निज्जर हत्याकांड पर टिप्पणी करने से इनकार कर प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने संकेत दिया है कि वह इस संवेदनशील मामले को राजनीतिक रंग देने के बजाय कानूनी प्रक्रिया पर भरोसा करते हैं।
कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने पीएम मोदी को फोन करके उन्हें जी-7 सम्मेलन में हिस्सा लेने का न्योता दिया है।
कांग्रेस ने कहा कि 2014 के बाद भी भारतीय प्रधानमंत्रियों को आमंत्रित करने की परंपरा जारी रही, लेकिन इस बार कनाडा शिखर सम्मेलन में भारत की अनुपस्थिति एक बड़ा कूटनीतिक असफलता है।
कनाडा की विदेश मंत्री अनीता आनंद ने हाल ही में यह बयान दिया है कि कनाडा भारत के साथ संबंधों को ठीक करने की दिशा में काम कर रहा है। उन्होंने बीते दिनों भारत के विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर से भी बातचीत की है।
चुनाव प्रचार के दौरान भी मार्क कार्नी ने कहा था कि भारत के साथ रिश्तों को फिर से बनाना उनकी सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि कनाडाई लोगों के भारत के साथ गहरे व्यक्तिगत, आर्थिक और रणनीतिक संबंध रहे हैं।
प्रधानमंत्री कार्नी की नई कैबिनेट में अनीता आनंद की भूमिका काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है। भारत और कनाडा के बीच संबंधों को मजबूत करने में भी उनकी भूमिका अहम हो सकती है।
सोशल मीडिया पर एक यूजर ने लिखा कि कनाडा के मलटन गुरुद्वारे में खालिस्तानी समूह ने देश के 8 लाख हिंदुओं को हिंदुस्तान वापस भेजने की मांग की। अब एक पत्रकार ने पीएम कार्नी से गंभीर सवाल पूछे हैं।
कनाडा के संघीय चुनाव ने राजनीतिक परिदृश्य को झकझोर दिया। लिबरल पार्टी के मार्क कार्नी ने जीत हासिल की, जबकि न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी (एनडीपी) को करारी हार का सामना करना पड़ा। एनडीपी नेता जगमीत सिंह खालिस्तान समर्थक रहे हैं।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की कनाडा के अमेरिका में विलय की धमकियों और व्यापार युद्ध ने लिबरल पार्टी की इस जीत में अहम भूमिका निभाई। चुनावी विश्लेषकों के अनुसार, शुरुआत में कनाडा में माहौल लिबरल पार्टी के समर्थन में नहीं दिख रहा था। पर ट्रंप के बयानों ने गेम ही पलट दिया।
वंशिका भारत से कनाडा पढ़ाई के लिए आई थी। वह ओटावा में एक शैक्षणिक संस्थान में स्टडी कर रही थी। वह 25 अप्रैल को रात करीब 9 बजे किराए का कमरा तलाशने के लिए घर से निकली थी।