और फिर कॉर्नवाल के एक मोटल में ठहराया गया। 23 मार्च की रात, उन्हें अमेरिका में अवैध रूप से प्रवेश कराने के लिए सेंट लॉरेंस नदी पार कराई गई। छह दिन बाद, उनके शव नदी से बरामद हुए। इस हादसे में चार रोमानियाई प्रवासी और नाव चलाने वाला ऑपरेटर भी मारा गया। जांच में पता चला कि यह तस्करी का एक बड़ा ऑपरेशन था, जिसमें "बाबूजी" मुख्य सूत्रधार हो सकता है।
'बाबूजी' कौन है?
कनाडाई अधिकारियों और भारतीय प्रवासी समुदाय के सूत्रों के अनुसार, 'बाबूजी' उर्फ बाबूभाई या बाबुची, एक कनाडा-स्थित गुजराती व्यक्ति है, जो भारत से लोगों को अमेरिका में अवैध रूप से प्रवेश कराने के लिए जाना जाता है। वह मुख्य रूप से गुजरात और पंजाब से आने वाले अप्रवासियों को तस्करी कराने में शामिल है। RCMP के अनुसार, इस गिरोह का सरगना मॉन्ट्रियल में रहने वाला श्रीलंकाई मूल का थेसिंगारासन रसैया है। रसैया का करीबी सहयोगी जोएल पोर्टिलो भुगतान, ड्राइवरों और अन्य तस्करों से कॉर्डिनेट करता था। हालांकि, कोर्ट के रिकॉर्ड में "बाबूजी" को इस साजिश का मुख्य चेहरा बताया गया है।
14 लाख डॉलर का संदिग्ध लेन-देन
पुलिस जांच में एक मोबाइल नंबर सामने आया है, जिससे तस्करी के शिकार लोगों और नाव ऑपरेटरों को निर्देश दिए जाते थे। इसी नंबर से पहले भी कई अवैध प्रवासियों को अमेरिका भेजने के निर्देश मिले थे। गुजरात में चौधरी परिवार के रिश्तेदारों ने पुलिस को बताया कि उन्होंने तस्करों को सुरक्षित अमेरिका पहुंचाने के लिए 1,00,000 डॉलर चुकाए थे। लेकिन इसके बदले उन्हें अमानवीय परिस्थितियों का सामना करना पड़ा, जो अंततः उनके लिए जानलेवा साबित हुआ। RCMP ने अब तक रसैया के गिरोह से जुड़े 1.4 मिलियन डॉलर (लगभग 11.6 करोड़ रुपये) की संदिग्ध ट्रांजेक्शन का पता लगाया है। हालांकि, 'बाबूजी' का अब तक कोई सुराग नहीं मिला है और वह फरार बताया जा रहा है।
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