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पाकिस्तान को क्यों पुचकार रहे डोनाल्ड ट्रंप, आसिम मुनीर को बुलाकर कहां इस्तेमाल करने की तैयारी

पाकिस्तान पर अकसर हमलावर रहने वाले ट्रंप आखिर मुनीर से क्यों मिल रहे हैं और अचानक इतनी मेहरबानी की क्या वजहें हैं। पाकिस्तानी सेना प्रमुख आसिम मुनीर की ट्रंप से मुलाकात को उनके देश में काफी तवज्जो दी जा रही है और पाक इसे अपने लिए बढ़त के तौर पर देख रहा है। लेकिन जानकार इसकी वजह कुछ और मानते हैं।

Surya Prakash लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीThu, 19 June 2025 09:44 AM
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पाकिस्तान को क्यों पुचकार रहे डोनाल्ड ट्रंप, आसिम मुनीर को बुलाकर कहां इस्तेमाल करने की तैयारी

किसी भी देश के राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री आमतौर पर दूसरे मुल्क के अपने समकक्ष नेताओं से ही मुलाकात करते हैं। सेना प्रमुख जैसी शख्सियतों से मुलाकातें नहीं होतीं। ऐसे में जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने लीक से हटकर पाकिस्तान के सेना प्रमुख आसिम मुनीर से मुलाकात की तो सवाल उठ रहे हैं कि आखिर इसके मायने क्या हैं। पाकिस्तान पर अकसर हमलावर रहने वाले डोनाल्ड ट्रंप आखिर आसिम मुनीर से क्यों मिल रहे हैं और अचानक इतनी मेहरबानी की क्या वजहें हैं। पाकिस्तानी सेना प्रमुख आसिम मुनीर की डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात को उनके देश में काफी तवज्जो दी जा रही है और पाक इसे अपने लिए बढ़त के तौर पर देख रहा है। लेकिन जानकार इसकी वजह कुछ और मानते हैं।

एक्सपर्ट्स का मानना है कि ईरान के चलते अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान को साथ लेने की कोशिशें शुरू कर दी हैं। ट्रंप चाहते हैं कि पाकिस्तान की जमीन का इस्तेमाल ईरान के खिलाफ हमलों के लिए लॉन्च पैड के तौर पर किया जाए। अमेरिकी सूत्रों का कहना है कि यदि जंग बढ़ी तो किसी भी समय ईरान के खिलाफ अमेरिका भी कूद सकता है। ऐसी स्थिति में पूरी तैयारी अमेरिकी सेना और प्रशासन कर लेना चाहते हैं। ईरान पर हमले के लिए अमेरिका को लॉन्चपैड की जरूरत होगी। भारत या किसी भी मुल्क की सरकार ऐसा मौका अमेरिका को नहीं दे सकती। संप्रभुता के नाम पर कोई भी देश अमेरिका को लॉन्चपैड की इजाजत नहीं देगा।

ईरान को अकेला करने की तैयारी में हैं अमेरिका और पाकिस्तान

लेकिन पाकिस्तान की स्थिति इतनी कमजोर है कि वह इसके लिए राजी हो सकता है। आईएमएफ की फंडिंग से लेकर अन्य तमाम मददों को अमेरिका पाकिस्तान के इनकार पर रोक सकता है। ऐसी स्थिति में पाकिस्तान किसी भी हाल में अमेरिका को ईरान के खिलाफ हमले से रोकने की स्थिति में नहीं है। यही नहीं पाकिस्तान की हैसियत भी इससे सामने आती दिख रही है, जो कल तक इजरायल पर परमाणु हमले की धमकी दे रहा था। लेकिन अब ईरान पर हमले के लिए अपनी जमीन के इस्तेमाल पर भी राजी होता दिख रहा है। अमेरिका और इजरायल की एक रणनीति यह भी है कि ईरान को इस्लामिक जगत में ही अकेला कर दिया जाए।

पाकिस्तान की एक कमजोरी भी है, जिससे मजबूत हैं आसिम मुनीर

पाकिस्तान के अलावा अन्य किसी मुस्लिम मुल्क ने ईरान का अब तक खुलकर समर्थन भी नहीं किया था। अब पाकिस्तान को भी अमेरिकी सरकार शांत कराना चाहती है। अब पाकिस्तान की बात करें तो उसका एक स्वार्थ यह भी है कि आर्थिक तंगी के दौर में अमेरिका का साथ बना रहे। पहले भी जिया उल हक से लेकर परवेज मुशर्रफ तक कई नेता अमेरिका से अरबों डॉलर की मदद और हथियार लेते रहे हैं। इस बीच इमरान खान की पार्टी पीटीआई के समर्थकों का आरोप है कि आसिम मुनीर ने अमेरिका में इजरायली लॉबी से भी मुलाकात की है।

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मुनीर नहीं चाहते कोई और इस्लामिक मुल्क पाए परमाणु हथियार?

इन लोगों का कहना है कि आसिम मुनीर नहीं चाहते कि कोई दूसरा इस्लामिक मुल्क भी परमाणु संपन्न हो। ऐसे में ईरान की बजाय अमेरिका से हाथ मिलाने में यह भी एक रणनीति है। बता दें कि कट्टर इस्लामिक छवि वाले आसिम मुनीर ने अब तक इजरायल और ईरान की जंग को लेकर सार्वजनिक तौर पर कुछ नहीं कहा है। जबकि पाकिस्तान की नागरिक सरकार लगातार ईरान का समर्थन करती रही है।

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