राजनयिक संकट के बाद पहली बार जयशंकर ने कनाडाई विदेश मंत्री से की बात, किन मुद्दों पर हुई चर्चा
चुनाव प्रचार के दौरान भी मार्क कार्नी ने कहा था कि भारत के साथ रिश्तों को फिर से बनाना उनकी सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि कनाडाई लोगों के भारत के साथ गहरे व्यक्तिगत, आर्थिक और रणनीतिक संबंध रहे हैं।

भारत और कनाडा में बड़े कूटनीतिक विवाद के बाद रविवार को दोनों देशों के बीच पहली आधिकारिक बातचीत हुई। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने नई कनाडाई विदेश मंत्री अनिता आनंद से फोन पर बात की। दोनों नेताओं ने भारत और कनाडा के बीच रिश्तों को और मजबूत करने पर चर्चा की। मालूम हो कि 58 साल की अनिता भारतीय मूल की कनाडाई नागरिक हैं। उन्हें इस महीने की शुरुआत में कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने कैबिनेट फेरबदल में विदेश मंत्री बनाया था। ये फेरबदल तब हुआ जब कार्नी की लिबरल पार्टी ने हाल ही में हुए संघीय चुनावों में जीत हासिल की।
एस जयशंकर ने एक्स पर लिखा, 'कनाडा की विदेश मंत्री अनिता आनंद से फोन पर बात करके अच्छा लगा। हमने भारत-कनाडा रिश्तों की संभावनाओं पर चर्चा की। उन्हें उनके कार्यकाल के लिए ढेर सारी शुभकामनाएं।' अनिता ने भी एक्स पर जवाब देते हुए कहा, 'विदेश मंत्री जयशंकर के साथ आज हमारी बातचीत बहुत उपयोगी रही। हमने कनाडा-भारत रिश्तों को मजबूत करने, आर्थिक सहयोग बढ़ाने और साझा प्राथमिकताओं पर काम करने को लेकर चर्चा की। मैं भविष्य में आपके साथ काम करने को उत्सुक हूं।'
जस्टिन ट्रूडो के कार्यकाल में रिश्ते बिगड़े
इससे पहले, 14 मई को एस जयशंकर ने अनिता आनंद को विदेश मंत्री बनने पर बधाई दी थी। अनिता पहले कनाडा की इनोवेशन, साइंस और इंडस्ट्री मिनिस्टर थीं। वह रक्षा मंत्री जैसे अहम पदों पर भी रह चुकी हैं। उन्होंने मेलानी जोली की जगह ली है, जो अब कनाडा की इंडस्ट्री मिनिस्टर बनाई गई हैं। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मार्क कार्नी को कनाडा का प्रधानमंत्री चुने जाने पर बधाई दी थी, जब उनके पूर्ववर्ती जस्टिन ट्रूडो ने पद छोड़ा था। कार्नी की लीडरशिप में भारत द्विपक्षीय रिश्ते में नई शुरुआत करना चाहता है, जो ट्रूडो के कार्यकाल में खालिस्तान समर्थक आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या से जुड़े बेबुनियाद आरोपों के कारण तनावपूर्ण हो गया था।